मुख्यपृष्ठखबरेंमहारेल में महा खेल! ...ईडी-एमडी के ‘गठबंधन’ से कर्मचारी नाराज

महारेल में महा खेल! …ईडी-एमडी के ‘गठबंधन’ से कर्मचारी नाराज

२ वर्षों में ६० से अधिक युवा हुए बेरोजगार
नागमणि पांडेय / मुंबई
राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जाने वाले महारेल (महाराष्ट्र रेल इंप्रâास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) में मनमानी कामकाज शुरू हो गया है। यानी ईडी-एमडी की भ्रष्ट अनैतिक गठबंधन बन गया है।
एक तरफ युवाओं को रोजगार देने के लिए राज्य भर में महारोजगार अभियान चलानेवाली ईडी सरकार दूसरी तरफ महारेल में कार्यरत युवाओं को बेरोजगार करने की मुहिम शुरू की है। इसको लेकर कुछ लोगों ने राज्य और केंद्र सरकार से शिकायत कर संचालक पर कार्रवाई करने की मांग की है।
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से महारेल बनाया गया है, जिसमें केंद्र और राज्य के अधिकारियों को संचालक के तौर पर नियुक्त किया गया, जिसके माध्यम से मुंबई के रेलवे ब्रिजों को पुनर्निर्माण के साथ ही राज्य भर में महामार्ग ब्रिज और रेलवे लाइनों का विस्तार करने का कार्य शुरू किया गया है। इसके लिए हजारों युवाओं को अलग-अलग पदों पर तैनात किया गया, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से महारेल में राज्य सरकार की तरफ से कोई भी अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है, जिसके कारण इस विभाग का कामकाज रेलवे से प्रतिनियुक्ति पर आए राजेश जायसवाल पिछले कई वर्षों से देख रहे हैं। सेवानिवृत्त होने के बावजूद ईडी सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने अगले तीन सालों के लिए इनका कार्यकाल बढ़ा दिया है, जिसको लेकर विरोध शुरू हो गया है।
युवक ने ट्विटर के माध्यम से किया खुलासा
कल्पेश नाम के एक युवक ने अपने ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को ट्वीट कर लिखा है कि एमडी जायसवाल और एचआर हेड की मनमानी की जांच की जाए। बताया जा रहा है कि महारेल में जायसवाल के पास पूरा अधिकार होने के कारण और राज्य सरकार की नजर नहीं होने के कारण अपने पसंद के ठेकेदारों को बिना टेंडर के काम दिए जाते हैं। उसके बिल पर कर्मचारियों को हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया जाता है, ऐसा नहीं करनेवाले कर्मचारियों को बिना कारण बताए नौकरी छोड़ने का दबाव डाला जाता है, जिसके कारण मजबूरन कर्मचारी परेशान होकर नौकरी छोड़ देता है। इस तरह पिछले एक साल में ६० से अधिक युवक बेरोजगार हुए हैं।

एमडी के खिलाफ शिकायत पर सेटलमेंट
सूत्रों की मानें तो राजेश जायसवाल के खिलाफ महारेल में तैनात पूर्व एचआर ने दो वर्ष पहले शिकायत राज्य के मुख्य सचिव से की थी, लेकिन इस मामले में उच्च स्तर पर मामले की गंभीरता से लिए बिना महिला पर दबाव डालते हुए सेटलमेंट कराया गया। इसके बाद महिला को जबरन नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। सूत्रों की मानें तो इसके बाद जो भी एमडी के खिलाफ आवाज उठाई, उसे घर का रास्ता दिखाना शुरू किया गया है।

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