मुख्यपृष्ठनए समाचारमोदी की ताकत कम होते ही धारावी में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन!

मोदी की ताकत कम होते ही धारावी में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन!

-रुक गया धारावी पुनर्वास परियोजना का सर्वे

-धारावी बचाओ आंदोलन समिति ने जताया विरोध

सामना संवाददाता / मुंबई

मोदी की ताकत कम होते ही धारावी में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। यह घटना दर्शाती है कि जब राजनीतिक ताकत कमजोर होती है तो समाज के विभिन्न हिस्सों में असंतोष और विरोध का स्वर तेजी से फूट सकता है। धारावी, जो एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती मानी जाती है, में रहने वाले लोग अक्सर कई समस्याओं का सामना करते हैं। मोदी सरकार के खिलाफ धारावी में हुए विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत हो सकते हैं कि वहां के लोग अपनी समस्याओं को लेकर सरकार से संतुष्ट नहीं हैं। यह प्रदर्शन सरकार के लिए एक चेतावनी हो सकती है कि उनके धारावी पुनर्विकास की मांग पर ध्यान देने की जरूरत है।
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी पुनर्विकास परियोजना को अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए दिया गया है। अडानी ग्रुप ने इस परियोजना को गति देने के लिए कदम उठाना शुरू किया ही था कि स्थानीय लोग विरोध करने लगे। चुनाव परिणाम के बाद विरोध अचानक से बढ़ गई। धारावी बचाओ आंदोलन समिति एवं नागरिकों द्वारा सर्वे के विरोध किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार १० जून को सेक्टर ५ के विभिन्न इलाकों में सर्वे की प्रक्रिया चल रही थी, उसी समय धारावी बचाओ आंदोलन समिति के कुछ कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने विरोध करके इस प्रक्रिया को रोक दिया, जिसमें शताब्दीनगर और नाईकनगर के नागरिक भी शामिल थे। इस दौरान नागरिकों ने कहा कि हम वर्षों से यहां रह रहे हैं। हम इस सर्वे के विरोधी नहीं हैं, लेकिन नाईकनगर के सभी लोगों को धारावी में घर और दुकानें मिलें। हमे दिवा और कलवा जैसी जगहों पर घर न दिए जाएं। फिलहाल, मकानों की नंबरिंग चल रही है, लेकिन हम लिखित आश्वासन चाहते हैं कि हमें धारावी में घर मिलेंगे, तभी हम सर्वेक्षण फिर से शुरू करने की अनुमति देंगे।
बता दें कि धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) वर्तमान में निर्माणाधीन म्हाडा की ४ इमारतों में शताब्दीनगर के निवासियों को फिर से बसाने की योजना बना रही है। इन पांच इमारतों में ८०० फ्लैट तैयार हैं और म्हाडा वर्तमान में शताब्दी नगर के नागरिकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए काम कर रही है। वैसे जब तक सर्वे पूरा नहीं हो जाता, तब तक पात्रता और अपात्रता पर निर्णय लेना संभव नहीं है।
रेलवे भूखंड पर बनी झोपड़ियों का सर्वे पूरा
२,८०० झोपड़ियों का सर्वे पूरा हो चुका है। सेक्टर एक की ९०० झोपड़ियों का सर्वे पूरा हो चुका है। नागरिकों की ओर से बिना किसी बाधा के सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। हालांकि, सोमवार को मेरोजी नाईकनगर में झोपड़ियों पर यूनिक नंबर जारी होने के बावजूद सर्वे रोक दिया गया है। फिलहाल, नागरिकों की सहमति मिलने तक सर्वे प्रक्रिया को रोकने का निर्णय लिया गया है।

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