सामना संवाददाता / मुंबई
नांदेड़ जिला अस्पताल में ३५ लोगों की मौत से उठे सवालों के बाद महाराष्ट्र के सभी जिलों के अस्पतालों की अवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। जनता के स्वास्थ्य की समस्या को लेकर नांदेड़ के बाद अब नगर जिला अस्पताल की स्थिति भी सामने आई है। यहां आईसीयू में जगह नहीं और ऑक्सीजन बेड भी फुल हैं। डेंगू और मलेरिया से परेशान लगभग ४०० मरीज भर्ती हैं, जबकि यहां अस्पताल की क्षमता २०० मरीजों की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डेंगू सहित विभिन्न महामारी रोगों से त्रस्त है। एक माह में डेंगू के ३९ मरीज मिले हैं। इसलिए जिला अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन १,१०० से अधिक मरीजों की जांच हो रही है। जिला अस्पताल में न तो आईसीयू बेड उपलब्ध हैं और न ही ऑक्सीजन बेड, कहीं दवाएं नहीं हैं तो कहीं इलाज में लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। यहां शहर के जिला अस्पताल में दवाओं का पर्याप्त भंडार है, लेकिन सच यह भी है कि कर्मचारियों की कमी और बेड्स की अपर्याप्त व्यवस्था के कारण यहां मरीजों को इलाज मिलना मुश्किल है।
नए मरीजों के लिए जगह नहीं
गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में १८ बेड्स हैं, लेकिन सभी बेड्स फुल हैं। नए मरीज के लिए जगह नहीं है। जिला अस्पताल में २०० बेड का ऑक्सीजन सिस्टम है। यदि आईसीयू में जगह नहीं है तो उन मरीजों को परिजनों की सहमति से ऑक्सीजन बेड पर रखा जाता है लेकिन ये २०० बेड भी फुल हो गए हैं। इसलिए नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सका।