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महाराष्ट्र में भी शुरू है चंदा दो, धंधा लो! … श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन में ६०० करोड़ का घोटाला …संजय राऊत ने किया सनसनीखेज खुलासा

प्रधानमंत्री से की मांग, संस्था के वित्तीय लेन-देन की हो जांच
सामना संवाददाता / मुंबई
‘चंदा दो, धंदा लो! वाला खेल सीएम शिंदे पुत्र के कारनामों से महाराष्ट्र में भी चल रहा है, जिसका सूत्रधार मुख्यमंत्री शिंदे का राजा बेटा है। सामाजिक कार्यों के नाम पर ५०० से ६०० करोड़ रुपए वसूले गए हैं, जबकि धर्मादाय आयुक्त हिसाब देने को तैयार नहीं हैं। इस तरह का सनसनीखेज खुलासा करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने सवाल किया है कि चंदे में ये पैसे देनेवाले कौन हैं? इसके साथ ही उन्होंने श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन के संदिग्ध लेन-देन की जांच कराए जाने की मांग प्रधानमंत्री से की है।
सांसद संजय राऊत ने सोमवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर शिंदे पुत्र के कारनामे का ही पर्दाफाश कर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री को आधिकारिक पत्र लिखकर प्रश्नचिह्न खड़ा किया है। इस पत्र के जरिए सांसद संजय राऊत ने कहा है कि देश से भ्रष्टाचार, काले धन के लेन-देन को खत्म करने के लिए आप पिछले दस सालों से अथक परिश्रम कर रहे हैं। साल २०२४ के लोकसभा चुनाव में आपने एक बार फिर से जनता को वही आश्वासन दिया है। इस मौके पर महाराष्ट्र में काले धन और आपराधिक स्वरूप के पैसों को समाजकार्यों के नाम पर सफेद करने का एक धंधा मैं भी आपके संज्ञान में ला रहा हूं। श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन के सामाजिक कार्य को लेकर इस समय उथल-पुथल शुरू है। इस फाउंडेशन की गहनता से जांच कराए जाने की शिकायत नामचीन वकील नितिन सातपुते ने ठाणे धर्मादाय आयुक्त के पास की है।
खर्च किए गए करोड़ों रुपए का क्या है स्रोत?
सांसद संजय राऊत ने कहा है कि महाराष्ट्र में सामाजिक कार्यों की एक लंबी परंपरा रही है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने समय-समय पर खर्च करके संगठनात्मक कार्य किए हैं। इसलिए यदि श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक कार्य किए जाते हैं, तो इसमें आपत्ति का कोई कारण नहीं है।
दान देनेवाले हैं सीएम कार्यालय के लाभार्थी
श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन कई जरूरतमंद लोगों को ‘नकद’ मदद भी करता है। यह कई भव्य मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित करता है। इसके लिए भव्य मंडप, दृश्यावली, लाइटिंग, कलाकारों के सेट जिनकी मेहनत करोड़ों की होती है। उन्हें विदाई राशि किस माध्यम से दी गई? चैरिटी कमिश्नर को उस पर प्रकाश डालना चाहिए। श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन चिकित्सा गतिविधियां चलाता है।
सीएम कार्यालय में बिल्डरों और ठेकेदारों से ली जाती है नकदी
संजय राऊत ने कहा कि श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन का संबंध राज्य के मुख्यमंत्री से है, इसलिए यह आवश्यक है कि इससे संबंधित सभी लेन-देन पारदर्शी तरीके से किए जाएं। इस फाउंडेशन में सीएम के परिवार के कितने सदस्य हैं? क्या फाउंडेशन के अब तक के सभी खाते चैरिटी कमिश्नर को सौंप दिए गए हैं? इसे गोपनीय रखा जा रहा है। इस फाउंडेशन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक विशेष कक्ष खोला गया है और उसके माध्यम से बिल्डरों और ठेकेदारों से नकदी ली जाती है। अब तक इसके जरिए कम से कम ५०० करोड़ रुपए जुटाए जा चुके हैं।

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