महर्षि दयानंद कॉलेज में अतिथि व्याख्यान आयोजित

 

सामना संवाददाता / परेल

मुंबई महर्षि दयानंद कॉलेज के हिन्दी विभाग द्वारा पाठ्यक्रम आधारित विशेष अतिथि व्याख्यान का आयोजन “लेखन कौशल एवं वाचन कौशल” विषय पर किया गया। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ प्रो. डॉ. मिथिलेश शर्मा अध्यक्ष, हिन्दी-विभाग रामनिरंजन झुनझुनवाला कॉलेज का सम्मान अंगवस्त्र और पुस्तक देकर उप-प्राचार्य एवं अध्यक्ष हिन्दी-विभाग डॉ.उमेश चन्द्र शुक्ल, डॉ.उषा दुबे एवं कामेश्वर सिंह ने किया।

अपने स्वागत भाषण में डॉ. उमेश चन्द्र शुक्ल ने कहा कि लेखन कौशल एवं वाचन कौशल रोजगार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कुशल वक्तृत्व एवं व्यवस्थित लेखन कौशल हमारे व्यक्तित्व को द्विगुणित कर देता है। आज के वैश्विक परिदृश्य में किसी भी विषय की विशेषज्ञ सम्भावनाओं के अनंत द्वार खोल देती। इसके लिए हमें लेखन और वाचन की बारिकियों को समझना होगा। हमारे व्यक्तिगत शब्दोंकोष में शब्द संख्या जितनी ज्यादा होगी। हम अपनी बात को उतनी आसानी से सहजता पूर्वक व्यक्त कर सकते है। आशा करता हूं विषय विशेषज्ञ डॉ मिथिलेश शर्मा आपके सभी प्रश्नों का उत्तर देंगी।
लेखन कौशल एवं वाचन कौशल विषय पर बोलते हुए डॉ.मिथिलेश शर्मा ने कहा कि लेखन और वाचन दोनों एक-दूसरे के पूरक है। किसी एक के अभाव में हमारा व्यक्तित्व अधूरा दिखाई पड़ता है। अपने व्यक्तित्व के निखार के लिए, सामाजिक राजनीतिक आर्थिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए अति आवश्यक है कि हमारा वाचन, वक्तृत्व एवं लेखन सरल, सहज प्रवाह पूर्ण प्रभावशाली हों। इसके लिए हमें छोटी छोटी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। भाषिक संरचना छोटे छोटे वाक्यों में हों। साफ, स्पष्ट बोलने और लिखने के लिए थोड़ा ध्यान रखने की आवश्यकता है। हमें असावधानी, लापरवाही से बचने कि आवश्यकता है। इस विशेष अतिथि व्याख्यान का संचालन डॉ उषा दुबे ने किया एवं कामेश्वर सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

प्रेम रावत ने जे.के. रोलिंग का रिकॉर्ड तोड़ा …बनाया नया गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

भारत में ‘एक से अधिक लेखकों द्वारा पुस्तक वाचन’ में
सबसे बड़ी दर्शक संख्या
सामना संवाददाता / मुंबई
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में आयोजित ऐतिहासिक कार्यक्रम में १,३३,२३४ लोगों ने भाग लिया, जो अब तक के सबसे ब़़ड़े ‘एक से अधिक लेखक पुस्तक वाचन’ का आयोजन बन गया। इस कार्यक्रम ने वर्ष २००० में बनाए गए जे.के. रोलिंग और कनाडा के दो लेखकों के २०,२६४ लोगों के रिकॉर्ड को लगभग १,१३,००० के अंतर से तोड़ दिया। यह कार्यक्रम राज विद्या केंद्र द्वारा आयोजित किया गया था।
रावत के गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की शानदार उपलब्धियां
प्रेम रावत इससे पहले भी दो बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके हैं। वर्ष २०२३ में उन्होंने ‘एक लेखक पुस्तक वाचन’ में १,१४,७०४ लोगों की उपस्थिति और सबसे बड़े व्याख्यान में ३,७५,६०३ लोगों की भागीदारी का रिकॉर्ड बनाया था। २०२५ में उनके नेतृत्व में एक और नया रिकॉर्ड बना, जिसने उनकी लोकप्रियता और प्रेरणादायक संदेश की शक्ति को साबित किया। इस ऐतिहासिक आयोजन के अवसर पर राज विद्या केंद्र और वर्ड्स ऑफ पीस ग्लोबल के प्रवक्ता लोहित शर्मा ने प्रेम रावत की काफी प्रशंसा की।
प्रेम और विपुल प्रेरणादायक व्यक्तित्व
प्रेम रावत, जो न्यूयॉर्क टाइम्स के बेस्टसेलिंग लेखक हैं, पिछले कई दशकों से शांति, खुशी और आत्म-जागरूकता का संदेश दे रहे हैं। उनके व्याख्यान १०० से अधिक देशों में आयोजित किए जाते हैं और उनकी पुस्तकें दुनिया भर में चर्चित हैं। उनकी नई पुस्तक ‘श्वास: जीवन के प्रति जागरूक हों’ को पैन मैकमिलन और हार्पर कॉलिन्स इंडिया द्वारा प्रकाशित किया गया है। वहीं विपुल रिखी, जो एक प्रसिद्ध कवि, गायक और अनुवादक हैं, पिछले कई वर्षों से भक्ति और सूफी कवियों की मौखिक परंपराओं से जुड़े रहे हैं। उनकी पुस्तक ‘ड्रंक ऑन लव’, जो कबीर की रचनाओं की व्याख्या करती है, हाल ही में हार्पर कॉलिन्स इंडिया द्वारा प्रकाशित की गई।
प्रेम रावत और विपुल रिखी का
ऐतिहासिक पुस्तक वाचन
प्रेम रावत ने अपनी नई पुस्तक ‘श्वास: जीवन के प्रति जागरूक हों’ के अंश पढ़कर सुनाए। वहीं, प्रसिद्ध कवि और लेखक विपुल रिखी ने अपनी पुस्तक ‘ड्रंक ऑन लव’ कबीर की रचनाओं की काव्यात्मक व्याख्या’ से अंश पेश किए।

ब्रज प्रेस क्लब का होली मिलन महोत्सव धूमधाम से मना …विधायक, अधिकारी, पूर्व मंत्री थिरके

होली की मस्ती में नजर आये ब्रज के गणमान्य

मथुरा। ब्रज प्रेस क्लब एवं सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (सिम्स हॉस्पीटल) द्वारा आयोजित होली मिलन महोत्सव का कार्यक्रम डेंपीयर नगर स्थित होटल हीरा क्रिस्टल के सभागार में धूमधाम से मनाया गया। होली के मस्ती भरे गीत-संगीत पर पूर्व मंत्री, विधायक, अधिकारी एवं गणमान्य भाव विभोर होकर होली की मस्ती में झूमते नजर आए।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व ऊर्जा मंत्री एवं विधायक श्रीकान्त शर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर के किया। इस अवसर पर ब्रज प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. कमलकान्त उपमन्यु एडवोकेट एवं सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (सिम्स हॉस्पीटल) के चैयरमैन डा. गौरव भारद्वाज द्वारा महोत्सव में पधारे सभी गणमान्य अतिथियों का पटुका पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सुस्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन सचिव पवन नवरत्न एवं गोविन्द भारद्वाज द्वारा किया गया। ब्रज की प्रसिद्ध दानीराम शर्मा की रास एवं भजन संगीत मंडली द्वारा ठाकुरजी स्वरूप में ठाकुरजी की होली पुष्प वर्षा के साथ खेली गई। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एएस वाजपेयी के स्वर्गगमन पर दो मिनट का मौन रखकर सभी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। डा.पंकज शर्मा, डा. पंकज चौधरी, डा.शिखा, डा. सारिका, डा.दिशा, डा. आशीष शर्मा, डा. अर्पित अग्रवाल ने कार्यक्रम में पधारे सभी गणमान्यों का स्वागत किया।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्याम सुंदर शर्मा, पूर्व ऊर्जा राज्यमंत्री रविकान्त गर्ग, विधायक पूरन प्रकाश, विधायक ठा.मेघश्याम सिंह, विधायक राजेश चौधरी, जिले के जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह, डीआईजी/एसएसपी शैलेन्द्र कुमार पांडेय, एसपी सिटी डा. अरविन्द कुमार, एसपी ट्रेफिक मनोज कुमार यादव, पूर्व जिला जज उमाशंकर शर्मा, एमबीडीए के सचिव अरविन्द द्विवेदी, सीओ सिटी भूषण वर्मा, एआरटीओ मनोज वर्मा, महिला थाना प्रभारी संचना सचान, एंटी रोमियो प्रभारी अलका रानी, बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता नंद किशोर उपमन्यु, अजय सिंह एडवोकेट, सार्थक चतुर्वेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष घनश्याम सिंह, रालोद नेता कुं. नरेन्द्र सिंह, ठा.मुकेश सिंह सिकरवार, योगश द्विवेदी, स्पेशल डीजीसी अलका उपमन्यु एडवोकेट, विशेष लोक अभियोजक रामपाल सिंह, एडीजीसी खंडग सिंह छौंकर, पूर्व एडीजीसी महेश गौतम, छाया गौतम, प्रतिभा सिंह, भावना शर्मा, रागिनी गांधी, पिंकी द्विवेदी, ममता भारद्वाज, चंद्रकांता भदौरिया, संगीता शर्मा, बबिता सिंह सिसौदिया, दीपा चतुर्वेदी, पूजा कौशिक, विदुषी शर्मा, सरोज वशिष्ठ, सरोज गोला, चंचल यादव, कनक गुप्ता, रेखा यादव, छीतर सिंह एडवोकेट, पूर्व महानगर अध्यक्ष संजय शर्मा, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा, सचिव शिव कुमार लवानियां, डीजीसी क्राइम ठा. शिवराम सिंह तरकर, समाजसेवी देवेन्द्र कुमार गौतम गुड्डू भैया, प्रमोद गर्ग कसेरे, विनोद गर्ग कसेरे, डा. अशोक अग्रवाल, मनोज कुमार शर्मा बॉबी भैया, जिला भाजपायुवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष यज्ञदत्त कौशिक, भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव पवन हिंडोल, आरएसएस के अधिकारी कमल कौशिक, स्पेशल डीजीसी अलका उपमन्यु एडवोकेट, पीएम मोदी अगेन मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल काका, दिनेश शर्मा, भाजपा नेता संजय गोविल आदि गणमान्य होली के संगीत पर झूमते नजर आए।
इस अवसर पर किशन चतुर्वेदी, अमित मुद्गल, विनीत शर्मा, दिलीप चतुर्वेदी, पवन नवरत्न, कन्हैया अग्रवाल, धर्मेन्द्र चतुर्वेदी, मदन गोपाल शर्मा, मोहन श्याम रावत, ठा. नागेन्द्र राठौर, गौरव चौधरी, धाराजीत सारस्वत, सूचना विभाग के नारायण सिंह, गिरधर पचौरी, महेश सिंह, चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार आदि ने सभी का स्वागत एवं आभार प्रकट किया।

टीएमयू के कबड्डी फाइनल में भिड़ेंगे सीसीएसआईटी और फिजिकल कॉलेज

सामना संवाददाता / मुरादाबाद

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के टिमिट कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन की ओर से आयोजित टीएमयू इंटरकॉलिजिएट चैंपियनशिप-2025 में कबड्ड़ी के फाइनल मुकाबले में सीसीएसआईटी और फिजिकल एजुकेशन के बीच भिंड़त होगी। सेमीफाइनल में सीसीएसआईटी- मेडिकल और फिजिकल एजुकेशन-एग्रीकल्चर की टीमों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा रही। सीसीएसआईटी और फिजिकल एजुकेशन की टीमों ने बेहतर प्रदर्शन के बूते फाइनल का टिकट पक्का किया। सेमीफाइनल मुकाबलों में सीसीएसआईटी कॉलेज ने मेडिकल कॉलेज को 36-32, जबकि फिजिकल एजुकेशन कॉलेज ने एग्रीकल्चर कॉलेज को 38-19 से करारी शिकस्त दी। टीएमयू इंटरकॉलिजिएट चैंपियनशिप-2025 में टीएमयू के 14 कॉलेज प्रतिभाग कर रहे हैं। चैंपियनशिप में कुल 25 खेल प्रतियोगिताएं हो रही हैं। कॉलिजिएट चैंपियनशिप में क्रिकेट, फुटबाल, बास्केटबाल, बालीवाल, बैंडमिंटन, कबड्डी, टंग ऑफ वार, कुश्ती, एथलेटिक्स आदि खेलों में स्टुडेंट्स ट्राफी के लिए पसीना बहायेंगे। प्रतियोगिताओं के दौरान फिजिकल एजुकेशन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. मनु मिश्रा, टीम मेंटर्स- डॉ. नमित कुमार, श्री अनुज राघव, श्री तोहिद अख्तर आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही। मैच में श्री गौरव कुमार, श्री विकास कुमार, श्री अमित शर्मा, श्री राकेश कुमार आदि ने रेफरी की भूमिका निभाई।

सीसीएसआईटी और मेडिकल के सेमीफाइनल के फर्स्ट हाफ में 16-17 की कड़ी टक्कर रही, लेकिन सेकेंड हाफ में सीसीएसआईटी की टीम ने जबर्दस्त वापसी की और 20-15 से आगे रही। अंततः सीसीएसआईटी कॉलेज ने मेडिकल कॉलेज को 36-32 से मात देकर मुकाबला अपने नाम कर लिया। सीसीएसआईटी की ओर से मथी राकेश ने बतौर अटैकर सर्वाधिक 15 प्वाइंट्स, जबकि अमिनेष ने बतौर डिफेंडर 10 प्वाइंट्स लेकर अपनी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। फिजिकल एजुकेशन और एग्रीकल्चर कॉलेज के सेमीफाइनल में फिजिकल एजुकेशन की टीम प्रारम्भ से ही हावी रही। फर्स्ट हाफ तक फिजिकल एजुकेशन की टीम 20-07 से आगे रही। सेकेंड हाफ में भी एग्रीकल्चर कॉलेज की टीम का प्रदर्शन कमजोर रहा। सेकेंड हाफ में 18-12 के संग फिजिकल एजुकेशन की टीम आगे रही। अंततः फिजिकल एजुकेशन ने 38-19 से एग्रीकल्चर पर बड़ी जीत दर्ज की। फिजिकल एजुकेशन की ओर से गौरव सिंह ने बतौर अटैकर सर्वाधिक 18 प्वाइंट्स, जबकि राहुल गौतम ने बतौर डिफेंडर 12 प्वाइंट् हासिल करके मैच अपनी झोली में कर लिया। इंटरकॉलिजिएट चैंपियनशिप का समापन 20 मार्च को होगा।

मीरा रोड में हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कथाकार हरनोट की कहानियों का पाठ

 

भायंदर। हिमाचल प्रदेश से आये वरिष्ठ कथाकार एस. आर. हरनोट की ‘कहानी पाठ’ का सफल आयोजन विरुंगुला केंद्र ,मीरा रोड में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध कथाकार धीरेन्द्र अस्थाना ने की। कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ने कहा कि “हरनोट की कहानियाँ जीवन की ऊषमां से भरी होती हैं।

इस अवसर पर लेखक हरनोट ने पहाड़ी जीवन से संबंधित खूबसूरत कहानी ‘बागा देवी का चाय घर’ का पाठ किया। यह कहानी हजारों मीटर ऊँचे पर्वतीय झील के किनारे अपनी एक छोटी-सी चाय की दुकान चलाने वाली ‘बागा देवी’ के साहस और आत्मसम्मान को उजागर करती है। इस कहानी में नारी अस्मिता, पर्यावरण, मल्टी नेशनल और बाज़ार की भेंट चढ़ते प्राकृतिक संसाधनों का बड़ा ही मार्मिक चित्रण किया गया।

अपनी समीक्षात्मक टिपण्णी देते हुए धीरेन्द्र अस्थाना ने कहा कि हरनोट जी अपनी कहानियाँ धीरे-धीरे और ढंग से कहते हैं, इन कहानियों में पहाड़ी लोक जीवन बड़े सधे हुए रूप में प्रकट होता है”। इस कहानी का केनवास बहुत बड़ा है इस विषय को कहानी की बजाय उपन्यास में बाँधा जाना चाहिए। “प्रसिद्ध लेखिका व एक्टिविस्ट कुसुम त्रिपाठी ने कहा कि “कहानी की नायिका बागा के माध्यम से लेखक ने महिलाओं के मनोविविज्ञान को बहुत ही बारीकी से पकड़ा है। नारी स्वतंत्रता के नाम पर बाज़ार औरत के शरीर को एक प्रोडक्ट में बदल रहा है, कहानी पर्यावरण जैसे आज के महत्त्वपूर्ण मुद्दों को केंद्र में रखती है झील, पेड़-पौधे, चिड़ियों जैसे प्राकृतिक घटकों पर मंडराते खतरों से आगाह करवाती है”। युवा कवि-कथाकार हरिमृदुल ने कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कहानी में आज के सरोकार, हमारी चिंताएँ और समकालीनता बखूबी नज़र आतीं हैं यही बातें एक साहित्यकार को सफल बनाती हैं। कहानी में कथ्य और शिल्प का सुंदर मिलाप हुआ है।” शैलेश सिंह ने कहा कि “पहाड़ी जीवन की कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करते हुए जीना श्रम की महत्ता को उजागर करता है।” अंत में कथाकार हरनोट ने हिमाचल में उनके द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न सांस्कृतिक अभियानों की जानकारी दी विशेष तौर पर किन्नौर प्रदेश की संस्कृति और इतिहास की भी चर्चा की। इस वैचारिक गोष्ठी का उम्दा संचालन साहित्यकार रमन मिश्र ने किया और स्वरसंगम के संस्थापक हृदयेश मयंक ने इस सफल आयोजन के लिए सब का शुक्रिया अदा किया।

इस अवसर पर कवि शायर राकेश शर्मा, कथाकार हुस्न तबस्सुम नेहा, ललिता अस्थाना, बुद्धिलाल पाल जी, अदाकार अजय रोहिल्ला, शुभानकर विश्वास, प्रशांत जैन, विनीता वर्मा, सुशीला तिवारी, उषा तिवारी, पुलक चक्रवती, पुरषोत्तम सिंह आदि साहित्य और संस्कृति से जुड़े लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

दिवा में साईं भंडारा का आयोजन

सामना संवाददाता / दिवा

शिव साईं महादेव मंदिर श्लोक नगर दिवा-पूर्व ठाणे में हर साल की भांति इस साल भी धड़ाकेबाज युवा प्रतिष्ठान के माध्यम से साईं भंडारा किया गया। इस अवसर पर श्री स्वामी समर्थ भजन मंडली ने अपने भक्ति मैं भजन से भक्तों को भक्तिमय कर दिया। ३ हजार से अधिक भक्तों ने महाप्रसाद का लाभ लिया।
इस अवसर पर समाजसेवी सियाराम भाई मिश्रा, अभय भाई दुबे, राजूभाई गुप्ता, समाजसेवी शिक्षक बालगोविंद तिवारी, सचिन भाई गुप्ता और कई सामाजिक संगठन से अतिथि आए थे। धड़ाकेबाज युवा प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष अमोल केन्द्रे, सौ अश्विनी अमोल केन्द्रे, रामपाल मौर्या,कलम गुप्ता, प्रदीप गुप्ता, विद्या ताई जैसवाल, राजू भाई खरात, अनिल मौर्या, नितिन आवाडे और धड़केबाज युवा प्रतिष्ठान के लोगों ने विशेष सहकार्य किया।

RPF के प्रभारी निरीक्षक मदनलाल कटारिया की सम्मान के साथ की गई विदाई

सामना संवाददाता / भायंदर

रेलवे सुरक्षा बल के तेजतर्रार और कर्तव्यनिष्ठ प्रभारी निरीक्षक मदनलाल कटारिया का कल सम्मान पूर्वक विदाई समारोह आयोजित किया गया। 2 मई, 2022 को भायंदर आरपीएफ की कमान संभालने के बाद कटारिया ने शांति और सुरक्षा की दिशा में अभूतपूर्व काम किया। अनेक रेल यात्रियों की जान बचाई, रेल नियमों का उल्लंघन करने वाले अनेक लोगों को जेल भिजवाया। आम रेल यात्रियों के साथ उनका बड़ा सहयोगात्मक संबंध रहा। यही कारण है कि विदाई समारोह में अनेक गणमान्य लोगों ने शामिल होकर उन्हें शुभकामनाएं दी।

विभागीय नियमानुसार उनका स्थानांतरण भरूच किया गया है। उनके स्थान पर श्री परिमल वानखेड़े को भायंदर आरपीएफ का नया प्रभारी निरीक्षक बनाया गया है। कटारिया के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित रहने वाले प्रमुख लोगों में लायंस क्लब के अध्यक्ष जगराम मौर्य, बिल्डर सकेंद्र छाजेड़, सीए विजय दरगड़, सीए श्रवण मालवीय सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल लखोटिया, कुंज बिहारी, बिजनेस मेन भरत मेहता, प्रदीप, कंपनी सेकेट्री मनोज कुमार, महेश, आरपीएफ अंधेरी के प्रभारी निरीक्षक राजीव सिंह सलारिया, पालघर के प्रभारी निरीक्षक विनीत कुमार, रेलवे कल्याण निरीक्षक राकेश कुमार, लोको पायलट जगदीश चौहान, टीसी शर्मा जी,TC कौशल, स्टाफ के लोगों में सहायक उप निरीक्षक विनोद मान, उप निरीक्षक रोहितास सिंह, रेलवे कॉलोनी स्टाफ राजेश, मनीष , शक्ती सिंह ,नीरज, मुकेश आदि का समावेश रहा।

हास्य व्यंग्य नाटक रासबिहारी टिकट कलेक्टर का मंचन

सामना संवाददाता / मुंबई

हास्य व्यंग्य नाटक रासबिहारी टिकट कलेक्टर का यूं तो यह प्रथम प्रदर्शन था मगर अभिनेत्री कामना सिंह चंदेल की तैयारी ज़बरदस्त थी। उन्होंने एक टिकट कलेक्टर के जीवन के कई रोचक और रोमांचक अनुभवों को असरदार तरीक़े से पेश किया। दर्शकों ने उन्हें भरपूर सराहा। रविवार 2 मार्च 2025 को चित्रनगरी संवाद मंच मुम्बई की ओर से मृणालताई हाल, केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट, गोरेगांव में आयोजित इस नाटक को देखने के लिए कथाकार सुधा अरोड़ा, डॉ उषा मिश्रा और पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज जैसे प्रतिष्ठित क़लमकार हाल में मौजूद थे। टिकट कलेक्टर के किरदार के अलावा कामना सिंह ने कुछ और चरित्रों को जिस विविधतापूर्ण अंदाज़ में पेश किया वह लाजवाब था। उनके इस हुनर की सबने दिलखोल कर तारीफ़ की। नाटक के कुछ संवाद बड़े अच्छे और चुटीले हैं। सीधा-साधा टीसी जब भी दबंग यात्रियों से पिटता है वह यही कहता है-” ग़लती मेरी ही थी”… उसका यह संवाद दर्शकों के साथ रह जाता है।

प्रस्तुति के बाद इस नाटक पर खुली चर्चा भी हुई। इस नाटक के लेखक अशोक मिश्र ने दर्शकों के सवालों के जवाब दिए। दर्शकों की राय में बिना स्टेज और किसी साज सज्जा के यह नाटक ऐसा प्रभावशाली है तो प्रेक्षा गृह में इसका कमाल देखने लायक होगा।

नाट्य प्रस्तुति के बाद हाल ही में दिवंगत फ़िल्मकार श्याम बेनेगल को याद किया गया। संचालक देवमणि पांडेय ने भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को रेखांकित किया। कथाकार सुधा अरोड़ा ने कहा कि समांतर सिनेमा की शुरुआत श्याम बेनेगल की ही फ़िल्मों से हुई। अंकुर, निशांत, मंथन, भूमिका आदि फ़िल्मों के हवाले से उन्हें एक अप्रतिम फ़िल्मकार के रूप में याद करते हुए सुधा जी ने कहा कि श्याम बेनेगल ने सिनेमा में ऐसे चरित्र बनाए जो हमारे जहन में हमेशा के लिए महफ़ूज़ रह जाते हैं। श्याम बेनेगल की वेलकम टू सज्जनपुर, समर, वेलडन अब्बा आदि फ़िल्मों के लेखक अशोक मिश्र ने उनसे जुड़े कई बेहतरीन संस्मरण सुनाए।

उन्होंने बताया कि दलित अत्याचार पर आधारित फ़िल्म ‘समर’ को बेस्ट फ़िल्म का नेशनल अवार्ड मिला तथा उन्हें बेस्ट स्क्रीनप्ले का नेशनल अवार्ड मिला। मगर आज तक यह फ़िल्म सिनेमा हॉल में प्रदर्शित नहीं हो पाई। अशोक जी के अनुसार श्याम बेनेगल सीधे-सादे मेहनती इंसान थे। उनके काम में सच्चाई थी। उन्हें राजनीति की गहरी समझ थी। वह एक दृष्ट संपन्न व्यक्ति थे। सबसे खुलकर मिलते थे और सबको सम्मान देते थे। वह ऐसे सिद्ध पुरुष थे जिसे कभी ग़ुस्सा नहीं आता था। उनमें कमाल का सेंस आफ ह्यूमर था। यह ह्यूमर उनकी फ़िल्मों में भी नज़र आता है। कवि राजीव रोहित ने श्याम बेनेगल के व्यक्तित्व पर एक बढ़िया कविता सुनाई। कविता पाठ के सत्र में रोशनी किरण, सुमीता केशवा, और दमयंती शर्मा ने सुमधुर गीत सुनाकर माहौल को सरस बना दिया। इस अवसर पर शोभा स्वप्निल, मधुबाला शुक्ल, क्रांति सिंह, प्रज्ञा मिश्र, सविता दत्त, पीयूष पराग, शायर क़मर हाजीपुरी और पत्रकार इरफान सामी मौजूद थे।

छीनी जा रही है महिलाओं की इज्जत, आबरू और शोहरत…महाराष्ट्र में मंत्री की बेटी भी सुरक्षित नहीं!..केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की बेटी के साथ बदतमीजी… पांच बदमाश लड़कों के खिलाफ मामला दर्ज

फिरोज खान / मुंबई

महाराष्ट्र में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पुणे के स्वारगेट बस डिपो पर सरकारी बस में २६ वर्षीय महिला के साथ हुई रेप की घटना ने पूरे महाराष्ट्र को झकझोर के रख दिया है। दो दिन बाद वाशिम में दिल दहला देनेवाली घटना सामने आई। एक आरोपी ने १६ साल की नाबालिग स्कूली छात्रा को चाकू दिखाकर गला चीर देने की धमकी दी और एकांत जगह ले जाकर उसका यौन उत्पीड़न किया। हालात ऐसे हो गए हैं कि अब यहां महिलाओं की इज्जत-आबरू और शोहरत छीनी जा रही है। अब तो महाराष्ट्र में मंत्री की बेटी भी सुरक्षित नहीं है। ताजा मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री रक्षा खडसे की बेटी के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है।
पहले मंत्री की बेटी को छेड़ा,मंत्री खुद पहुंची पुलिस स्टेशन
शर्मनाक हरकतों से नाराज होकर मंत्री रक्षा खडसे खुद पुलिस स्टेशन पहुंची और आवारा युवकों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। मामला तब और बिगड़ गया, जब पुलिस बेबस नजर आई। इसकी वजह यह थी कि आरोपी शिंदे गुट के कार्यकर्ता थे।
‘फडणवीस लगातार गृहमंत्री, फिर भी अपराध चरम पर!’
महिला सुरक्षा, गुंडागर्दी जैसे अपराध राज्य में चरम पर हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास ही लगातार गृह मंत्रालय का प्रभार है फिर भी राज्य में लोग सुरक्षित नहीं हैं। राज्य में केंद्रीय मंत्री की बेटी भी सुरक्षित नहीं है। ऐसा गंभीर आरोप लगाते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता आदित्य ठाकरे ने सीएम फडणवीस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा की बात करने वाली फडणवीस सरकार ने शक्ति कानून को केंद्र की मंजूरी के लिए भेजा था, लेकिन राष्ट्रपति ने इसे वापस कर दिया। यह सरकार की असफलता ही तो है।
फिर पुलिस को धमकाया!
केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की बेटी से छेड़छाड़ की घटना में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस ने अनिकेत भोई को शनिवार रात गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद जब उसे पुलिस थाने लाया गया तो अनिकेत भोई ने पुलिस को धमकी दी।
संत मुक्ताई की थी यात्रा
२८ फरवरी को जलगांव के मुक्ताई नगर तहसील के कोथली गांव में संत मुक्ताई यात्रा निकाली गई थी। यात्रा के दौरान कुछ अपराधी किस्म के लड़कों ने केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की बेटी समेत कुछ लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और बदसलूकी जैसी घटना को अंजाम दिया।
आरोपी शिंदे गुट का कार्यकर्ता
हैरानी की बात तो यह है कि आरोपी शिंदे गुट के कार्यकर्ता हैं। इससे ये सरकार के गले की हड्डी बन गए हैं। कुल मिलाकर महाराष्ट्र में ऐसे हालात बन गए हैं कि आम हो या खास, यहां कोई महिला महफूज नहीं है।
जिलाप्रमुख का भतीजा गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपी अनिकेत भोई विधायक चंद्रकांत पाटील के समर्थक और शिंदे गुट के जिला प्रमुख छोटूभाई का भतीजा है। पीयूष मोरे शिंदे गुट के पूर्व नगरसेवक हैं, सचिन पालवे शिंदे गुट के मेडिकल सहायता कक्ष मुक्ताईनगर का शहर प्रमुख है, जबकि किरण माली और सोहम कोली भी शिंदे गुट के पदाधिकारियों के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।
जबरन बनाया वीडियो
सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोके जाने पर बदमाशों ने उनका कॉलर पकड़ा और धक्का-मुक्की करते हुए धमकाया। इतना ही नहीं, आवारा लड़कों ने मंत्री की बेटी के न चाहने के बावजूद उसकी जबरन तस्वीरें खींचीं और वीडियो बनाया एवं अभद्र टिप्पणी की।

घोटालेबाज तानाजी!

ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री देवाभाऊ ने उपमुख्यमंत्री शिंदे और उनके लोगों का जीना हराम करने की ठान ली है। मुख्यमंत्री ने शिंदे के अमृत काल में हुए भ्रष्ट लेन-देन को निलंबित करने की तैयारी कर ली है। इसमें स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर तानाजी सावंत के कार्यकाल की टेंडरबाजी भी शामिल है। चूंकि, मुख्यमंत्री ने तानाजी सावंत द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की साफ-सफाई के लिए दिए गए ३ हजार १९० करोड़ के ठेके की जांच के आदेश दे दिए हैं, इसलिए तानाजी सावंत पर विशेष विमान से बैंकॉक भागने की नौबत आ गई है। तानाजी सावंत के चिरंजीव एक महीने पहले ७० लाख रुपए खर्च कर मौज-मस्ती के लिए ‘खास’ विमान से बैंकॉक निकले थे। उनके पिता के दबाव में उनका विमान उतरवा दिया गया, लेकिन ७० लाख खर्च कर पूर्व मंत्री का बेटा एक विशेष विमान से ‘बैंकॉक’ जाता है। फिर बैंकॉक का खर्च अलग है। इतना पैसा कहां से आता है? इसका जवाब अब मुख्यमंत्री देवाभाऊ ने दिया। यह स्पष्ट है कि जब तानाजी सावंत स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में घोटालों पर घोटाले कर खूब बोरियां भरीं और पैसे घर ले गए। श्री. फडणवीस ने अब स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों की जांच शुरू कर दी है। तानाजी सावंत ने यह टेंडर गैरकानूनी तरीके से दिया। पुणे की एक कंपनी को राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की मशीनों से सफाई के लिए सालाना ६३८ करोड़ रुपए का ठेका दिया गया है। इसे देते हुए इस काम के लिए पहले की दरें बढ़ा दी गर्इं। पहले जिस साफ-सफाई के लिए प्रति वर्ष ७०-८० करोड़ का खर्च आता था अब एक साल के लिए सरकारी तिजोरी से
६३८ करोड़ रुपए
गिने गए। यह बात सामने आई कि तानाजी सावंत का संबंध इस कंपनी से है। यह ठेका ६ साल के लिए ३ हजार १९० करोड़ में दिया गया और यह सीधे तौर पर भ्रष्टाचार है। ३ हजार १९० करोड़ में से कितने करोड़ स्वयं तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री को मिले और कितना टक्का उनके राजनीतिक आकाओं के खजाने में जमा हुआ? इसकी भी जांच होनी चाहिए। शिंदे कुछ समय के लिए फडणवीस-१ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे और जब वे खुद मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अपने तानाजी को स्वास्थ्य मंत्री बनाया। दोनों ने मिलकर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को चौपट कर दिया। दवाओं की खरीद में घोटाला तो हुआ ही, मेडिकल उपकरणों से लेकर एंबुलेंस सेवाओं तक हर जगह हिस्सेबाजी शुरू हो गई। शिंदे के चिरंजीव और उनकी एक टोली चिकित्सा सहायता केंद्र चला रही थी और उन्हीं के जरिए स्वास्थ्य सेवा के सभी वित्तीय लेन-देन किए गए। इसलिए इस स्वास्थ्य घोटाले के मास्टरमाइंड भले ही तानाजी सावंत थे, लेकिन घोटाले के लाभार्थी ‘वर्षा’ बंगले पर थे। राज्य में चिकित्सा पदाधिकारियों, सिविल सर्जनों के तबादलों-बढोतरियों और नियुक्तियों में सीधे-सीधे करोड़ों का कारोबार हुआ। महाराष्ट्र में कुल १,२०० चिकित्सा अधिकारियों को ‘भर्ती’ करने के लिए प्रत्येक से चार से पांच लाख रुपए लेकर करोड़ों रुपए एकत्र किए गए। महात्मा ज्योतिराव फुले योजना को लागू करने के लिए निजी अस्पतालों से प्रति बेड एक लाख रुपए लिए गए और यह आज भी जारी है। इस योजना के बोगस लाभार्थियों के बड़े-बड़े बोगस बिल मंजूर कर करोड़ों रुपए स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचाए जा रहे हैं। आदिवासी पाडों में कोई स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं। गर्भवती महिलाओं को
चादरों और कंबलों के पालने
के जरिए तालुका तक ले जाना पड़ता है। उस दौरान रास्ते में ही महिलाओं की डिलिवरी हो जाती है। इससे बच्चे और मां की जिंदगी पर बन आती है। विदर्भ में छोटे बच्चों के शव कंधे पर लेकर घर जा रहे माता-पिता की तस्वीर भी सरकार को विचलित न कर सकी। मृतदेह ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलती, लेकिन महाराष्ट्र में एंबुलेंस खरीदने के नाम पर १० हजार करोड़ का घोटाला हो गया। चूंकि शिंदे पुत्र कंपनी सुमित पैâसिलिटीज से संबंध थे, इसलिए इस कंपनी के लिए ‘टेंडर’ हासिल करने का दबाव था और ८०० करोड़ के मूल टेंडर को बढ़ाकर १० हजार करोड़ कर दिया गया और महाराष्ट्र का खजाना लूट लिया गया। इस लेन-देन में कम से कम छह हजार करोड़ रुपए का कमीशन किसके जेब में गया? शिंदे द्वारा पाले-पोसे गए केकड़ों ने स्वास्थ्य व्यवस्था के माध्यम से राज्य के खजाने को खाली करने का काम किया। बाद में विधानसभा चुनाव में यही पैसा आया और मतदाताओं को ५-१० हजार भेजकर वोट खरीदे गए। इस भ्रष्टाचार के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था की धज्जियां उड़ गर्इं। बहुत से गरीबों को दवा नहीं मिली। एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हुर्इं, जिसके चलते उन्होंने तडप-तड़पकर प्राण छोड़ दिए होंगे, लेकिन भ्रष्टाचार के पैसे पर किसी ने चुनाव लड़े हैं तो किसी के छोरे मौज-मस्ती के लिए विशेष विमान से ‘बैंकॉक’ चले गए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने अब स्वास्थ्य मंत्री के रूप में तानाजी सावंत के कार्यकाल के ३,९०० करोड़ रुपए के ठेके को रोक दिया है, लेकिन यह केवल हिमशैल की ऊपरी नोक है। स्वास्थ्य विभाग का सड़ा हुआ कामकाज महाराष्ट्र पर एक धब्बा है। मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाए हैं। उन कदमों के नीचे गरीबों की दवाएं चुराने वाले कुचले जाएं!