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टेंट वॉर्ड में झुलस रहे हैं ठाणे के मरीज! …मुख्यमंत्री को सुध नहीं

मरीजों पर कहर बरपा रहा है सिविल अस्पताल
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में जानलेवा गर्मी से लोग बेहाल हैं। कई जिलों में नागरिक हीट स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं। इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जनता से सतर्कता बरतने की अपील की है। साथ ही प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है, ताकि हीट स्ट्रोक के शिकार मरीजों के इलाज में किसी तरह की कोई बाधा न आ सके, लेकिन ठाणे जिला सरकारी यानी सिविल अस्पताल में टेंट में बनाए गए वॉर्ड में भर्ती मरीजों को गर्मी झुलसा रही है। आलम यह है कि गर्मी से बेहाल इन मरीजों की गुहार सुननेवाला यहां कोई भी नहीं है। ऐसे में परिजनों के मुंह से अनायास ही निकल रहा है कि मरीजों पर शिंदे का ‘सिविल’ कहर बरपा रहा है।
ज्ञात हो कि ठाणे सिविल अस्पताल की पुरानी हो चुकी इमारतों को जमींदोज करके वहां पर नए टॉवरों का निर्माण किया जा रहा है। यहां सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जाएगा। इस काम में किसी तरह की बाधा पैदा न हो, इसके लिए जिला अस्पताल को वागले इस्टेट स्थित ठाणे मेंटल अस्पताल के निकट स्थानांतरित कर दिया गया है। बताया गया है कि असंवैधानिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा चुनाव से पहले इस अस्पताल को नव निर्माणाधीन इमारत में शुरू करने का लक्ष्य रखा है, ताकि चुनाव में इससे मतदाताओं को आकर्षित कर अपना स्वार्थ साधा जा सके। जानकारी के अनुसार, मौजूदा समय में ३३६ बेड वाले इस अस्पताल के ओपीडी में रोजाना ६०० से ७०० के करीब मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। इसी तरह १०० मरीजों के आसपास भर्ती भी होते हैं, लेकिन इस अस्पताल में व्याप्त असुविधाओं के कारण मरीजों का बुरा हाल है।
गंदगी से बेहाल हैं वॉर्ड
मरीजों का आरोप है कि वॉर्ड मेंं गंदगी इतनी अधिक है कि अंदर घुसते समय नाक बंद करना पड़ता है। पहले सिविल सर्जन और अतिरिक्त सिविल सर्जन वॉर्डों का मुआयना करने के लिए राउंड मारते थे, लेकिन अब वे राउंड मारना बंद कर दिए है, जिस कारण सभी वॉर्डों में कामकाज रामभरोसे चल रहा है।
इन्हें भी हो रही परेशानी
सूत्रों के मुताबिक, इन वॉर्डों में मरीजों का भार इतना अधिक है कि इनकी सेवा करनेवाली नर्सों को कई बार पानी पीने तक की फुर्सत नहीं मिल पाती है। इतना ही नहीं मरीजों के साथ ही आठ घंटे तक ड्यूटी करनेवाली नर्सों और इंटर्न डॉक्टर भी वॉर्डों की गर्मी से कई बार बेहाल हो जाते हैं। इन समस्याओं के बावजूद उनकी सुध लेनेवाला कोई नहीं है।
पीडब्ल्यूडी की है लापरवाही
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, टेंट में एयर कंडीशन लगाने के लिए चार महीने पहले ही सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के पास पत्र भेजा गया था, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इस पत्र को हल्के में लिया।
मरीज की मौत के बाद सिटी स्कैन
शिंदे के ‘सिविल’ में इस समय एक से बढ़कर एक कारनामा हो रहा है। सूत्रोंं के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती एक लावारिस मरीज की मौत के बाद उसका सीटी स्वैâन कराए जाने से संबंधित लेटर पुलिस के पास भेजे जाने का मामला सामने आते ही हड़कंप मच गया है। जानकारी के मुताबिक, यह लेटर अस्पताल की समाजसेवक कार्यकर्ता अंजलि जारमुठे ने भेजा था।

टेंट में बने हैं १५० बेड के दो वॉर्ड
बता दें कि मरीजोंं का इलाज अवरुद्ध न हो, इसलिए अस्पताल प्रशासन की तरफ से टेंट मेंं दोनों वॉर्डों में ७५-७५ बेड महिलाओं और पुरुषों के लिए तैयार किए गए है, जिनमें पंखे और कूलर तो लगे हैं, लेकिन भीषण गर्मी के कारण लू की तरह हवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा अंदर वेंटिलेशन न होने से तापमान को और बढ़ा दिया है। आलम यह है कि वॉर्ड में घुसते ही पांच मिनट के भीतर ही व्यक्ति पसीने से लथपथ हो रहा है।

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