मुख्यपृष्ठखेलक्लीन बोल्ड : धोनी के दोनों हाथाें में लड्डू

क्लीन बोल्ड : धोनी के दोनों हाथाें में लड्डू

अमिताभ श्रीवास्तव

कप्तानी का डेब्यू और पहली जीत की ऋतु। जी हां, चेन्नई के नए नवेले कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ के लिए यह जीत की ऋतु है। महेंद्र सिंह धोनी ने अचानक कप्तानी से इस्तीफा देकर ऋतुराज को कप्तान बनाया और अपना पहला मैच उन्होंने आरसीबी से जीत लिया। हालांकि पूरे मैच में धोनी ही धोनी का परचम रहा खुद ऋतु भी धोनी से सलाह मशविरा करते हुए दिखे। धोनी विकेट के पीछे कप्तान के तौर पर ही अपना काम करते हुए नजर आए। ऋतुराज केवल एक रिमोट कंट्रोल की तरह मैदान पर दौड़ते भागते रहे। धोनी के पास आकर गाइडैंस लेते रहे यानि कुल मिलाकर धोनी के हाथ में ही रहा कप्तानी का रिमोट। धोनी की इसे चालाकी भी समझा जा रहा है। दरअसल यह धोनी का आखिरी सीजन होगा और ऐसे में यदि चेन्नई टीम खिताब नहीं जीत पाती है तो उनके रिकार्ड दस्तावेजो में यह दर्ज नहीं होगा यानि हार का कोई धब्बा नहीं दिखेगा। उनका सुपर स्टार वाला करियर दमकता रहेगा। और यदि खिताब जीत भी जाते हैं तब तो उनकी वाह वाही सातवें आसमान पर हो जाएगी क्योंकि सब उनकी दरियादिली का गुणगान गाते हुए उन्हें क्रिकेट का मसीहा बताते रहेंगे कि ऋतुराज को उन्होंने जितवाया। दोनों हाथो में लड्डू रखे धोनी ने अपने आखिरी सीजन को चमकाए रखा है।

होटल से डर कर क्यों भागे ईशान?
आईपीएल से पहले ऐसा अचानक क्या हुआ कि मुंबई इंडियन्स के स्टार बल्लेबाज ईशान किशन अपने होटल के रूम में घुसे और डर के भाग निकले। जबकि दरवाजे पर पहले ही एक नोट लिखा कागज चिपका हुआ था कि डरना मना है। यह वीडियो टीम के ही आईडी से सोशल मीडिया पर पोस्ट हुआ है। दरअसल, इस वीडियो में ईशान किशन अपनी मस्ती में होटल के अपने कमरे में जैसे ही घुसते हैं दरवाजे पर एक संदेश चिपका हुआ पढ़ते हैं कि डरना मना है। इसके बावजूद वो कमरे के अंदर घुस जाते हैं और सीधे आईने के सामने खड़े होकर एक बिसलरी की बोतल को उचका कर खड़ा करने लगते हैं। वो ऐसा करने में सफल होते हैं तो आईने में अपने आप को देखकर खुश होते हैं मगर जब तीसरी बार वो बोतल को सीधा नहीं कर पाते तो निराश हो जाते हैं मगर आईने में उनकी प्रतिकृति हंसते हुए और चश्मा पहन कर चिढ़ाते हुए दिखती है। यह देख वो डर कर कमरे से बाहर भाग खड़े होते हैं। यह क्लिप वायरल हो रही है। दरअसल, यह एक टीम का वैंâपन था एड की तरह जिसे ईशान किशन पर शूट किया गया है। टीम को संदेश भी है कि डरना मना है।

चेन्नई का हौवा
आरसीबी आखिर चेन्नई से क्यों नहीं जीत पाता है? क्या चेन्नई का हौवा है जो आरसीबी उससे हर समय हार जाता है? जी हां बात तो यही है क्योंकि एक अच्छा लक्ष्य बना लेने के बाद भी चेन्नई उसे पराजित कर देता है। आईपीएल का श्रीगणेश भी इन्हीं दो टीमों से हुआ और पहले बल्लेबाजी करते हुए आरसीबी ने १७४ रनों का लक्ष्य दिया था मगर छह विकेट से चेन्नई जीत गया। इस हार का कारण बताते हुए बेंगलुरु के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने कहा कि हमेशा जब आप खेलते हैं, तो ६ ओवर के बाद आपको थोड़ी गिरावट मिलती है। बीच के ओवरों में चेन्नई बहुत अच्छी टीम है, वे अपने स्पिनरों से आपको रोक देती है। शायद हम लगभग १५-२० रन कम रह गए, पिच उतनी खराब नहीं थी जितनी हमने पहले १० ओवरों में खेली थी। वे लक्ष्य का पीछा करने में हमेशा आगे रहे हैं। हमने कुछ विकेट हासिल करने की कोशिश की, लेकिन अंत में हमारे पास पर्याप्त रन नहीं थे। इस पिच पर पहले बल्लेबाजी करना हमेशा बेहतर होता है।

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