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संपादकीय : लाड़ली बहना की हत्या

महाराष्ट्र की ‘लाचार सरकार’ यानी अपराधियों द्वारा अपराधियों को बचाने के लिए चलाई जाने वाली सरकार है इस बाबत किसी के मन में कोई संदेह नहीं रह गया है। अपराधी बेखौफ हो गए हैं और उन्हें कानून का कोई डर नहीं है। पुलिस कमिश्नर, फौजदार सिर्फ वर्दी पहनने के लिए रह गए हैं और राज्य के गृहमंत्री कठपुतली की तरह हो गए हैं। वर्ली ‘हिट एंड रन’ क्राइम के आरोपी मिहिर शाह को मुंबई पुलिस ने तीन दिन बाद गिरफ्तार किया। मिहिर शाह ने सड़क पर एक निर्दोष महिला की हत्या कर दी है। नशे में लग्जरी कार चलाकर उसने कावेरी नखवा की नृशंस तरीके से हत्या कर दी। कावेरी नखवा को वह सौ मीटर की दूरी तक घसीटता ले गया। नखवा के पति भी गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद आरोपी मिहिर शाह फरार हो गया। मिहिर के पिता का राजनीतिक दबदबा है और चूंकि उसका सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के खास सर्कल में उठना बैठना है, इसलिए पुलिस पर काफी दबाव होगा। अगर पुलिस मिहिर को तुरंत पकड़ लेती तो मेडिकल जांच में यह साबित हो जाता कि वह नशे में था। लेकिन तीन दिन बाद आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा इसलिए क्या पुलिस उसका नशे में होना साबित कर पाएगी? दरअसल, जुहू के एक पब में मिहिर के शराब हलक में उड़ेलने और ड्राइविंग सीट पर बैठने के सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। मिहिर शाह ने एक निर्दोष महिला को कुचलकर मार डाला। यह कोई आकस्मिक दुर्घटना नहीं है, बल्कि आरोपी द्वारा शराब के नशे में की गई गैर इरादतन हत्या (सदोष मनुष्यवध) है। बिगड़े हुए बापों की ये बिगड़ी हुई औलादें सड़क पर आम लोगों को कीड़े-मकोड़ों की तरह कुचलते हुए निकल जाते हैं और उन्हें पता भी नहीं चलता कि उनकी गाड़ी के नीचे कोई जिंदगी बचाने के लिए तड़पता हुआ छटपटाता है। पुलिस और कानून को खरीदकर ऐसे मामले में आरोपी जमानत पर रिहा हो जाते हैं और किसी को नहीं पता कि इन मामलों का क्या होता है। पुणे में ‘पॉर्श’ कार मामले में ऐसे ही एक आरोपी वेदांत अग्रवाल ने नशे में युवक-युवती की जान ले ली। तब राजनीतिक दलों ने उन्हें भी बचाने की जी-तोड़ कोशिश की थी। इस तथ्य को छिपाने के लिए कि आरोपी शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था, आरोपी के खून का नमूना बदल दिया गया और आरोपी की जगह उसकी मां का खून लेकर हत्यारे को बचाने का प्रयास किया गया। पुलिस और कोर्ट ने मिलीभगत कर आरोपियों को जमानत दिला दी, लेकिन इस मामले में पुणेकरों का आक्रोश इतना उग्र था कि पुलिस को दोबारा जांच करनी पड़ी और आरोपियों को फिर हिरासत में लेना पड़ा। इस मामले में भी आखिरकार आरोपी की मां, पिता और दादा को गिरफ्तार कर लिया गया। वर्ली मामले में भी आरोपियों के पूरे परिवार को गिरफ्तार किया गया। परंतु यह कार्रवाई केवल ऊपरी दिखावा भर तो नहीं है न? सरेआम एक महिला की हत्या कर उसे पचाकर डकार लेने की क्षमता आरोपी मिहिर शाह और उसके परिवार में है। आरोपी के पिताश्री की आपराधिक पृष्ठभूमि है और यही वजह है कि उसका मुख्यमंत्री के खास सर्कल में उठना-बैठना है। मुख्यमंत्री और उनके कार्यालय से सीधे पुलिस स्टेशन में फोन जाता है और समर्थक अपराधियों को बचाने का निर्देश दिया जाता है। अब कहा जा रहा है कि राजेश शाह नामक ‘महात्मा’ को मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी से निकाल दिया है। अपराध के इतना साफ होने के बावजूद मुख्यमंत्री को इन सज्जन को पार्टी से निकालने में ६० घंटे लग गए। महाराष्ट्र सरकार सिर्फ अमीरों और अपराधियों के लिए काम कर रही है। अन्यथा कावेरी नखवा की हत्या करने वाले मिहिर शाह के पिता को जमानत नहीं मिलती। इस राजेश शाह ने अपने हत्यारे लड़के के भागने में मदद की और सबूत मिटाने की कोशिश भी की। फिर भी हत्यारे के पिता के जमानत पर छूटने का चमत्कार शिंदे सरकार में ही हो सकता है। क्या मृत कावेरी नखवा की बेटी और पति की चीख, उनका आक्रोश बहरी सरकार तक पहुंचेगा? कावेरी नखवा के पति का कहना है, ‘जब हादसा हुआ तो मैं आरोपी से कार रोकने की गुहार लगा रहा था। हालांकि, मैंने उसकी कार के बोनट पर जोर से हाथ पटका फिर भी उसने कार नहीं रोकी और मेरी पत्नी को ऐसे घसीटता हुआ ले गया। इस दुनिया में गरीब का कोई अभिभावक नहीं है।’ ये आर्तनाद है कावेरी के पति प्रदीप नखवा की। मुख्यमंत्री राजनीतिक लाभ के लिए ‘लाडकी बहीण’ (लाड़ली बहना) योजना का ढोल पीट रहे हैं। लेकिन उनके ही भीतरी सर्किल के अपराधी ने प्यारी बहना कावेरी नखवा की हत्या कर दी। उसे कुचलकर मार डाला और अब बहन के हत्यारों को बचाने की कोशिश जारी है। वर्ली की ‘हिट एंड रन’ घटना से मुंबई की सड़कों पर मानवता कुचल कर मर गई है। मुंबई के रईसों में मानो जैसे संवेदना बची ही नहीं है। इस हादसे में जान गंवाने वाली कावेरी नखवा मशहूर मराठी कलाकार जयवंत वाडकर की करीबी रिश्तेदार हैं। वाडकर ने यह भी आरोप लगाया है कि मामले में आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, ऐसे मौकों पर मुंबई का मराठी कलाकार भी खामोश है। लाचार सरकार से सवाल पूछने की किसी की हिम्मत नहीं, क्योंकि हर कोई लाचार बन चुका है। कुछ को पुरस्कार दिए गए, कुछ को विदाई दी गई और उनके बोझ तले प्यारी बहना कावेरी नखवा की चीखें दबकर मर गई हैं। आरोपी मिहिर शाह का अपराध सदोष मनुष्यवध गैर इरादतन हत्या है। पुलिस को कोर्ट में उसकी फांसी की मांग करनी चाहिए, तभी प्यारी बहना को न्याय मिलेगा!

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