काशी के दशाश्वमेध घाट गंगा दशहरा महोत्सव-2025 का भव्य आयोजन

उमेश गुप्ता / वाराणसी

पिछले चार दशकों से निरंतर स्वच्छ काशी, स्वच्छ गंगा, स्वच्छ घाट व पर्यावरण संरक्षण को संकल्पित और समर्पित गंगा सेवा निधि द्वारा गंगाजल निर्मलीकरण जन जागरूकता अभियान के अन्तर्गत भव्य गंगा दशहरा महोत्सव का आयोजन किया गया। देश-विदेश से आये असंख्य श्रद्धालु और पर्यटकों को स्वच्छ गंगा, निर्मल गंगा व अविरल गंगा का संकल्प दिलाकर गंगा दशहरा का शुभारंभ किया गया।
संस्थापक स्मृतिशेष स्व. पं. सत्येंद्र मिश्र के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। संस्था के सदस्य सुशांत मिश्र एवं श्याम लाल सिंह द्वारा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अशोक तिवारी, महापौर, वाराणसी नगर निगम, अध्यक्षता जय प्रकाश तिवारी मुख्य जिला न्यायधीश, वाराणसी ने किया। अति विशिष्ट अतिथि स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार रविंद्र जायसवाल राज्यमंत्री, (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क, पंजीयन, उत्तर प्रदेश सरकार, वाराणसी। दयाशंकर मिश्र (दयालु) राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार , महंत शंकर पूरी, अन्नपूर्णा मठ मंदिर थे।
इस अवसर पर गंगा सेवा निधि के 11 अर्चकों द्वारा भगवती मां गंगा का वैदिक रीति से पूजन कराया गया। इसी क्रम में संस्था के 11 अर्चको एवं रिद्धी-सिद्धी के रूप में 22 देव कन्याओं (दुर्गाचरण गर्ल्स इंटर कॉलेज) द्वारा भव्य भगवती मां गंगा की महाआरती का आयोजन किया गया। 30 कुंटल फूल-मालाओं एवं 11,001 दीपों से दशाश्वमेध घाट को भव्य रूप से द्वारा सजाया गया व घाटों पर फैली दीपों की रोशनी देश-विदेश से आए हजारों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी रही।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारम्भ शिवोहम नृत्य समूह द्वारा मां गंगा की अवतरण गाथा एवं शिव और शती के जीवन की कहानियों का दर्शन त्तपश्यात अंतिम प्रस्तुति में शुद्व शास्त्रियां नृत्य कथक एवं भरत नाट्यम दलनायिका शिवानी मिश्रा, एवं सहयोगी कलाकार स्मृति शाही, नेहा शर्मा, प्रिन्सी धर्मराज, आशुतोश सिंह, सौरभ त्रिपाठी एवं करिश्मा केशरी सारिका द्वारा की गई।
कार्यक्रम के मध्य में 12 वर्षिय गायिका अधिश्री वशिष्ट द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी गई, जिसमे इनके द्वारा पायो जी मैने राम रतन धन पायो, तुम उठो शिया श्रृंगार करो शिव धनुश राम ने तोडा एवं ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन की प्रस्तुति की गई। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन अंजना झा द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन सुरजीत कुमार सिंह, सचिव ने किया। कार्यक्रम में विशेष रूप इंदु शेखर शर्मा, हनुमान यादव, सुशांत मिश्र, पंकज अग्रवाल, सी. ए. सर्वेश अग्रवाल, आशीष तिवारी, जितेंद्र नाथ सिंह, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, अरून अग्रवाल, मनीष सोनी, अधिवक्ता विनोद श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

सम्मानित किए गए गांव देवी दुर्गा मंदिर के ट्रस्टी

रवीन्द्र मिश्रा / मुंबई

जीवन के 75 वसंत देख चुके शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत गिते एवं गांव देवी दुर्गा मंदिर के ट्रस्टी हरीश नेवरेकर का 75 वर्ष पूरे होने पर अंधेरी के ग्रामवासियों द्वारा सत्कार समारोह का आयोजन किया गया। अंधेरी-पश्चिम स्थित सी डी बर्फीवाला लेन के मेयर हाल में 5 जून गुरुवार शाम 7 बजे इस सत्कार समारोह का आयोजन किया गया। वर्सोवा विधानसभा के शिवसेना के विधायक हारुन खान, गांव देवी दुर्गा मंदिर के कार्यकारी सदस्य प्रसाद आयरे, उदय महाले, विजय धुमाल, यलप्पा कुशालकर तथा सुनील बीजे द्वारा गांव देवी की प्रतिमा देकर उन्हें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शिवसेना के विधानसभा संगठक संजय कदम, विभाग संगठक अनीताताई बागवे, ज्योत्स्ना दिघे, संजीवनी घोसालकर, प्रतिभाताई पाटील, लीना त्रिवेदी, शाखा प्रमुख दयानंद कड्डी, दीपक सणस, स्वाती तावडे, रेवती सुर्वे, मनाली पाटील तथा युवासेना के सभी कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रीति भोज का आयोजन किया गया।

शिवसेना का अंधेरी-पश्चिम में वृक्षारोपण कार्यक्रम

सामना संवाददाता / मुंबई

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) वर्सोवा विधानसभा उप विभाग प्रमुख राजेश शैट्ये और मुंबई महापालिका के सहयोगसे अंधेरी-पश्चिम स्थित सुंदरवन कॉप्लेक्स मे “संगीतकार दत्ता डावजेकर उद्यान” में शिवसेना के विधायक हारून खान के हाथों वृक्ष लगा कर वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस उद्यान में १० अलग-अलग प्रजाति के पेड़ लगाकर उपस्थित जनसमुदाय को पेड़ लगाओ और आक्सीजन निर्माण करो का संदेश दिया। इस कार्यक्रम के अवसर पर विधानसभा संघटक शैलेश फणसे, समन्वयक बाला आंबेकर, मेघना काकडे माने, ज्योत्स्ना दिघे, शाखाप्रमुख सिद्धेश चाचे, महिला शाखा संघटक अश्विनी खानविलकर, पत्रकार प्रकाश अकोलकर, विश्वा शाह, स्नेहल दलवी, ज्योती धामणकर, निलेश देवकर आदि शिवसैनिक और स्थानिक नागरिक उपस्थित थे।

राज्य में माहौल खराब, आदित्य ठाकरे की सरकार पर उठे सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई
एक तरफ राज्य में पर्यावरण का भारी नुकसान हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार केवल यह दिखाने में व्यस्त है कि वह पर्यावरण के प्रति कितनी सजग है। इस तरह का तीखा तंज कसते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता, युवासेनाप्रमुख व विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि राज्य में पर्यावरण की ऐसी की तैसी हो गई है। इसी के साथ ही उन्होंने पर्यावरण को हुए नुकसान की एक लंबी सूची भी पेश करते हुए सवालों की झड़ी लगा दी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए आदित्य ठाकरे ने लिखा है कि आज विश्व पर्यावरण दिवस है। इस कार्यक्रम को मनाने के लिए सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कई निमंत्रण भी आए होंगे, लेकिन जो पर्यावरण संबंधी गंभीर संकट आज हमारे सामने खड़े हैं, उन पर सरकार से सवाल पूछने की किसी में हिम्मत है क्या? पर्यावरण दिवस पर सरकार सिर्फ इवेंट करती है, जो दिखावा मात्र होता है।
आदित्य ठाकरे ने मुद्दा उठाया कि मुंबई के लिए तैयार किया गया क्लाइमेट एक्शन प्लान लगभग कचरे की टोकरी में डाल दिया गया है। ताडोबा-अंधारी राष्ट्रीय उद्यान में खनन को मंजूरी दे दी गई है। लोखंडवाला तालाब को अभी तक वेटलैंड घोषित नहीं किया गया, वहीं मुंबई में पेड़ों की कटाई जोरों पर है। धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट में माहिम का नैसर्गिक उद्यान भी शामिल कर लिया गया है। वेताल टेकड़ी प्रकल्प अभी तक रद्द नहीं हुआ है। अजनी जंगल पर सरकारी बुलडोजर की तलवार अब भी लटक रही है। पुणे में ‘नदी विकास’ के नाम पर बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। तानसा अभ्यारण्य में बांध निर्माण के लिए ५ लाख पेड़ों की कटाई की जाएगी। उत्तर मुंबई में पुल निर्माण के लिए ९,००० मैंग्रोब्ज के पेड़ काटे जाएंगे, जिसस्ो कुल ६०,००० मैंग्रोब्ज पर असर पड़ेगा। पर्यावरण बचाने की ‘माझी वसुंधरा योजना’ अब हाशिए पर चली गई है।

 

आउट ऑफ पवेलियन : माल्या को एसबीआई का यार्कर, कोल्डप्ले स्टार का हॉट डिसीजन

अमिताभ श्रीवास्तव
विजय माल्या और ट्रोलर लगता है एकदूजे के लिए बने हैं। मजा यह है कि सोशल मीडिया पर लोग हर वक्त उनको ट्रोलिंग करने को तैयार बैठे होते हैं। अब चाहे वो कुछ भी पोस्ट करें, ट्रोलर्स पीछे पड़ ही जाते हैं। ताजा मामला आरसीबी की जीत का है और इस बार ट्रोलर नहीं, बल्कि एसबीआई ने सीधे बात की है। लगता तो यही है, क्योंकि जिस पोस्ट पर माल्या ने टीम की ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी, उसी पर एसबीआई की ऑफिशियल आईडी से कमेंट किया हुआ है। इस कमेंट को माल्या ने भी पढ़ा तो होगा? एक तरफ उनकी पोस्ट पर लोगों ने रिप्लाई में पुराना हिसाब-किताब खोल दिया और पोस्ट के कमेंट सेक्शन में ऐसा सुनाया कि अब ये पोस्ट ही वायरल हो गया। विजय माल्या ने `एक्स’ पर पोस्ट करते हुए पूरी टीम को जीत की शुभकामनाएं दीं। आरसीबी आखिरकार १८ साल बाद आईपीएल चैंपियन बनी है। २०२५ के टूर्नामेंट तक शानदार अभियान। बेहतरीन कोचिंग और सपोर्ट स्टाफ के साथ एक संतुलित टीम प्लेइंग बोल्ड। बहुत-बहुत बधाई! ई साला कप नामदे!! बस इस पोस्ट पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने लिखा सर, भारत आइए, हम साथ मिलकर जश्न मनाएंगे। अब इस साथ मिलकर जश्न मनाने का मतलब माल्या जान तो गए होंगे। यह एसबीआई का माल्या को जबरदस्त यार्कर है।

कोल्डप्ले स्टार का हॉट डिसीजन
जब वो मुंबई में आए थे, बाबुलनाथ मंदिर के दर्शन किए थे, हाथ में हाथ डाले इस जोड़े को देखकर कौन कह सकता था कि वो अलग हो जाएंगे। जी हां, कोल्डप्ले के क्रिस मार्टिन और उनकी अभिनेत्री पत्नी डकोटा जॉनसन आठ साल साथ रहने के बाद अलग हो गए हैं। उनके रिश्ते के बारे में अफवाहें महीनों से चल रही थीं और अब यह पुष्टि हो गई है कि ३५ वर्षीय डकोटा और ४८ वर्षीय क्रिस अलग हो गए हैं। पिछली जनवरी में ही तो वो मुंबई आए थे। साथ रहने के लिए प्रार्थना की थी, मगर दोनों के मन में इस साथ रहने की प्रार्थना में शायद वो भाव नहीं था, जो होना चाहिए। हालांकि, उन्होंने एक-दूसरे से दूर समय बिताने की सदियों पुरानी तरकीब भी आजमाई, ताकि दूरियां यादों में बदले और पास आने की तड़प उठे मगर नहीं, इसके बावजूद उनके दिलों में एक-दूसरे के लिए लगाव नहीं बढ़ा। बताया जाता है कि डकोटा इस बात से बहुत दुखी हैं कि वह अब अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय नहीं बिता पाएगी, लेकिन वह चाहती हैं कि बच्चों को यह पता चले कि वो हमेशा उनके लिए मौजूद हैं। संगीतकार क्रिस इस समय विश्व दौरा कर रहे हैं। कोल्डप्ले उनका सबसे लोकप्रिय अल्बम है, जिसके कारण उन्हें प्रसिद्धि मिली। बताया जाता है कि दोनों के बीच उम्र का काफी अंतर था और इसी वजह से दोनों की सोच एक नहीं हो पा रही थी। एक ओर जहां क्रिस अपने काम को लेकर व्यस्त थे तो दूसरी ओर डकोटा चाहती थीं कि उन्हें साथ रहना चाहिए। वैसे इन दोनों के बीच तीसरे की भूमिका से भी प्रशंसक मुंह नहीं मोड़ते। जो अक्सर किसी जोड़े को तोड़ने में महत्वपूर्ण बन जाता है। यह तीसरा कौन है, फिलहाल इस बारे में कोई कुछ स्पष्ट नहीं बता रहा है।

तहकीकात : शादी का तोहफा बना मौत का सामान

फिरोज खान
कूरियर बॉय एक पार्सल लेकर आया था। सुनील को लगा है कि शायद किसी दोस्त ने शादी का तोहफा भेजा है। असल में सुनील की शादी हुए चार दिन ही हुए थे। पार्सल पर सुनील का ही नाम लिखा हुआ था। पार्सल भेजनेवाले का नाम पढ़कर उसे कुछ याद नहीं आ रहा था कि आखिर उस नाम का उसका दोस्त कौन है। पार्सल से एक सफेद धागा बाहर निकला हुआ था। सुनील जैसे ही सफेद धागे को खींचता है, वैसे ही धमाका हो जाता है। धमाके की चपेट में सुनील, उसकी पत्नी और दादी आ जाते हैं। आस-पास के लोग ब्लास्ट की आवाज सुनकर सुनील के घर की तरफ दौड़ पड़ते हैं। घर में सुनील की दादी की लाश पड़ी हुई थी और दोनों पति-पत्नी बुरी तरह घायल अवस्था में जमीन पर पड़े हुए थे। दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।
पुलिस को सूचना मिलते ही वह घटना स्थल पर पहुंच जाती है। जांच में कई सवाल थे। बम से भरा पार्सल किसने भेजा, क्यों भेजा? बॉम्ब ब्लास्ट का केस दर्ज कर पुलिस तहकीकात शुरू करती है। दोस्तों, रिश्तेदारों सहित १५० से ज्यादा लोगों से पूछताछ होती है। सुनील का मोबाइल, लैपटॉप खंगाला जाता है, लेकिन कहीं से कोई सुराग नहीं मिलता। जिस कूरियर कंपनी से पार्सल भेजा गया था, पुलिस उस पते पर पहुंचती है, लेकिन वहां कोई सीसीटीवी वैâमरा नहीं था। पुलिस कूरियर कंपनी के मालिक से पूछताछ करती है। कंपनी के मालिक ने बताया कि ये पार्सल चार दिन पहले डिलीवर करना था। उनका कूरियर बॉय पार्सल लेकर गया भी था, लेकिन वहां घर पर ताला लगा हुआ था।
लंबी छानबीन के बावजूद पुलिस को कहीं से कोई सुराग नहीं मिल रहा था। केस पूरी तरह से उलझता जा रहा था। इस बीच बलांगीर के एसपी दफ्तर में एक गुमनाम चिट्ठी आती है। चिट्ठी में लिखा था कि आप जिस पार्सल बम धमाके की जांच कर रहे हैं, उसे हमने ही अंजाम दिया है। हम आपकी पकड़ से बहुत दूर हैं। धमाका इसलिए किया गया, क्योंकि उन लोगों ने विश्वासघात किया था। अगर हम पूरे परिवार की हत्या भी कर देते फिर भी हमें तसल्ली नहीं होती।
पुलिस ने सुनील और उनके माता-पिता को चिट्ठी दिखाई तो सुनील की मां हाथों की लिखावट देककर चौंक उठती है। असल में सुनील की मां एक कॉलेज में टीचर थी और पत्र की हैंडराइटिंग कॉलेज की अंग्रेजी टीचर से हुबहू मेल खा रही थी। सुनील की मां बताती है कि हाल ही में अंग्रेजी टीचर को प्रिंसिपल पद से हटाकर उन्हें प्रिंसिपल बनाया गया था, तभी से उन दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई थी। पुलिस जब अंग्रेजी टीचर को हिरासत में लेकर पूछताछ करती है तो वह सच उगलते हुए बताती है कि प्रिंसिपल की कुर्सी जाने से वह सख्त नाराज थी। इसलिए उसने बम विस्फोट कर बदला लेने की खौफनाक साजिश रची।

निकाह का लालच देकर करता रहा बलात्कार! युवती की शिकायत के बाद मौलाना फरार, गोरखपुर पुलिस कर रही है तलाश

सामना संवाददाता / गोरखपुर
गोरखपुर में एक मौलाना की गंदी करतूत सामने आई है। इस मौलाना ने पहले एक युवती से निकाह करने का भरोसा दिलाया और फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। जब युवती ८ महीने की गर्भवती हो गई तो वह मस्जिद छोड़कर भाग गया।
बता दें कि यह पूरा मामला जिले के गुलरिहा थाना क्षेत्र का है। गुलरिहा इलाके की रहने वाली एक युवती का आरोप है कि मऊ जिले का रहने वाला मौलवी गांव की मस्जिद में नमाज पढ़ाता था। पीड़िता का आरोप है कि मौलाना ने भरोसा दिलाया था कि वह निकाह करेगा, लेकिन जब वह गर्भवती हो गई, तो वह मस्जिद छोड़कर फरार हो गया। अब उसका मोबाइल भी बंद है और उसकी लोकेशन का कोई सुराग नहीं मिल रहा है। फिलहाल इस घटना को लेकर पीड़िता की तहरीर के आधार पर शिकायत दर्ज की गई है।

मौलवी पर यौन शोषण का मामला दर्ज
गुलरिहा थाने के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि युवती की लिखित तहरीर के आधार पर मौलवी के खिलाफ धोखा देकर शारीरिक संबंध बनाने, झूठे वादे पर विश्वास में लेकर यौन शोषण करने और गर्भवती छोड़कर फरार होने के आरोप में केस दर्ज कर लिया गया है।

मोहन‘राज’ का एक और पाप फूटा होटल की आड़ में भाजपाई का सेक्स रैकेट! सत्ताधारी पार्टी का नेता गिरफ्तार

युवती को बना रखा था बंधक
ग्राहकों से वसूलता था `५ हजार

सामना संवाददाता / भोपाल
एमपी के मोहन‘राज’ में भाजपा नेताओं के पाप एक-एक करके फूट रहे हैं। धाकड़ के बाद एक और नेता की करतूत सामने आई है। होटल की आड़ में सेक्स रैकेट चलाने वाले भाजपा नेता अतुल चौरसिया के काले कारनामों की परतें उधड़ रही हैं। पुलिस ने इस भाजपा नेता को गिरफ्तार कर लिया है।
भाजपा नेता के जबलपुर के गढ़ा में संचालित होटल अतिथि में आए दिन अय्याशियां होती थीं। इनमें भाजपा नेता अतुल चौरसिया के ग्राहकों के अलावा अन्य लोग भी पहुंचते रहे हैं। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद होटल में चलने वाली रंगीन पार्टियों के कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें साफ तौर पर होटल के अंदर महिला डांसर डांस करती नजर आ रही हैं।
असम की युवती की शिकायत के बाद जबलपुर की गढ़ा पुलिस ने भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अतुल चौरसिया को गिरफ्तार किया, जबकि उसका साथी शीतल फरार है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा, ‘मैं असम की रहने वाली हूं। तीन साल पहले जबलपुर काम की तलाश में आई थी। यहां मेरी मुलाकात जिन दो लोगों से हुई, उन्होंने मेरी जिंदगी को नरक बना दिया। ये दो नाम हैं शीतल और अतुल चौरसिया।
रोज नए आदमी भेजता
अतुल ने अगले दिन मेरे कमरे में एक आदमी भेज दिया। तब मुझे अहसास हुआ कि यह होटल नहीं, एक ऐसा अड्डा है, जहां लड़कियों को धंधे में जबरन धकेला जाता है। हर दिन नए-नए आदमी मेरे कमरे में भेजे जाते। शीतल ग्राहक लेकर आता था और अतुल हर ग्राहक से दो से पांच हजार रुपए वसूलता था।
रोने की आवाजें आतीं
कई बार मैंने रोने की आवाजें दूसरे कमरों से भी सुनीं। कई बार दूसरी लड़कियां भी आईं ज्यादातर पूर्वोत्तर की थीं। उन्हें भी ऐसे ही डराकर, लालच देकर रखा जाता था, लेकिन चार महीने पहले किसी तरह मैं भाग निकली।
जिंदगी की कालकोठरी
शुरुआत में शीतल बहुत मीठा बोलता था। बोला कि एक होटल है, वहां रुक जाओ, हम तुम्हें काम दिला देंगे। मुझे भी लगा चलो सिर पर छत तो मिलेगी। अतुल चौरसिया से भी वहीं मुलाकात करवाई। होटल अतिथि की तीसरी मंजिल पर एक कमरा मिला, लेकिन ये कमरा नहीं था, मेरी जिंदगी की कालकोठरी थी।

सिटी स्पाइ : राजा का हत्यारा कौन? सोनम कहां है?

एम एम एस
२३ मई को दोपहर। इंदौर के नवविवाहित जोड़े राजा रघुवंशी और सोनम शादी के बाद हनीमून के लिए मेघालय की राजधानी शिलांग गए थे। २० मई को शिलांग पहुंचे थे। दोनों की अपने परिवारवालों से बातचीत होती रहती थी। आज राजा ने अपनी मां से बात की थी। सोनम ने भी अपनी सास से बात की थी। जब मां ने राजा से पूछा, ‘क्या तुमने खाना खाया है?’ तो राजा ने जवाब दिया कि वह केला खा रहा है। दोनों के बीच पहाड़ों पर जाने की बात हुई। फोन पर मां-बेटे के बीच यह आखिरी बातचीत थी। उस दिन के बाद जब बातचीत नहीं हुई तो परिवार का चिंतित होना स्वाभाविक था।
२३ मई को दोपहर १.४३ बजे दोनों लापता हो गए। ११ दिन की तलाश के बाद २ जून को राजा रघुवंशी का शव मिला। शव सोहरा के वेइसोडोंग झील के पास एक गहरी घाटी में मिला। उनकी पत्नी सोनम लापता हैं। उनका पता नहीं चला है। परिवार को आशंका है कि उनका अपहरण कर लिया गया है। पुलिस ने इसे हत्या मानकर जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि राजा की हत्या किसने की? और सोनम कहां है?
इंदौर के इस नवविवाहित जोड़े ने खूबसूरत जिंदगी के सपने देखे थे, लेकिन एक भयानक हादसे ने सब बर्बाद कर दिया। राजा के बड़े भाई सचिन रघुवंशी के मुताबिक, ‘यह दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है। मेरे भाई की हत्या की गई है। हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। हम किसी भी कीमत पर अपनी बहू सोनम को ढूंढ़ना चाहते हैं।’ राजा (२९) और सोनम (२७) की शादी ११ मई को इंदौर में हुई थी। परिवार इस शादी से खुश था। गोवा की बजाय राजा और सोनम ने नॉर्थ-ईस्ट की खूबसूरती देखने के लिए शिलांग जाने का प्लान बनाया। उन्होंने दो महीने पहले ही टिकट बुक करा लिए थे। २० मई को दोनों असम में कामाख्या देवी के दर्शन कर शिलांग पहुंचे। २२ मई को वे किराए के स्कूटर से मावलखियात गांव गए। वहां नोंगरियत गांव में मशहूर ‘लिविंग रूट ब्रिज’ देखने के लिए वे ३,००० सीढ़ियां नीचे उतरे। रात को वे एक होमस्टे में रुके। २३ मई की सुबह वे वहां से निकले। कुछ घंटे बाद वे लापता हो गए।
२४ मई को उनकी स्कूटी शिलांग-सोहरा रोड पर एक वैâफे के पास खड़ी मिली थी। यह जगह राजा की लाश मिलनेवाली जगह से २५ किलोमीटर दूर है। जीपीएस ट्रैकर से पता चला कि २३ मई को स्कूटी कुछ देर के लिए मवाकमा के एडी व्यू पॉइंट पर रुकी थी। ११ दिन बाद २ जून को ड्रोन की मदद से गहरी घाटी में राजा की लाश मिली। लाश क्षत-विक्षत थी। चेहरा पहचान में नहीं आ रहा था। हाथ पर ‘राजा’ नाम के टैटू और स्मार्टवॉच से लाश की पहचान हुई। लाश के पास खून से सना एक धारदार हथियार, एक महिला की सफेद शर्ट, ४० कारतूसों की एक पट्टी, एक टूटा हुआ मोबाइल और राजा की स्मार्टवॉच मिली। फिलहाल, पुलिस अलग-अलग एंगल से हत्या कांड की जांच कर रही है।

सोनम और सास के बीच हुई आखिरी बातचीत
सास- बेटा, तू वैâसी है? मैं साबूदाना फलाहार बना रही थी तो तेरी याद आई गई कि आज तो मेरी बहू की ग्यारस है। उपवास रखा है न?
सोनम- हां मां, मैंने इन्हें साफ कह दिया था कि मैं घूमने-फिरने के चक्कर में अपनी ग्यारस नहीं तोड़ूंगी।
सास- बेटा, तू इतनी हांफ क्यों रही है? कुछ खा लेना, वहां उपवास का मिले तो।
सोनम- मां, यहां कुछ भी ढंग का खाने-पीने को नहीं मिल रहा है। अभी एक जगह कॉफी पी तो ऐसा लगा न जाने क्या पी रहे हैं।
सास- अभी तुम लोग कहां हो?
सोनम- मां, ये घूमने जंगल में ले आए हैं। यहां खूब खड़ी और कठिन चढ़ाई है।
सास- तो तुम लोग वहां क्या देखने गए हो, नीचे से ही देख लेते।
सोनम- हम झरना देखने गए थे।
सास- सांस फूल रही है न।
सोनम- हां, दम फूल रहा है, आपसे बाद में बात करती हूं।
सास- हां बेटा, तुम्हारा फोन लग गया, अब हम निश्चिंत हैं। तू उपवास का कुछ खा लेना।

संपादकीय : दुनिया को ‘मोदी’ नहीं चाहिए!

नरेंद्र मोदी विश्वगुरु बन गए हैं, ऐसा डंका पीटनेवाले अंधभक्तों को सोचने पर मजबूर कर देनेवाली खबरें आ रही हैं। पूरी दुनिया में भारत के खिलाफ हवा बह रही है और प्रधानमंत्री मोदी बिहार में चुनाव प्रचार सभाओं में व्यस्त हैं। विश्वगुरु मोदी की लंका जल रही है और पूरी भाजपा चुप है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक वित्तीय संस्थाएं पाकिस्तान को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए आगे आई हैं। ‘एडीबी’ यानी एशियाई विकास बैंक ने पाकिस्तान को ८०० मिलियन डॉलर का ऋण स्वीकृत करके मोदी की विश्वगुरुता की खिल्ली उड़ाई है। दो दिन पहले एडीबी के अध्यक्ष मासातो कांडा ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। दोनों के बीच चर्चा हुई। मोदी ने मासातो कांडा के समक्ष विचार व्यक्त किया कि ‘यदि पाकिस्तान को वित्तीय सहायता मिलती है तो इसका दुरुपयोग होगा। इस धन का उपयोग फिर से आतंकवाद को पोषित करने के लिए किया जाएगा’, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसा लगता है कि मोदी की बातें एक कान से सुनीं और दूसरे कान से निकाल दीं। मासातो कांडा ने अगले दो दिनों में पाकिस्तान के लिए ६,८६१ करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की। भारतीय मंत्री आए दिन कहते हैं कि पाकिस्तान एक भिखारी, गरीब और कर्ज में डूबा हुआ देश है, लेकिन वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को इतनी बड़ी मदद मिलते देख भारत की चिंताएं बढ़ जाएंगी। चौंकानेवाली बात यह है कि रूस ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ २.६ बिलियन डॉलर की मेगा परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं। रूस जैसा भारत का पूर्व मित्र पाकिस्तान में औद्योगिक निवेश कर रहा है।
पाकिस्तान को आर्थिक दृष्टि से
सक्षम कर रहा है। अजरबैजान, तुर्की, चीन भी ऐसा कर रहे हैं। ‘एडीबी’ द्वारा पाकिस्तान को दिया गया ६,८६१ हजार करोड़ रुपए का पैकेज राष्ट्रपति ट्रंप की सहमति से दिया गया है। यह तस्वीर भारत के लिए खतरनाक है। इससे भी अधिक गंभीर बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक समिति की धुरी पाकिस्तान को दे दी गई है। पाकिस्तान आतंकवाद को पोषित करनेवाला देश है। भारत कई बार पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने की मांग के साथ संयुक्त राष्ट्र में गया है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने अब पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक समिति का उपाध्यक्ष बना दिया है। यह प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की सीधी हार है। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता भी पाकिस्तान को दी गई है। तालिबान प्रतिबंध समिति एक आधिकारिक समिति है जो अफगानिस्तान की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा बननेवाले व्यक्तियों, समूहों और संगठनों के वित्तीय प्रतिबंधों पर पैâसला करती है। तालिबान बनाने का श्रेय पाकिस्तान को जाता है। तालिबान, अल कायदा और हिजबुल जैसे आतंकवादी संगठनों के आश्रयदाता के तौर पर पाकिस्तान पर उंगली उठाई जाती है। फिर भी, भारत की नीति और भावनाओं की परवाह किए बिना पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ युद्ध का नेतृत्व सौंप दिया गया। अब भारत क्या करेगा और प्रधानमंत्री मोदी इस झटके को वैâसे पचा पाएंगे? यह पाकिस्तान को भारत के बराबर खड़ा करने और उसे सशक्त बनाने की एक अंतर्राष्ट्रीय चाल है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और अन्य की नीतियों के कारण भारत विश्व मंच पर नीचा दिख रहा है। मोदी विश्व मंच पर अपनी ‘वाह वाही’ करने जाते हैं। विश्व नेता मोदी के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं, मोदी आगे चलते हैं और
दुनिया के नेता
मोदी के पीछे-पीछे चलते दिखाकर भारतीय मीडिया वैश्विक तौर पर भारत के लिए दिक्कतें पैदा कर देता है। इतना सब होने के बाद भी मोदी की ‘विश्वगुरु’ वाली छवि केवल उनके अंधभक्तों के बीच ही है। दुनिया में ऐसा कुछ नहीं है। मोदी को राष्ट्रपति ट्रंप ने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं किया। जब मोदी ट्रंप से मिलने गए तो राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री का सम्मान के साथ स्वागत करने का सरल शिष्टाचार नहीं निभाया और प्रधानमंत्री मोदी को विश्वास में लिए बिना ही भारत-पाक युद्ध में युद्ध विराम की घोषणा कर दी। यह एक तरह से संप्रभु भारत का अपमान है। मोदी का ऐसा अपमान दुनिया में आए दिन हो रहा है। पाकिस्तान से युद्ध रोकने के बाद मोदी ने ५६ सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर में भेजा, लेकिन इस प्रतिनिधिमंडल ने किसी भी देश के किसी महत्वपूर्ण नेता से मुलाकात नहीं की। मोदी के कार्यकाल में भारत की प्रतिष्ठा गिरने लगी है। वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान का मजबूत होना भारत को कमजोर करने जैसा है। अब कनाडा में होने वाले ‘जी-७’ शिखर सम्मेलन में भी प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित नहीं किया गया है। कनाडा १५ से १७ जून तक ‘जी-७’ की मेजबानी कर रहा है। इसमें वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा होगी। इस बैठक में अमेरिका, प्रâांस, ब्रिटेन, जापान, इटली, कनाडा और जर्मनी के चांसलर शामिल हैं। इस सम्मेलन में ब्राजील, मैक्सिको, दक्षिण अप्रâीका और यूक्रेन के राष्ट्रपति और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री को इस वैश्विक शिखर सम्मेलन से दूर रखा गया है। उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है। इसका सीधा संदेश यह है कि दुनिया मोदी को नहीं चाहती। यह भारत के लिए खतरे की घंटी है। मोदी-शाह ने भारत की प्रतिष्ठा को बर्बाद कर दिया है। अंधभक्तों को यह कभी भी समझ में नहीं आएगा।