36 डिसमिल जमीन कब्जा करने के लिए आर्मी यूनिट से चुराई राइफल…दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले सेना का जवान सहित चार गिरफ्तार

अनिल मिश्र / रांची

झारखंड की राजधानी रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित एसआईटी टीम ने विभिन्न तकनीकी पहलुओं और विभिन्न बिंदुओं की जांच करते हुए घटना के महज 30 घंटे के अंदर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें भारतीय सेना के जवान मनोहर टोपनो भी शामिल है। भारतीय सेवा के जवान मनोहर टोपनो के द्वारा 36 डिसमिल जमीन कब्जा करने को लेकर अपनी ही आर्मी यूनिट से एक एके-47 चुराई गई थी, जिसे उसने चुरा कर अपने सहयोगी सुनील कच्छप की सहायता से जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा से रांची लाया था। वहीं चोरी की गई एके-47 हथियार से दोहरे हत्याकांड की घटना को अंजाम दिया गया है।
दरअसल, झारखंड की राजधानी रांची में सरस्वती पूजा के मूर्ति विसर्जन को लेकर गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाला जा रहा था, उसी दौरान एके-47 हथियार से ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए दोहरे हत्याकांड की खौफनाक घटना को अंजाम दिया गया था। भारतीय सेना के जवान मनोहर टोपनो ने अपने सहयोगी और सुनील के साथ मिलकर रांची के नगड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत कतरपा गांव के रहने वाले बुधराम मुंडा और मनोज कच्छप की हत्या की थी। वहीं कल इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जिन दो लोगों की हत्या की गई थी, वो सेना के जवान के रिश्ते में चाचा और भतीजा थे। दोनों को सरस्वती पूजा के विसर्जन के दौरान ही गोलियों से भून दिया गया था। वहीं इस हत्याकांड की घटना से उस दिन राजधानी के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के निर्देश पर रांची के ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम का गठन किया गया था। गठित एसआईटी में ग्रामीण एसपी के साथ-साथ डीएसपी मुख्यालय टू अरविंद कुमार सहित रातू थाना, नगड़ी थाना के साथ-साथ दलादली ओपी की पुलिस को शामिल किया गया था।इस संबंध में रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि दोहरे हत्याकांड की घटना को भारतीय सेना के जवान मनोहर टोपनो ने सेना की यूनिट से ही चोरी की गई एके-47 हथियार से अंजाम दिया था। इस मामले में उसे सहयोग करने वाले सुनील कच्छप को भी गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि दोहरे हत्याकांड की घटना के पीछे 36 डिसमिल जमीन का विवाद था। इसके साथ ही एके-47 हथियार और एके-47 की 6 जिंदा गोलियां भी बरामद की गई है। वहीं एक वैगन आर कार भी जब्त किया है।

ईवीएम सरकार ने मुंबई को गड्ढे में डाल दिया! … महायुति सरकार पर जमकर बरसे उद्धव ठाकरे

‘एफडी तोड़ी और डेढ़ लाख करोड़ की खाई में मुंबई को धकेल दिया’

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा दुनिया की सबसे अमीर मनपा में गिनी जाती थी, लेकिन आज ये इसे भी बेचने के लिए निकले हैं। जिस मनपा को सभी ने मिलकर घाटे में पहुंचा दिया था, उसे हमने मुनाफे में पहुंचाया। मनपा की एफडी को ९२ हजार करोड़ रुपए तक ले गए, लेकिन पहले की गद्दार और मौजूदा ईवीएम सरकार ने मुंबई को गड्ढे में डाल दिया। इन्होंने एफडी को भी तोड़ दिया। इतना ही नहीं, मुंबई मनपा को डेढ़ लाख करोड़ रुपए के कर्ज की खाई में भी धकेल दिया है। इस सरकार ने मुंबई मनपा पर इतना कर्ज लाद दिया है कि अगले २३ सालों तक केवल कर्ज भरने में लगेंगे। इस तरह के तीखे शब्दों के बाण से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे महायुति सरकार पर जमकर बरसे।
दादर स्थित रेलवे कामगार सेना का कल राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ। इस मौके पर कामगारों को संबोधित करते हुए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जैसे रेलवे और बेस्ट मुंबई की लाइफलाइन मानी जाती है। उसी तरह एसटी बस राज्य के गांव-गांव में पहुंची है, लेकिन आज एसटी घाटे में चल रही है। इतना ही नहीं, बेस्ट का भी कोई रखवाला नहीं रहा है। दूसरी तरफ यह कहा नहीं जा सकता है कि भविष्य में रेलवे का भी निजीकरण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया में पहले सबसे अमीर मनपाओं में गिनी जानेवाली मुंबई मनपा का हाल ही में बजट पेश किया गया। इस बजट में पता चला कि मनपा का ९२ हजार करोड़ की एफडी अब ८० हजार करोड़ पर पहुंच गई है। इसे देखते हुए यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि ईवीएम सरकार मुंबई मनपा को बेचने के लिए निकली है।

२०० सालों तक पूरे नहीं होंगे सड़कों के काम
उद्धव ठाकरे ने कहा कि नितिन गडकरी ने कहा था कि मुंबई-गोवा महामार्ग को इस तरह से बनाएंगे की २०० सालों तक उस पर गड्ढे नहीं पड़ेंगे, लेकिन अब जनता कहने लगी है कि २०० साल बीतने के बाद भी सड़कों के काम पूरे नहीं होंगे। इतना ही नहीं और २०० साल बीत जाने पर भी यही स्थिति होगी।

आज तक नहीं लग सकी प्रतिमा
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से टर्मिनस है। वहां आज तक उनकी प्रतिमा नहीं लगाई जा सकी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अब प्रशासन को तारीख दीजिए, यदि उन्होंने नहीं लगाया तो हम प्रतिमा को लगाएंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि लगता है छत्रपति शिवाजी महाराज उन्हें ईवीएम मशीन लगते हैं। महाराज की जय-जयकार करने पर लोग वोट देते हैं। ये पथभ्रष्ट लोग अपने देवता को केवल वोट और राजनीति के लिए इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वे कह रहे हैं कि इस बार के बजट में महाराष्ट्र को झोली खोलकर हमने दिया है। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या जो मिला है वह आप तक पहुंचता है या नहीं?

संपादकीय : बांग्लादेश में फिर हमला …कहते हैं, हिंदुओं के रक्षक हैं!

प्रधानमंत्री मोदी यहां गंगा में अमृतस्नान की डुबकी लगाकर अपने हिंदुत्व का ‘प्रदर्शन’ कर रहे थे और वहां बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले फिर शुरू हो गए थे। बांग्लादेश में बुधवार को फिर हिंसा भड़क उठी। इसमें बांग्लादेश के संस्थापक और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान के घर में तोड़-फोड़ की गई। आग लगाई गई। हिंसा की वजह बुधवार रात हसीना का ‘लाइव’ भाषण था। इधर हसीना का लाइव भाषण शुरू हुआ और उधर उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान का घर हमलावरों ने भस्म कर दिया। हालांकि, इस बात को लेकर कई सवाल हैं कि बांग्लादेश में भड़की हिंसा सही थी या गलत, स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इसे क्यों नहीं रोका, वे तमाशबीन की भूमिका में क्यों रहे, लेकिन भारत के लिए इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात इस हिंसा की आड़ में वहां हो रहे हिंदुओं पर हमले हैं। बुधवार को भी हमलावरों ने सिर्फ शेख हसीना की अवामी लीग के कार्यकर्ताओं पर ही हमला नहीं किया। इस
मौके का फायदा उठाकर
हिंदुओं पर भी हमले किए गए। राजशाही जिले के फुदकी गांव में हिंदू घरों पर हमला किया गया। मंदिर में मौजूद सरस्वती देवी की मूर्ति को तोड़ दिया गया। सत्तांतरण के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के दौर रुके नहीं हैं। हिंदू महिलाओं, लड़कियों पर हिंसा कम नहीं हुई है। पोटुआखवी जिले में एक मुस्लिम युवक द्वारा परेशान किए जाने से तंग आकर हाल ही में एक हिंदू लड़की इति दास ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली। आज बांग्लादेश में हिंदुओं का कोई संरक्षक नहीं है। न तो वहां की मोहम्मद यूनुस सरकार उनकी रक्षा कर रही है और न ही शेख हसीना को ‘राजाश्रय’ देने वाली और खुद को ‘हिंदुत्व रक्षक’ कहनेवाली मोदी सरकार यूनुस सरकार पर ये सब रोकने का दबाव बना पाई है। बांग्लादेश में हिंदुओं, उनके घरों, उनके व्यवसायों, उनके शैक्षणिक संस्थानों और मंदिरों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। इस सरकार की मातृसंस्था आरएसएस ने एक बार इस बाबत
मोदी सरकार को चेताया
था, उसने बस इतना ही किया। बाद में उन्होंने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी साध ली है। बांग्लादेश में हिंदू आज बेहद डर में जी रहे हैं। वह हताश और असहाय अवस्था में भारत और भारत के शासकों की तरफ आशाभरी नजरों से देख रहा है, लेकिन दिल्ली के शासक न तो हिंदुत्व की हुंकार भर रहे हैं और न ही उनकी तथाकथित ‘५६ इंच’ की छाती थरथरा रही है, क्योंकि उनका हिंदुत्व और हिंदू धर्म उनके लिए सिर्फ एक राजनीतिक सहूलियत है। उन्हें केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए देश के हिंदुओं की जरूरत पड़ती है और विदेशों में हिंदुओं को बेबस छोड़ दिया जाता हैं। बांग्लादेश जैसा छटंकी भर का देश शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर भारत को चेतावनी देता है, मोदीमित्र ट्रंप उनकी चेतावनी को नजरअंदाज कर देता है, लेकिन मोदी सरकार की जुबां नहीं खुलती। ‘विश्वगुरु’ के गुब्बारे में अब हवा नहीं रही। तभी तो ये न तो अमेरिका में भारतीयों की नौकरियों पर हो रहे कहर को रोक सकते हैं, न ही बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों को… और कहते हैं, हिंदुओं के रक्षक हैं!

राज्य में भ्रष्टाचार और कोर्ट की फटकार … सीएम को सुनाई क्यों नहीं देता? … आदित्य ठाकरे ने सरकार को घेरा

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे और करुणा शर्मा के बीच पारिवारिक विवाद पर न्यायालय में हुई सुनवाई में कोर्ट ने धनंजय मुंडे को जमकर फटकार लगाते हुए करुणा शर्मा के पक्ष में फैसला सुनाया। बांद्रा कोर्ट ने आदेश दिया है कि धनंजय मुंडे को करुणा शर्मा को हर महीने २ लाख रुपए गुजारा भत्ता देना होगा। इसे धनंजय मुंडे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस मामले पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष नेता व विधायक आदित्य ठाकरे ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को घेरा है।
उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति मंत्री पद पर है और उस पर इस तरह से कोर्ट द्वारा टिप्पणी की जाती है, यह बहुत चौंकाने वाला है। सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है। लूट मची है। कोर्ट महायुति सरकार के मंत्रियों पर फटकार लगा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री को यह सब सुनाई क्यों नहीं देता है, ऐसा गंभीर सवाल उन्होंने उपस्थित किया।
राज्य सरकार द्वारा शिवभोजन थाली बंद किए जाने और लाडली बहन योजना पर प्रतिबंध लगाने को लेकर आदित्य ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को इन योजनाओं को रोकने की बजाय भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर लगाम लगानी चाहिए। बिना नाम लिए उन्होंने धनंजय मुंडे पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार को भ्रष्टाचारियों पर ब्रेक लगाना चाहिए, न कि गरीबों की मदद करने वाली योजनाओं पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी जन योजना शिवभोजन थाली और लाडली बहन योजना जैसी तमाम योजनाएं अधर में लटकी हैं।
मुंबई में सड़क
घोटाले का आरोप
आदित्य ठाकरे ने मुंबई सड़क घोटाले का भी मुद्दा उठाया और कहा कि वे पहले से ही इस घोटाले की बात कर रहे थे, जिसे अब मनपा आयुक्त ने उजागर कर दिया है। उन्होंने उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तक सिर्फ २६ प्रतिशत ही क्रंक्रीट की सड़कें बनाने का काम पूरा हो पाया है, ऐसा सरकार दावा कर रही है, लेकिन मैं चैलेंज करता हूं कि वे दिखाएं। दो साल बाद भी वास्तव में केवल ५ प्रतिशत से ज्यादा सड़कें भी पूरी नहीं हुई हैं।
`आनंद शिधा’ योजना में भ्रष्टाचार का आरोप
शिवभोजन थाली और `आनंद शिधा’ योजना पर बोलते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपए के बिल अभी भी बकाया है। ठेकेदारों के बकाए को लेकर सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राजनीति के लिए आर्थिक अनुशासन का पालन नहीं कर रही है और राज्य की आर्थिक स्थिति डांवांडोल हो रही है। सरकार के प्रिय ठेकेदारों पर बेवजह खर्च किया जा रहा है।

`अडानी टैक्स’ थोपने का फैसला करें रद्द, नहीं तो
मुंबईकरों के गुस्से का होगा विस्फोट!
घातियों के लाडले ठेकेदारों के चंदे के बोझ से दबी मुंबई मनपा अब जल और मल निकासी टैक्स के माध्यम से मुंबईकरों की जेब से पैसा निकालने की कोशिश कर रही है। एक ओर जहां पानी की आपूर्ति और अस्वच्छता की स्थिति बिगड़ी हुई है, वहीं मनपा द्वारा की जा रही टैक्स वसूली अन्यायपूर्ण है। यदि बढ़ा `अडानी टैक्स’ लगाया गया तो मुंबईकरों के गुस्से का विस्फोट होगा। इस तरह की चेतावनी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने कल दी। मीडिया से बातचीत में आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुंबई मनपा में पिछले तीन वर्षों से महापौर और निर्वाचित नगरसेवकों के अभाव में घाती-भाजपा सरकार के आशीर्वाद से मनमाने ढंग से कामकाज चल रहा है। साल २०२२ में महाविकास आघाडी की सरकार रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री और शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने ५०० वर्गफीट तक की संपत्तियों का कर माफ कर दिया था। इसमें जल और मल निकासी टैक्स भी माफ किया गया था। लेकिन अब टैक्स लगाकर अडानी के लिए जगह खाली करवाई जाए और चहेते ठेकेदारों के चंदे को देने के लिए मुंबईकरों पर आर्थिक बोझ डालने की मनपा की चाल है। इस बीच पुलों की मरम्मत और नए पुलों के लिए रेलवे को करोड़ों रुपए देने के बावजूद मुंबईकरों की रोजमर्रा की भीड़भाड़ और असुविधा की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

सेलफोन की सनक : ७ वीं की बच्ची भाग गई! …दो सहेलियों को भी लिया साथ

-कुछ महीने पहले मीरा-भायंदर में भी भागी थीं तीन लड़कियां
सामना संवाददाता / मुंबई
स्मार्टफोन का नशा अब न केवल युवाओं, बल्कि बच्चों को भी बर्बाद कर रहा है। आमतौर पर आप कहीं भी देख सकते हैं कि मां-बाप छोटे-छोटे बच्चों को भी टाइम पास करने व खेलने के लिए सेल फोन थमा देते हैं। उस वक्त तो उन्हें अच्छा लगता है, पर बाद में यह आदत जी का जंजाल बन जाती है। सेलफोन की इस सनक की एक घटना अंधेरी में देखने को मिली है। वहां मां-बाप ने अपनी ७वीं में पढ़नेवाली अपनी बच्ची को मोबाइल पर रील देखने से रोका तो वह घर से ही भाग गई। घर से भागते वक्त उसने अपनी दो हमउम्र सहेलियों को भी साथ ले लिया।
गौरतलब है कि बच्चों व युवाओं के बीच मोबाइल के इस्तेमाल और सोशल मीडिया का नशा इतना बढ़ता जा रहा है कि नाबालिग लड़के और लड़कियां किसी भी हद को पार कर रहे हैं। मोबाइल की लत छुड़ाना मां-बाप के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। रील देखने से रोकने पर नाबालिग लड़की के भागने की घटना घटी है। बता दें कि कुछ महीने पहले मीरा-भायंदर से भी कुछ ऐसी ही खबर आई थी कि रील देखने पर जब माता-पिता ने डांटा तो वहां भी लड़कियों ने घर छोड़ दिया था।

दादर स्टेशन के पास
मिली खोई बच्चियां!
पिता की डांट खाकर घर से भागी थीं

सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग लड़की हमेशा अपने सेलफोन पर सोशल मीडिया के वीडियो क्लिप्स देखती रहती थी। उसकी इस आदत से उसके पिता परेशान थे। इसके लिए वह अक्सर अपनी बेटी को डांटते रहते थे। बेटी को यह बात काफी बुरी लगती थी। इसी क्रम में एक दिन वह गुस्से में घर छोड़कर चली गई। आश्चर्य की बात है कि लड़की घर से निकलते समय अपने साथ दो सहेलियों को भी ले गई। तीनों लड़कियां कक्षा ७ में पढ़ती हैं। पुलिस के अनुसार, तीनों लड़कियों की उम्र १४ साल की है। तीनों लड़कियों के घर से भागने की खबर से इलाके में हड़कंप मच गया। लड़कियों को घर से भागने का पता चलते ही उसके पिता ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एमआईडीसी पुलिस ने जांच के लिए अलग-अलग टीमें गठित की और सीसीटीवी और तकनीकी जानकारी के आधार पर लड़कियों को खोजना शुरू किया। पुलिस की तकनीकी जानकारी के आधार पर लड़कियों का सुराग मिला कि लड़कियां अंधेरी से दादर रेलवे स्टेशन की तरफ गई हैं। इस जानकारी के आधार पर मुंबई पुलिस ने चार घंटे में लड़कियों को ढूंढ निकाला। एमआईडीसी पुलिस ने दादर रेलवे स्टेशन क्षेत्र से लड़कियों को हिरासत में लिया और उन्हें उनके माता-पिता को सौंप दिया। प्राथमिक जांच में यही निकलकर आया कि अधिक मोबाइल इस्तेमाल करने के लिए मां-बाप की फटकार से नाराज होकर लड़कियों ने घर छोड़ा था। हालांकि, पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं किसी बाहरी शख्स ने इन लड़कियों को बहला-फुसलाकर घर से भागने के लिए उकसाया तो नहीं?

कॉल सेंटर में कामुकता की क्लास …बदनाम लौंडे अमेरिकियों को बेच रहे थे वियाग्रा!

सामना संवाददाता /मुंबई
मुंबई के बदनाम लौंडे भी गजब करते हैं। एक तो अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भारत विरोधी अभियान छेड़ रखा है, दूसरी तरफ ये लौंडे साकीनाका में बैठकर अमेरिकियों को बेवकूफ बना रहे थे। ये बदनाम लौंडे कॉल सेंटर की आड़ में अमेरिकियों की कामुकता की क्लास लगाते हुए उन्हें वियाग्रा बेच रहे थे।
दरअसल, पुलिस को साकीनाका की एक बिल्डिंग में एक अवैध कॉल सेंटर चलाए जाने की जानकारी मिली थी। सूचना मिलने के बाद जब पुलिस वहां पहुंची तो वह हक्की-बक्की रह गई। वहां पर बड़ी संख्या में कामोत्तेजक टैबलेट वियाग्रा रखी हुई थी। कुछ लड़के अमेरिकी लहजे में फोन पर बात कर रहे थे। जब पुलिस ने पूछताछ की तो इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ।
अंधेरी की एक बिल्डिंग में कुछ ऐसा हुआ जो हैरान कर देने वाला था। वहां कुछ लड़के विदेशी नागरिकों से वियाग्रा और दूसरी प्रतिबंधित दवाइयां बेचने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे थे। मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट १० को एक फर्जी कॉल सेंटर के बारे में सूचना मिली थी। जब पुलिस ने वहां पर छापा मारा तो इस अवैध धंधे का खुलासा हुआ। इस कॉल सेंटर पर छापा मारकर पुलिस ने ६ आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार, इस कॉल सेंटर में विदेशी नागरिकों को वियाग्रा और प्रतिबंधित दवाइयां उपलब्ध कराने के नाम पर बड़ी रकम वसूली जा रही थी। साकीनाका पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में ७२ कॉर्प बिल्डिंग में अवैध कॉल सेंटर चलने की गुप्त जानकारी एएसआई कांबले को मिली थी। पुलिस को मिली इस गुप्त जानकारी के आधार पर एपीआई राजे, चौधरी, टोडकर, शेख व कांबले की टीम ने दो पंचों की मदद से छापा मारा। वहां आरोपी वीसी डायलर का उपयोग कर वीओआईपी कॉल के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों से बात करते हुए रंगेहाथ पकड़े गए। पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर आरोपी अपना झूठा नाम बता रहे थे। साथ ही वे बिना लाइसेंस और प्रिस्क्रिप्शन के वियाग्रा, सियालिस (ईडी) दवाइयां बेचकर सरकार और नागरिकों को धोखा दे रहे थे।

अमेरिकी दवा है वियाग्रा
दिलचस्प बात यह है कि वियाग्रा एक अमेरिकी दवा है, जिसे फाइजर कंपनी बनाती है। करीब ढाई दशक पूवं जब यह लॉन्च की गई थी तब काफी चर्चित हुई थी। यह पुरुषों में यौन क्षमता बढ़ाती है। भारत में इस नाम से मिलती-जुलती कई दवाएं बाजार में बेची जाती हैं।

६ हार्ड डिस्क जप्त
घटनास्थल से पुलिस ने कुछ सामग्री जब्त की है। साकीनाका पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की उम्र १८ से ३२ के बीच की है। इन सभी से पुलिस ने ६ हार्ड डिस्क, २ मोबाइल, १ पेन ड्राइव, कंप्यूटर डेटा और कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं।

बेड़ियों में हिंदुस्थान! …नहीं सहेंगे यह अपमान … संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन

– हथकड़ी लगाकर लाए देशवासियों पर भड़के विपक्षी सांसद

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी समेत अन्य विपक्षी सांसदों ने कल अमेरिका से अवैध अप्रवासियों की वापसी को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने ‘बेड़ियों में हिंदुस्थान, नहीं सहेंगे यह अपमान’ और ‘भारत सरकार जवाब दो’ के नारे लगाए। प्रदर्शन के चलते लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

प्रियंका गांधी का तंज
मोदी-ट्रंप अच्छे दोस्त हैं
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस मामले में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, ‘अगर पीएम मोदी, ट्रंप के इतने अच्छे दोस्त हैं तो ऐसा क्यों होने दिया गया?’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारा जहाज क्यों नहीं जा सकता था इन भारतीयों को लेने?’

सरकार को पूरी जानकारी थी
इस मामले में लगातार हंगामा बढ़ने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम इस मामले में अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्वासित किए गए व्यक्तियों के साथ हवाई सफर के दौरान किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो। मंत्री ने स्पष्ट किया कि निर्वासन या वापस भेजा जाना कोई नई प्रक्रिया नहीं है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन के सवाल पर कहा कि १०४ भारतीयों को वापस भेजने के बारे में सरकार के पास पूरी जानकारी थी।

विदेश मंत्री का बयान कमजोर
कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका की सरकार ने भारतीयों को बेहद अमानवीय तरीके से देश भेजा, उन्हें जंजीरों मे बांधकर बहुत बदसलूकी की। गोगोई ने कहा कि इस मामले में विदेश मंत्री ने बहुत ही कमजोर बयान दिया है।

 

 

कितने मंत्री पद आए, कितने गए भुजबल खत्म नहीं हुआ! … अजीत पवार के फोन पर भड़के भुजबल

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से अजीत पवार गुट के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल नाराज हैं। मंत्री पद की शपथ ग्रहण समारोह के बाद से ही उन्होंने अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं। मुझे दरकिनार किया जाए या फेंका जाए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। कितने ही मंत्री पद आए और गए, लेकिन छगन भुजबल खत्म नहीं हुआ है।
बता दें कि भुजबल लगातार उप मुख्यमंत्री अजीत पवार पर तीखा हमला बोला रहे हैं। अजीत पवार गुट के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिशें भी कीr हैं। अब छगन भुजबल ने खुलासा किया कि चार दिन पहले अजीत पवार ने उन्हें फोन किया था। मीडिया से बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि क्या अजीत पवार गुट के नेताओं ने उनसे संपर्क किया? तो भुजबल ने जवाब दिया कि शिर्डी अधिवेशन के लिए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ने मुझे आने का अनुरोध किया था इसलिए मैं वहां गया था। चार दिन पहले अजीत दादा का भी मुझे फोन आया था। उन्होंने कहा कि मैं देर से फोन कर रहा हूं, इसके लिए खेद है। हमें एक बार बैठकर बात करनी चाहिए।
भुजबल ने ली चुटकी
जब उनसे पूछा गया कि अजीत पवार गुट की बैठक के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात क्यों की? तो भुजबल ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुझे मुख्यमंत्री से कुछ काम था, मैं उनसे मिलने गया। कोई कहता है कि मेरी नाराजगी कम हुई तो कोई कहता है कि बढ़ गई। इसे मापने के लिए थर्मामीटर लगाकर देखना पड़ेगा, तभी पता चलेगा कि नाराजगी कम हुई या ज्यादा। जब उनसे पूछा गया कि क्या अजीत पवार आपकी नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं? तो उन्होंने कहा कि मैं क्या बताऊं।

घाती करेंगे गरीबों पर एक और घात, सरकार बंद कर सकती है `शिवभोजन’ व `आनंद’ राशन!

-दो लाख करोड़ पार कर चुका है राजकोषीय घाटा
– रु. १,३०० करोड़ बचाने की कवायद
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य सरकार इस समय वित्तीय संकट से जूझ रही है इसलिए कुछ कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने की बात सामने आई है। वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए सरकार अब पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समय शुरू की गई शिवभोजन थाली योजना और पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समय शुरू की गई आनंद शिधा योजना को बंद करने की सोच रही है।
चालू वित्तीय वर्ष में इन दोनों योजनाओं पर १,३०० करोड़ रुपए खर्च किए गए। ऐसी खबर मीडिया में चल रही है। गत मंगलवार को हुई राज्य वैâबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा चली थी। राज्य विधानमंडल का बजट सत्र मार्च माह में आयोजित किया जाएगा। इस बजट सत्र के बाद योजनाओं को बंद करने पर निर्णय लिए जाने की संभावना है।
गौरतलब है कि राज्य का राजकोषीय घाटा दो लाख करोड़ से अधिक हो गया है और सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तीन प्रतिशत है। राज्य के पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने पत्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से शिवभोजन थाली योजना को बंद नहीं करने का अनुरोध किया है। यह योजना महाविकास आघाड़ी के दौरान शुरू की गई थी, जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे और छगन भुजबल खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री थे।
लाडली बहन योजना का नतीजा?
महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई लाडली बहन योजना पर खर्च के कारण यह आशंका है कि राज्य सरकार का राजकोषीय घाटा २ लाख करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगा। यही वजह है कि राज्य सरकार की ओर से खर्च कम करने के लिए सख्त कदम लागू किए जाने की संभावना है। वित्त मंत्री अजीत पवार ने भी इसका सुझाव दिया है। पिछले साल चुनाव के चलते कुछ रियायतें दी गई थीं, लेकिन उन्होंने कहा था कि अगले पांच साल तक अनुशासन का पालन करना जरूरी है।

शिवभोजन थाली योजना क्या है?
गरीबों और जरूरतमंदों के लिए १० रुपए में एक थाली उपलब्ध कराई गई। शहर में एक शिवभोजन थाली की कीमत ५० रुपए है और ग्रामीण इलाकों में इसकी कीमत ३५ रुपए है। राज्य सरकार की ओर से १० रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। बुधवार तक राज्यभर में १,८०,६४४ थाली वितरित की गर्इं, योजना की सीमा १,९९,९९५ थाली है। इस योजना पर राज्य सरकार सालाना २६७ करोड़ रुपए खर्च करती है।

कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री ने दिया ‘एसईओ’ का ‘चूरन’! …राज्यभर में २ लाख किए जाएंगे नियुक्त

२०१४ में खुद फडणवीस ने किया था खत्म
रामदिनेश यादव / मुंबई
भाजपा ने पिछले १० सालों में अपने कार्यकर्ताओं को कुछ नहीं दिया है। भाजपा के कार्यकर्ताओं में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लेकर भारी नाराजगी है। दो बार तो जैसे-तैसे भाजपा अपने गुणा-गणित के सहारे आ गई, लेकिन अब उसे कार्यकर्ताओं की नाराजगी का भय सताने लगा है। शायद इसीलिए भाजपा नेतृत्व वाली महायुति सरकार को अब एकबार फिर एसईओ नियुक्त करने की योजना याद आई है। इसके तहत कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें ‘एसईओ’ बनाने का चूरन दिया है।
दरअसल, वर्ष २०१४ में जब भाजपा की सरकार राज्य में आई थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ही एसईओ (स्पेशल एक्जीक्यूटिव ऑफिसर) पद को समाप्त करने का काम किया था। भाजपा सरकार ने एसईओ के कई अधिकार हटाकर उसे बिना काम का बना दिया। जिसके बाद इसका महत्व पूरी तरह से खत्म हो गया। अब भाजपा को ही लग रहा है कि कार्यकर्ताओं को क्या दिया जाए, जिससे उनकी नाराजगी को कम किया जा सके। ऐसे में अब इस सरकार का ध्यान एसईओ की ओर गया है और इसे फिर से जिंदा करने की कवायद शुरू की गई है।
विभिन्न समितियों में स्थान
सरकारी योजनाओं के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार इन विशेष कार्यकारी अधिकारियों को दिया जाएगा। उन्हें विभिन्न समितियों में स्थान मिलेगा और सरकार के विभिन्न कार्यों की निगरानी करने का अधिकार होगा। इस अवसर पर यह भी बताया गया कि वे प्रशासनिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। बता दें अब तक प्रत्येक १,००० मतदाताओं पर एक विशेष कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया जाता था।

पालकमंत्री की समिति
एसईओ को विशेष कार्यकारी अधिकारी भी कहा जाता है। राज्य सरकार लगभग दो लाख एसईओ नियुक्त करेगी। राज्य में एसईओ नियुक्ति के लिए प्रत्येक जिले में राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में पालकमंत्री और जिलाधिकारी की समिति बनाई जाएगी। महाराष्ट्र में अब प्रत्येक ५०० मतदाताओं पर एक कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

मिलेंगे १४ विशेष अधिकार
इस निर्णय के तहत राज्य में कुल १ लाख ९४ हजार विशेष कार्यकारी अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस बारे में जानकारी देते हुए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि यह केवल नाममात्र का पद नहीं होगा, बल्कि इन अधिकारियों को १३ से १४ विशेष अधिकार भी दिए जाएंगे। सरकार के नए जीआर (सरकारी प्रस्ताव) के लागू होने के बाद वर्तमान विशेष कार्यकारी अधिकारियों के पद समाप्त कर दिए जाएंगे और नई नियुक्तियां की जाएंगी।