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शिंदे सरकार का मेडिकल छात्रों के साथ घात …मंजूरी के बाद भी सीपीएस में नहीं शुरू हुआ एडमिशन

सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले साल घाती सरकार ने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पढ़ानेवाले कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन (सीपीएस) के २६ पाठ्यक्रमों की मान्यता रद्द कर दी थी। हालांकि, सीपीएस द्वारा पाठ्यक्रमों को फिर से शुरू करने के प्रयासों के बाद महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने मार्च में राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान आयोग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार १० सीपीएस पाठ्यक्रमों को फिर से मान्यता दे दी। लेकिन मंजूरी के बावजूद चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान निदेशालय की ओर से अभी तक पिछले साल की सीटों के लिए एडमिशन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। घाती सरकार के घात करने से पिछले साल ५०० सीटों पर चयनित छात्र अभी भी एडमिशन की राह देख रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नेशनल मेडिकल कमीशन बोर्ड ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों तक कई छात्रों की पहुंच नहीं है। इसका मुख्य कारण यह है कि उनके पास पर्याप्त वित्तीय क्षमता नहीं है। ऐसे में वे स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए सीपीएस से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों को पसंद करते हैं। इन संस्थान में पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता आयोग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप होती है। इसलिए वर्तमान में देश के सात राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में सीपीएस पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। इसमें मुख्य रूप से गुजरात, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, असम जैसे राज्य शामिल हैं। हालांकि, १४ जुलाई २०२३ को घाती सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सीपीएस के २६ पाठ्यक्रमों की मान्यता यह कहते हुए रद्द कर दी थी कि सीपीएस से संबद्ध कॉलेजों में कुछ त्रुटियां हैं। इससे राज्य में सीपीएस पाठ्यक्रम वाले शिक्षण संस्थानों के छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया था। इसे गंभीरता से लेते हुए सीपीएस ने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से संपर्क किया और दावा किया कि यह निर्णय अनुचित था। इसके बाद महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने १५ मार्च २०२४ को राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान आयोग के निर्धारित मानकों के अनुसार सीपीएस के १० पाठ्यक्रमों को मंजूरी दे दी। इनमें नेत्र विज्ञान, त्वचा विज्ञान, मेडिसिन, प्रोग्नोस्टिक, सर्जरी, स्त्री रोग, पैथोलॉजी, बाल स्वास्थ्य डिप्लोमा कोर्स, स्त्री रोग और प्रसूति डिप्लोमा कोर्स, डिफ्यूज पैनब्रोनकोलाइटिस शामिल हैं। एक्जिट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सीपीएस द्वारा दो साल की डिग्री और तीन साल के फेलोशिप पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद एक डॉक्टर को विशेषज्ञ के रूप में पंजीकरण के लिए मंजूरी दे दी जाती है।
इसलिए छात्रों को मिली है राहत
महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल द्वारा १० सीपीएस पाठ्यक्रमों को मंजूरी दिए जाने से उन छात्रों को राहत मिली है, जिन्होंने पिछले साल इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पंजीकरण कराया था। हालांकि, मंजूरी के बाद भी चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान निदेशालय की ओर से इन पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया लागू नहीं की गई है। सीपीएस अध्यक्ष डॉ. अजय सांबरे ने कहा है कि अगर यह प्रवेश प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाती है, तो पिछले वर्ष के छात्रों के साथ इस वर्ष भी प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों को राहत मिलेगी।

शेष पाठ्यक्रमों के लिए समिति की सिफारिश
चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव से चर्चा में सीपीएस के १० पाठ्यक्रमों की फिर से मान्यता के बाद शेष १६ पाठ्यक्रमों की मान्यता के लिए एक समिति गठित करने की सिफारिश की गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा इसका समर्थन किया गया है। महाराष्ट्र में १०८१ सीपीएस रिक्तियां हैं, जिनमें से ५८५ रिक्तियां केंद्रीय स्तर पर एनईईटी के माध्यम से भरी जाती हैं और शेष रिक्तियां चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय द्वारा भरी जाती हैं।

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