आउट ऑफ पवेलियन : क्या फुटबॉलर ने बनाई अश्लील क्लिप?

अमिताभ श्रीवास्तव

ब्राजील का पूर्व सुपरस्टार फुटबॉल खिलाड़ी इन दिनों एक बूढ़ी मॉडल के नग्न चित्र को लेकर अफवाह का केंद्र बन गया है, मगर अब उसने खुलासा कर दिया है। दरअसल, एक ७२ वर्षीय ग्लैमर मॉडल के चित्र को लेकर अफवाह है कि फुटबॉल के दिग्गज रोनाल्डिन्हो ने शॉवर में उनका नग्न वीडियो फिल्माया था। ग्रेसिएला अल्फानो एक मॉडल और अभिनेत्री हैं, जो अर्जेंटीना से हैं और १९७० के दशक के अंत में सेक्स सिंबल बन गई थीं। इंस्टाग्राम पर उसके एक मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं और वह नियमित रूप से उन्हें अजीबोगरीब तस्वीरें पोस्ट कर प्रसन्न करती रहती हैं, लेकिन हाल ही में अपलोड की गई एक तस्वीर ने प्रशंसकों को बिल्कुल हैरान कर दिया। अल्फानो ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वो नहाते समय नग्नावस्था में दिखाई दे रही हैं और प्रशंसक तुरंत इस निष्कर्ष पर पहुंच गए कि वैâमरे के पीछे ब्राजील के आइकन ४४ वर्षीय रोनाल्डिन्हो ही हैं क्योंकि उसी दिन अल्फानो ने एक होटल की लॉबी में रोनाल्डिन्हो के साथ एक फोटो अपलोड की थी। दोनों ने वैâमरे के सामने दोस्ताना पोज दिया था। हालांकि, अब उन्होंने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि वैâमरे के पीछे कौन था और अल्फानो के अनुसार, रोनाल्डिन्हो का इस अश्लील क्लिप से कोई लेना-देना नहीं था।
पत्नी की हत्या कर की आत्महत्या
उस स्टार मुक्केबाज ने पहले अपनी बीवी की हत्या की फिर आत्महत्या कर ली। आखिर ऐसा क्यों किया, जबकि वो अपनी पत्नी से प्रेम करता था। एडविन वेलेरो एक अपराजित चैंपियन था, उसकी पत्नी सुंदर थी और दो बच्चे थे। लेकिन रिंग के बाहर वह नशे की लत से जूझ रहा था, जिसकी वजह से अंतत: उनकी जान चली गई। डब्ल्यूबीसी के अध्यक्ष मौरिसियो सुलेमान ने बताया, ‘उनके हाथ अविश्वसनीय रूप से भारी थे। दुर्भाग्यवश उनका जीवन त्रासदी और विवाद में समाप्त हो गया, लेकिन रिंग के अंदर जो कुछ हुआ वह जबरदस्त था।’ वेलेरो वेनेजुएला के मेरिडा में पले-बढ़े और अपने अंदर पनप रहे गुस्से से लड़ने के लिए उन्होंने १२ साल की उम्र में मुक्केबाजी शुरू कर दी थी। उनका रिकॉर्ड ८६-६ था, जिसमें ५७ नॉकआउट शामिल थे तथा उन्होंने २००२ में पेशेवर बनने से पहले लगातार तीन वर्षों तक राष्ट्रीय खिताब जीते थे। वेलेरो की पत्नी जेनिफर के साथ उनके दो बेटे एडविन एंटोनियो और जेनिफर रोजलीन हैं। शराब और नशीले पदार्थों का आदी होने से उनके रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। वेनेजुएला में रिपोर्टों में दावा किया गया कि वेलेरो ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि उसने अपनी पत्नी की हत्या की है। जेनिफर के परिवार ने वेलेरो पर एक हिंसक, नशे का आदी बदमाश होने का आरोप लगाया। उसे जब हत्या के आरोप में पकड़ा गया तो उसके दूसरे दिन उसने आत्महत्या कर ली।

वर्कलोड बना रहा महिलाओं को अल्कोहल एडिक्ट! …पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक कर रही हैं तंबाकू का सेवन

नशे की लत एक गंभीर समस्या बन गई है और अब विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है। लंबे समय तक पुरुषों को नशे की लत का शिकार माना जाता था, लेकिन हाल ही में कुछ आंकड़ों और शोधों के अनुसार, अब महिलाओं में भी यह समस्या काफी बढ़ चुकी है। महिलाओं को नशे की लत होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मानसिक तनाव, पारिवारिक समस्याएं, समाजिक दबाव और व्यक्तिगत असंतोष प्रमुख हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इसका प्रभाव न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी गंभीर हो सकता है। हाल के वर्षों में महिलाओं में शराब, ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन की दर में बढ़ोतरी देखी गई है। यह चिंता का विषय बन चुका है क्योंकि नशे की लत महिलाओं के जीवन में कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।

नि:स्वार्थ सेवा, त्याग व समर्पण हो तो कन्यादान परिवार से जुड़ें …व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को ट्रस्ट में कोई जगह नहीं


-ट्रस्ट का आह्वान

सामना संवाददाता / मुंबई
राईपुर धर्मलक्ष्मी जनसेवा ट्रस्ट अपने सेवा कार्यों में निरंतता बनाए रखने के लिए जाना जाता है। राईपुर धर्मलक्ष्मी जनसेवा ट्रस्ट ने २०१६ में अपनी स्थापना के बाद मीरा-भायंदर में २०१७ में डॉ. कुमार विश्वास के हाथों कन्यादान अभियान की नींव रखी, जिसके बाद से लगातार मीरा-भायंदर में सात सफल सर्वजातीय सामूहिक विवाह महोत्सवों का आयोजन कर चुका है। एक आयोजन गोरेगांव के बांगुर नगर में भी किया गया था, जहां एक साथ ५५ बेटियों का कन्यादान किया गया था। एक कार्यक्रम नालासोपारा में भी आयोजित किया गया।
५,००० बेटियों का कन्यादान करना ट्रस्ट का संकल्प
ट्रस्ट ने कन्यादान अभियान के तहत १०वां सामूहिक विवाह समारोह २१ फरवरी २०२५ को बनारस में आयोजित किया, जिसमें १५ बेटियों का कन्यादान किया गया। संस्था ने ५,००० बेटियों का कन्यादान करने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों से मिलकर जरूरतमंद माता-पिता की बेटियों के विवाह की चिंता दूर करते हुए अब तक ३३९ शादियां कराई जा चुकी हैं। ट्रस्ट के महिला व पुरुष पदाधिकारी मिलकर इस कार्य में तन, मन, धन से लगे हुए हैं। इस अभियान से कई समाजसेवी, उद्योगपति, राजनेता, पत्रकार और कलाकार जुड़कर यथासंभव अपना सहयोग दे रहे हैं। ट्रस्ट ने बनारस में महाकुंभ के अवसर पर १५ बेटियों का कन्यादान कर एक प्रकार से इसे महाकुंभ का ही रूप दिया। मुंबई के लगभग डेढ़ सौ कार्यकर्ताओं ने वहां जाकर स्थानीय टीम के साथ मिलकर कन्यादान किया। इसी के साथ अयोध्या में रामलला का दर्शन व कुंभ स्नान भी किया। इस कार्य को दान, धर्म और कर्म से जोड़कर सनातन धर्म को मजबूत करने का कार्य किया। ट्रस्ट के इस सेवा कार्य को सफल बनाने के लिए कई लोग अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से नोवैक्स कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के केतन कनकिया, रवि अग्रवाल, गणेश अग्रवाल, डॉ. मोहनलाल अग्रवाल, राजेंद्र मित्तल, नवल किशोर सेकसरिया, उमराव सिंह ओस्तवाल, घनश्याम सिंह, विशाल सिंह, एड. आर पी. सिंह, रतनसिंह राठौड़, डॉ. योगेश लखानी, प्रेम सागर गुप्ता, सुखदेव सिंह राजपुरोहित, भरत सिंह राजपुरोहित, अरविंद जोशी, प्रदीप सुथार, चेतन शाह और मुकेश शर्मा ने प्रमुख भूमिका निभाई। ट्रस्ट ने कोरोनाकाल के साथ-साथ कई संकटों में भी अपने सेवा कार्य को रुकने नहीं दिया। ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि ट्रस्ट का हर कार्यकर्ता नि:स्वार्थ, त्याग और समर्पण की भावना के साथ इस अभियान से जुड़कर कार्य करता है। जिन्हें ट्रस्ट के नि:स्वार्थ, त्याग और समर्पण की भावना पसंद नहीं आती, वे लोग अपने आप दूर हो जाते हैं, क्योंकि संस्था ने एक ही मंत्र लोगों को दिया है कि जब तक आपके अंदर त्याग व समर्पण की भावना नहीं होगी, तब तक आप समाज को कुछ अच्छा नहीं दे पाएंगे। अगर लोकहित के लिए काम करना है तो अपने सुख को त्यागना होगा। जब दान, धर्म और कर्म की यात्रा पर निकले हो तो आपके दिल और मन में सेवा ही होनी चाहिए और जब आप सच्चे मन से सेवा के भाव में डूबे रहेंगे तो अपने सुख के बारे में नहीं सोच पाएंगे। इस सोच के साथ सभी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने के लिए कहा जाता है।
२० अप्रैल को मीरा-भायंदर में २१ बेटियों का किया जाएगा कन्यादान
संस्था नए सदस्यों को परिवार से जुड़ने से पहले समर्पण, नि:स्वार्थ और त्याग की भावना सिखाती है। अगर आपके मन में त्याग की भावना हो, तभी कन्यादान परिवार से जुड़ें। संस्था की विचारधारा में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की कोई जगह नहीं है, ऐसा स्पष्ट संदेश लोगों को दिया जाता है। संस्था इस अभियान को पूरे भारत में ले जाना चाहती है। उसी कड़ी में बनारस में पहला कार्यक्रम किया गया। ट्रस्ट का कन्यादान परिवार २० अप्रैल २०२५ को फिर २१ बेटियों का कन्यादान मीरा-भायंदर में करने जा रहा है।

तहकीकात : प्रॉपर्टी की खातिर बेटी बनी हैवान …कमरे में बंद कर बुजुर्ग मां को करती थी प्रताड़ित

फिरोज खान
‘मां मैं तेरा खून पी जाऊंगी…’ यह कोई और नहीं, बल्कि अपनी मां से क्रोध में आकर उसकी अपनी ही बेटी कह रही थी। अपनी मां को एक कमरे में बंद कर उसे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देनेवाली बेटी की बात जब मां नहीं मानती तो बेटी उसे पीटने के साथ ही दांतों से काटने लगती और मां हाथ जोड़कर उससे विनती करते हुए कहती ‘मुझे मत मार।’ रो-रो कर मां का बुरा हाल था, लेकिन आरोपी बेटी पीड़िता मां को बार-बार मारने के साथ ही गुस्से में कह रही थी कि ‘एक तो कागज में आग लगा दी। तुझे क्या लगता है तू अमर रहेगी। ज्यादा चालाक मत बन। आग लगा के सब कुछ खत्म कर दिया। तुझे कितनी बार समझाऊं। तूने मुझे मजबूर किया, मेरी आत्मा को रुलाया है। तेरे दिमाग में यह बात क्यों नहीं आ रही है। क्यों इतना चालाक बन रही है।’ बेटी की बातें सुनकर मां थर-थर कांप रही थी। बेटी से वो बस यही कहती रही कि ऐसा जालिमों वाला व्यवहार न कर। असल में मां अपनी बेटी से कई बार बोल चुकी थी कि अपनी ससुराल चली जा, लेकिन वो जाने को तैयार नहीं थी और इसकी मुख्य वजह थी प्रॉपर्टी। मां का मकान बेटी अपने नाम करवाना चाहती थी और मां इस बात के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। अगर मां अपना मकान बेटी के नाम कर देती तो उसके पास रहने का कोई और ठिकाना न था। खैर, वृद्धा का बेटा भी अपनी बहन के आतंक से परेशान था। वो बार-बार बहन को समझाने की कोशिश करता कि बुजुर्ग मां के साथ इस कदर बर्बरता भरा व्यवहार मत कर, लेकिन वो मानती ही नहीं। बहन के अत्याचार से तंग आकर भाई ने अलग रहने का पैâसला किया। बेटे ने पुलिस को बताया कि १० जनवरी के दिन बहन हरियाणा के साकेत मॉडर्न कॉलोनी स्थित घर पर आई थी। मां को उसने एक कमरे में वैâद कर उसका खाना-पीना बंद कर दिया। अपने दांतों से काटने के साथ ही मां को प्रताड़ित करनेवाली बेटी से भूखी-प्यासी मां जिंदगी की भीख मांग रही थी। बेटे से जब यह सब नहीं देखा गया तो उसने आजाद नगर पुलिस थाने में सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने वृद्धा का हाल देखा तो वो दंग रह गई। बुजुर्ग महिला को बेटी के चंगुल से छुड़ाकर पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है।

सत् वाणी : मानव का शरीर चला कैसे है

मानव का शरीर पांच तत्वों से बना है। जल (रक्त), थल (हड्डी और मांस), वायु (दस रुद्र वायुएं), अग्नि (आत्मा) और आकाश (ऊर्जा धाराएं और नाड़ियां) इन पांच तत्वों के पांच प्रकार के स्वाद होते हैं। जल का खारा, पृथ्वी का मीठा, वायु का अम्ल, अग्नि का तीखा और आकाश का कड़वा। मानव शरीर में इन पांच स्वादों से पांच प्रकार की भावनाएं उत्पन्न होती हैं। खारे स्वाद से लोभ की भावना उत्पन्न होती है। मीठे स्वाद से मोह की भावना उत्पन्न होती है। अम्ल स्वाद से काम की भावना उत्पन्न होती है। तीखे स्वाद से क्रोध की भावना उत्पन्न होती है। कड़वे स्वाद से अहंकार की भावना उत्पन्न होती है। अब भावना का अच्छा या बुरा उत्पन्न होना यह रूद्र वायुओं पर निर्भर करता है। पांच प्रकार की नाग वायु रुद्रों से बुरी भावनाएं उत्पन्न होती हैं। (नाग, कर्म, कीकल, देवदत्त और धनंजय) जिन भावनाओं के आवेश में आकर मानव बुरे कर्म संपन्न करता है। पांच प्रकार की प्राण वायु रूद्र वायुओं (प्राण, अपान समान, उदान और व्यान) से पांच प्रकार की अच्छी भावनाएं उत्पन्न होती हैं, जिससे प्राणी अच्छे कर्म संपन्न करता है। जब रक्त के माध्यम से तत्व आत्मा के संपर्क में आते हैं तो ये भावना हृदय से उत्पन्न होती है और मस्तिष्क में विराजे मन से टकराती है। मन इस भावना को विचार के रूप में तब्दील करता है और सोचने की क्रिया संपन्न करने हेतु बुद्धि को देता है। मानव की बुद्धि अनेक दिशाओं में सोचती है और अपनी सोच मन को व्यक्त करती है, जिसके उपरांत मन समझने की क्रिया संपन्न करता है। तत्पश्चात अपनी कर्म इंद्रियों को आदेश व ऊर्जा प्रदान करता है,। जिससे मानव शरीर कर्म संपन्न करता है। प्रत्यक्ष समय काल का मानव या तो मन की समझ को हावी कर लेता है। अपनी बुद्धि की सोच पर और शरीर से कर्म संपन्न कर रहा है या फिर अपनी ही बुद्धि की सोच को हावी कर रहा है। अपने ही मन की समझ पर और शरीर से कर्म संपन्न कर लेता है। प्रत्यक्ष समय काल के मानव को ज्ञान नहीं कि कौन-सा कर्म उसे समझदारी से संपन्न करना है और कौन-सा कर्म उसे होशियारी से संपन्न करना है। मानव के दुखी होने की यह बहुत बड़ी वजह भी है। मानव है कि समझदारी से अपने घर और रिश्तेदारों के साथ के कर्म संपन्न करे। जहां होशियारी का कोई काम नहीं है और व्यापार इत्यादि घर के बाहर वाले सारे कर्म होशियारी से संपन्न करें। जहां समझदारी का कोई काम नहीं। मानव मस्तिष्क का यह मन और बुद्धि का चक्र कुंडलिनी जागरण से पूर्ण रूप से छूटता है और तत्पश्चात मानव अपने मन और अपनी बुद्धि दोनों का सदुपयोग कर पता है।
– पं. राजकुमार शर्मा (शांडिल्य)
संपर्क – ७७३८७०७९२३

बीजेपी की डबल इंजन सरकारें बेटियों के लिए अभिशाप …अलका लांबा ने भाजपा पर साधा निशाना

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की बेटी के साथ महाराष्ट्र में अभद्र व्यवहार और महिला विरोधी अपराध की कुछ अन्य घटनाओं का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी की डबल इंजन सरकारें बेटियों के लिए अभिशाप साबित हो रही हैं। अलका लांबा ने यह भी कहा कि यदि केंद्रीय मंत्री को न्याय नहीं मिलता है तो उन्हें इस्तीफा देकर अपनी बेटी और ऐसी स्थिति का सामना करने वाली दूसरी बेटियों की लड़ाई लड़नी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ८ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा। लेकिन बेटियों के साथ जो अपराध हो रहे हैं, उनका क्या? पुणे में १९ साल की लड़की से सामूहिक बलात्कार हुआ।

हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री का सच : तुम और भी खिल उठोगी… केरल में सेक्सुअल हैरेसमेंट

एम एम एस

त्रिशूर (त्रिचूर) स्थित एक प्रतिष्ठित रिजॉर्ट में ह्युमन रिसोर्स प्रोफेशनल रवीना (बदला हुआ नाम) वैसे तो दिखने में स्मार्ट थी, लेकिन उसे पता था कि उसका रंग सांवलापन लिए हुए है। जब भी बचपन में वह अपनी मां से अपने रंग को लेकर सवाल करती तो उसकी मां कहती कि कृष्ण भगवान का रंग भी सांवला था। लेकिन वह जब बड़ी हुई, उसे इस बात का एहसास होने लगा कि उसके सांवले रंग को लेकर लोग कभी न कभी कमेंट करते थे।
होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करते-करते वह उसमें इतना डूब गई थी कि वह थोड़ी सी ‘हैवी’ लगने लगी। लेकिन यहां तक पहुंचते-पहुंचते वह यह भूल गई थी कि उसके रंग और उसकी हैवी बॉडी को लेकर लोग उस पर कमेंट करते हैं। उसके दोस्त उसे कहते हैं कि वह अब पहले से ज्यादा खूबसूरत लगने लगी है और यह सच भी था। उसके कॉलेज में हुए पैâशन शो में वह शो स्टॉपर थी।
उसने गौर किया कि लोग उसकी खूबसूरती की तारीफ तो करते थे, लेकिन साथ में कह भी देते, ‘अगर तुम्हारा रंग उजला होता तो क्या बात होती?’ एक दिन उसके रिजॉर्ट के सीनियर मैनेजर ने उससे कहा, ‘क्या तुमने गोरेपन की क्रीम का ऐड नहीं देखा? मुझे लगता है, तुम उसका इस्तेमाल करोगी तो और भी ‘खिल’ उठोगी। वैसे भी तुम्हें पता ही होगा कि हमारे गेस्ट उजले रंग को ज्यादा पसंद करते हैं…’ उसने दो सेकंड का पॉज लिया और फिर उसकी ओर देखते हुए बोला, ‘लेकिन मुझे यह कलर डिस्क्रिमिनेशन बिल्कुल पसंद नहीं है, मुझे तुम जैसी हो वैसे ही पसंद हो…’ रवीना को कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या रिएक्ट करें! फिर उसने उसकी तरफ गुस्से में देखा और चली गई।
उसके बाद बॉडी शेमिंग कमेंट्स मानो उसके हिस्से में आने वाली कमेंट्स का परमानेंट हिस्सा बनकर रह गया था। उसे वह दिन भी याद है, जब वह रिजॉर्ट के एंप्लॉइज के लिए यूनिफॉर्म के कपड़े के सिलसिले में बाजार गई थी। कपड़े के रेट को लेकर रवीना ने सीनियर मैनेजर से बात की। रवीना को उसकी बात उस वक्त बुरी तरह खल गई, जब उसने कहा कि तुम्हारे ब्लाउज के लिए ज्यादा कपड़ा लगेगा।
अति तो तब हुई जब एक रात उसने उसे कॉल किया। हालांकि, रवीना ने जब दूसरे दिन इस बारे में अपनी आपत्ति जाहिर की तो उसने रात नशे में होने का बहाना कहकर माफी मांग ली। इसके तुरंत बाद उसका रवैया बदल गया। उसने रवीना को इनवैâपेबल और अन प्रोफेशनल कहना शुरू कर दिया।
सच तो यह है कि ऐसा व्यवहार, जहां एक उत्पीड़क किसी ऐसे व्यक्ति के लिए ऐसा होस्टाइल वर्क एनवायरमेंट बनता है, जिसने सेक्सुअल और रोमांटिक प्रपोजल प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है, वैश्विक रूप से उसे सेक्सुअल हैरेसमेंट के रूप में पहचाना जाता है। अब रवीना के पास बहुत कम ऑप्शन बचे थे कि उसको इन तकलीफों से छुटकारा मिलता। क्योंकि वहां पर ऐसी कोई सुविधा नहीं थी जहां पर वह इस बारे में शिकायत कर पाती। शिकायत करती तो भी उसे पता था कि गाज उसी पर गिरेगी, क्योंकि अब उसे बार-बार इनवैâपेबल और अनप्रोफेशनल कहा जाने लगा था।
महिला उत्पीड़न से जुड़ी हुई एक एक्टिविस्ट शोभा के अनुसार, हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में महिलाएं असुरक्षित हैं क्योंकि वे अपने परिवार से दूर रहती हैं और उन्हें या तो होटल में या उसके नजदीक रहना पड़ता है। ऐसी कई युवतियां हैं जो सीनियर मैनेजर्स या अन्य उच्च पदाधिकारियों के जाल में फंस जाती हैं। कार्यस्थल पर उत्पीड़न के कारण कई को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती है। जो विरोध करती हैं उन्हें अन प्रोफेशनल करार दिया जाता है। उनका कहना है कि इस तरह का अनप्रâेंडली वर्किंग एनवायरनमेंट हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में, विशेष रूप से उच्च स्तरों पर, विषम लिंग अनुपात का कारण बताता है।
क्यूईएस लेबर ब्यूरो की २०२१-२२ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आवास और रेस्तरां क्षेत्रों में कुल अनुमानित श्रमिकों में से ७५ प्रतिशत से अधिक पुरुष हैं। केरल के इकोनॉमिक्स एंड स्टैटिसटिक्स महकमा द्वारा २०१६ में प्रकाशित एक सर्वेक्षण में पाया गया कि हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में पुरुष और महिला कर्मचारियों का अनुपात ८०:२० है, जबकि मैनेजरियल वैâडेर में यह ९३:७ है।

छिपाए नहीं छिप रहा प्यार

फिल्म ‘स्त्री-२’ फेम श्रद्धा कपूर और उनके रूमर्ड बॉयफ्रेंड राहुल मोदी की हरकतें हर बार चीख-चीख कर यही कहती नजर आती हैं कि ‘हां, हमें एक-दूसरे से प्यार है…’ लेकिन न जाने क्यों दोनों अपने बीच पक रही इश्क की खिचड़ी को सरेआम स्वीकार नहीं कर रहे। बीते दिनों ३ मार्च को अपना ३७वां जन्मदिन मनानेवाली श्रद्धा कपूर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें वो राहुल मोदी संग गेटवे ऑफ इंडिया पर स्पॉट हुई हैं। श्रद्धा और राहुल ने जहां सफेद कपड़े पहन रखे हैं, वहीं वीडियो में राहुल आगे-आगे और श्रद्धा उनके पीछे-पीछे चलती नजर आ रही हैं। पिछले दिनों राहुल के साथ अमदाबाद में एक वैवाहिक समारोह में स्पॉट हुई श्रद्धा अपने रूमर्ड बॉयप्रâेंड राहुल के साथ भले ही अपनी आशिकी को जगजाहिर नहीं कर रही हों, लेकिन यह बात श्रद्धा और राहुल को कौन समझाए कि इश्क और मुश्क कहीं छिपाए छिपते हैं भला।

लालची हैं शबाना

‘अंकुर’, ‘अर्थ’, ‘स्वामी’ जैसी बेहतरीन फिल्मों में नजर आ चुकीं शबाना आजमी न केवल एक बेहतरीन अभिनेत्री हैं, बल्कि अपने हालिया इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि काम मांगने में उन्हें बिल्कुल भी संकोच नहीं होता। वेब सीरीज ‘डब्बा कार्टेल’ में दमदार किरदार निभानेवाली शबाना ने कहा कि वो एक लालची अभिनेत्री हैं और निर्देशकों से काम मांगने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करतीं। इंटरव्यू में उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘निश्चित रूप से मुझे किसी निर्देशक से संपर्क करने और यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि आप मुझे कब कास्ट करेंगे? आप मुझे क्यों नहीं कास्ट करेंगे? यदि आप नहीं करते हैं, तो मैं आपके घर के बाहर धरना करूंगी। मैं तब तक धरना दूंगी जब तक कि वह तंग आकर यह ना कहें, ठीक है, चलो इसे कास्ट करते हैं। मुझे कोई समस्या नहीं है मुझे इतना आत्मविश्वास है।’

माहिरा का दिल उनके ही पास है!

सलमान खान के टीवी रियलिटी शो ‘बिग बॉस १३’ में माहिरा शर्मा, पारस छाबड़ा के साथ अपने रिश्ते को लेकर काफी चर्चा में रहीं। फिर उनके ब्रेकअप की खबरें आर्इं। कुछ समय के बाद ही माहिरा का नाम क्रिकेटर मोहम्मद सिराज से जुड़ गया। दोनों की डेटिंग की खबरें लंबे समय से हैं। माहिरा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस बारे में साफ करते हुए बताया कि उनका दिल अभी उनके ही पास है। उन्होंने अभी तक इसे किसी को नहीं दिया है। माहिरा ने साफ किया है कि वो किसी को डेट नहीं कर रही हैं और ऐसी अटकलों पर रिएक्शन नहीं देना चाहती हैं। एक्ट्रेस ने कहा कि लोग अक्सर उन्हें अलग-अलग लोगों, यहां तक कि उनके को-एक्टर्स के साथ भी जोड़ते हैं और वीडियो एडिट करते हैं, जो कि उनके कंट्रोल में नहीं है। इतना ही नहीं, माहिरा ने कहा कि वो कभी भी चीजें क्लियर नहीं करती हैं फिर चाहे कोई उनके बारे में अच्छा बोल रहा है या फिर बुरा। वो खुद को रिएक्ट न करने वाली इंसान बताती हैं।