सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं और भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा की बुरी गत हुई थी। अब विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के लिए बुरी खबर आ रही है। भाजपा ने हाल ही में एक आंतरिक सर्वे कराया है, जिसके अनुसार, भाजपा राज्य में ५५ से ६५ सीटों पर सिमट जाएगी। अब भाजपा नेता भले ही मीडिया के सामने कुछ भी बोल रहे हों पर इस आंतरिक सर्वे के आतंक ने उनकी परेशानियां काफी बढ़ा दी हैं।
छोड़ना पड़ेगा दादा का साथ!
संघ ने पहुंचाया भाजपा को संदेश
मुंबई के राजनीतिक गलियारों में इस बात की अटकलें तेज हैं कि भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ा नुकसान होनेवाला है। पिछले दिनों लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की सीटों में गिरावट दर्ज की गई थी। हाल ही में अजीत पवार को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के बीच खाई के और गहरी होने की खबर आई थी। चर्चा है कि संघ ने भाजपा को संदेश भेज दिया है कि अजीत पवार का साथ छोड़ो तभी चुनाव में कुछ उम्मीद जग सकती है।
बता दें कि ‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा अपने प्रदर्शन को लेकर काफी चिंतित नजर आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा की तरफ से कराए गए आंतरिक सर्वे संकेत दे रेह हैं कि पार्टी २८८ विधानसभा सीटों में से सिर्फ ५५ से ६५ सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। जबकि, २०१४ में आंकड़ा १२२ और २०१९ में १०५ था। रिपोर्ट के अनुसार, संघ भाजपा और अजीत पवार के साथ के पक्ष में नहीं है। इससे पहले भी ‘ऑर्गेनाइजर’ में लोकसभा चुनाव में भाजपा की खराब प्रदर्शन की वजह अजीत पवार को बताया गया था। हाल ही में संघ समर्थित पत्रिका ‘विवेक’ में भी इसी तरह की बात की गई थी। कहा जा रहा है कि संघ का मानना है कि अजीत पवार के साथ गठबंधन के फैसले ने भाजपा की छवि को भारी नुकसान पहुंचाया है। खबरें हैं कि संघ और भाजपा के कई कार्यकर्ता भी अलग-थलग महसूस कर रहे हैं और काम करने से इनकार कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने भाजपा को संदेश पहुंचा दिया है कि अजीत पवार गुट के साथ संबंध खत्म कर लेने चाहिए।