अशोक तिवारी / मुंबई
मुंबई शहर में ड्रग्स माफियाओं का जाल पूरे शहर में फैला हुआ है। ड्रग्स माफियाओं के निशाने पर अधिकतर युवा वर्ग हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक, देश में जितने भी क्राइम होते हैं, उसमें 90% क्राइम नशा करने वाले व्यक्ति ही करते हैं।
नशा करने वाला व्यक्ति न सिर्फ अपने जीवन को बर्बाद करता है, बल्कि उसका पूरा परिवार बिखर कर सड़क पर आ जाता है। मुंबई शहर के स्कूल-कॉलेज और झोपड़पट्टियों में ड्रग्स के पेडलर अपने एजेंटों को नियुक्त कर रखे हैं, जो युवाओं को ड्रग्स की सप्लाई करते हैं। साकीनाका पुलिस ने साकीनाका के 90 फीट रोड पुलिस स्टेशन के पास से सादिक सलीम शेख नामक एक 28 वर्षीय युवक को शंका के आधार पर पकड़कर तलाशी ली तो उसके पास से करीब 10 लाख रुपए का एमडी ड्रग्स बरामद हुआ। पूछताछ में उसने बताया कि वह बांद्रा के सिराज सुल्तान पंजवानी नामक ड्रग्स डीलर के लिए काम करता है।
पुलिस ने जब सिराज सुल्तान पंजवानी को गिरफ्तार किया तो उसने पूछताछ में बताया कि एमडी ड्रग्स बनाने की एक फैक्ट्री पालघर जिले के वसई तालुका के कॉमन एरिया में चल रही है। सूचना के आधार पर पुलिस ने कॉमन इलाके में एमके ग्रीन नामक कंपनी में छापा मारा। दिखावे के लिए यह कंपनी पेवर ब्लॉक बनाने का कार्य करती थी, लेकिन उसकी आड़ में एमडी ड्रग्स का उत्पादन कर बाजारों में भेजा जा रहा था। परिमंडल 10 के पुलिस उपायुक्त सचिन गुंजाल ने बताया कि इस फैक्ट्री से करीब 8 करोड चार लाख रुपए की एमडी ड्रग्स बरामद की गई है तथा उसे बनाने वाली मशीनरी भी जप्त की गई है। फिलहाल, कंपनी का मालिक कालूराम चौधरी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है।