मुख्यपृष्ठस्तंभदिल्ली से : क्या डरी हुई है बीजेपी?

दिल्ली से : क्या डरी हुई है बीजेपी?

योगेश कुमार सोनी

बीते गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार और बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस पार्टी के तीनों बड़े नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्प्रâेंस कर दावा किया कि कांग्रेस पार्टी के बैंक अकाउंट प्रâीज कर दिए गए हैं, जिस वजह से वह प्रचार नहीं कर पा रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी इतनी डरी हुई है तो चुनाव करवा ही क्यों रही है। आज देश की स्थिति क्या है, यह सबको भली-भांति पता है। देश में विपक्ष के नाम पर बीजेपी सबको खत्म करने में लगी हुई है। स्पष्ट तौर पर चुनाव होने बंद हो चुके हैं। कांग्रेस के खाते प्रâीज कर दिए तो चुनाव वैâसे लड़ा जाए। जहां एक बीजेपी अपने प्रचार-प्रसार में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर बाकी सभी दल अपना बुनियादी प्रचार करने में असक्षम हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि पैसे नहीं होने से नेताओं को दूसरे शहर तक नहीं भेज पा रहे हैं। रेल टिकट तक नहीं खरीद पा रहे हैं। अजय माकन का कहना था कि पार्टी चुनावी पैंपलेट तक नहीं छपवा पा रही है। विज्ञापन बुक नहीं कर पा रहे हैं। चुनावी तैयारियां नहीं कर पा रहे हैं। कांग्रेस नहीं, लोकतंत्र को प्रâीज कर दिया गया है। हमें असहाय बनाकर चुनाव में उतारना चाहते हैं। खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र के लिए निष्‍पक्ष चुनाव होना जरूरी है। निष्‍पक्ष चुनाव के लिए लेवल प्‍लेइंग फील्‍ड होना जरूरी है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड की सच्चाई निकलकर सामने आई है। किसी भी लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव जरूरी होते हैं। सभी राजनीतिक दलों के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड होनी चाहिए, समान अवसर होने चाहिए ये जरूरी है, ये नहीं कि एक दल की मोनोपॉली हो। हम बराबरी से चुनाव न लड़ पाएं इसलिए खाते प्रâीज कर दिए हैं। एक राजनीतिक दल को चुनाव लड़ने में बाधा उत्पन्न कर खतरनाक खेल खेला गया है। हर तरफ सिर्फ इनका ही विज्ञापन लगा है, उसमें भी मोनोपोली है। बीजेपी के हर जगह फाइव स्टार दफ्तर हैं। सरकार के चुनावी खर्चे का कोई हिसाब नहीं है। बीजेपी ने कभी खाते की डिटेल्स नहीं दी है, सिर्फ हमसे खाते की जानकारी चाहते हैं। चुनाव बराबरी पर होना चाहिए। बीजेपी कभी टैक्स नहीं देती है, लेकिन हमसे मांगती है। कांग्रेस के प्रâीज खातों को बहाल किया जाए। हमारा खाता प्रâीज करना अलोकतांत्रिक है। बीते गुरुवार को केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद और स्थिति साफ हो जाती है कि मोदी सरकार किस तरह की राजनीति कर रही है। क्या सभी दागी विपक्ष में ही हैं? बीजेपी में तमाम ऐसे लोग हैं जिनके दामन काले हैं लेकिन वे सत्ताधारी दल में हैं तो उन्हें सब माफ है। आज देश की राजनीति नकारात्मकता की ओर जा रही है, जिससे निश्चित तौर पर भविष्य खतरे में है। चूंकि जो युवा राजनेता आज देख रहे हैं वैसा ही वो भविष्य में करेंगे। सत्ता का बड़े स्तर पर दुरुपयोग हो रहा है और स्थिति भयावह होती जा रही है। अचानक ऐसा क्या हुआ जो बीजेपी को हर विपक्षी दल में खोट नजर आ रहा है और जो इनके साथ विलय कर लेता है, उसके सारे गुनाह माफ क्यों हो जाते हैं? सवाल कई हैं और हर सवाल में बीजेपी घिरती नजर आ रही है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक मामलों के जानकार हैं।)

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