मुख्यपृष्ठसंपादकीय‘नीट' घोटाले का गुजरात पैटर्न  और टॉपर्स की फौज!

‘नीट’ घोटाले का गुजरात पैटर्न  और टॉपर्स की फौज!

पिछले कुछ वर्षों से देश में हर तरफ अराजकता का माहौल है। सरकारें तोड़ी गईं, पार्टियां तोड़ी गईं। नेताओं और विधायकों, सांसदों को तोड़ा गया। भर्ती परीक्षाओं के पेपर लगातार लीक हो रहे हैं और अब मेडिकल एडमिशन के लिए होनेवाली ‘नीट’ परीक्षा पेपर भी लीक होने की सूची में शामिल हो गई है। यह एक भयानक मामला है कि देश के युवा, छात्र और देशभर के अभिभावक आग-बबूला हो जाएं। आश्चर्य की बात यह है कि जिस तरह सरकारी और विधायक-सांसदों को तोड़ने के लिए ‘वाया सूरत’ ‘गुजरात पैटर्न’ का इस्तेमाल किया गया था, उसी तर्ज पर ‘नीट’ परीक्षा पेपर लीक करने के लिए नए गुजरात पैटर्न ‘वाया गोधरा’ का इस्तेमाल किया गया। ‘नीट’ परीक्षा घोटाले का ‘गुजरात कनेक्शन’ बुरी तरह से चिढ़ पैदा करनेवाला है। ५ मई को देशभर से करीब २३ लाख स्टूडेंट्स ने यह परीक्षा दी थी, लेकिन पेपरों की बिक्री से लेकर अंकों के अवैध वितरण की ‘ग्रेस’ पद्धति और परिणामों की घोषणा तक हर स्तर पर घोटाले जारी रहे। इन रिकॉर्ड घोटालों के चलते इस साल ‘नीट’ परीक्षा में ७२० में से ७२० अंक लानेवाले ‘टॉपर्स’ की संख्या ६७ तक पहुंच गई। पिछले साल टॉपर्स की यही संख्या सिर्फ दो थी। गुजरात के गोधरा में जय जलाराम स्कूल में ‘नीट’ परीक्षा केंद्र पाने के लिए १० लाख रुपए की बोली लगाई गई, क्योंकि वडोदरा में एक कोचिंग क्लासेज के संचालक ने ‘नीट’ पेपर को लीक करने और अधिकतम अंक लाने की जिम्मेदारी ली थी। कोचिंग सेंटर के निदेशक परशुराम रॉय और जय जलाराम स्कूल के शिक्षक तुषार भट्ट ने मिलकर ‘नीट’ परीक्षा में टॉप अंक अर्जित करने की एक दुकान ही गोधरा में सजा ली थी। पैसे फेंककर उपलब्ध कराई गई ‘नीट’ में सफलता की गारंटी वाला गुजरात का शॉर्टकट एजेंटों के माध्यम से देश के कई छात्रों तक पहुंच गया। इसलिए बिहार, झारखंड, ओडिशा, कर्नाटक आदि राज्यों के छात्रों ने अपने घर के पास परीक्षा केंद्र का विकल्प छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर गुजरात के गोधरा के परीक्षा केंद्र को चुना। इसके लिए इन छात्रों के अभिभावकों ने एजेंटों को लाखों रुपए की रिश्वत दी। अभिभावकों से १२ करोड़ रुपए ऐंठने के बाद छात्रों को सफलता का रास्ता बताया गया। विद्यार्थियों को आश्वस्त किया गया कि जिन प्रश्नों के उत्तर आपको नहीं आते, उस स्थान को खाली छोड़ दें, परीक्षा के बाद हम उत्तर पुस्तिका में आपके द्वारा छोड़े गए प्रश्नों के सही उत्तर भर देंगे। गुजरात की तरह बिहार में भी ‘नीट’ का पेपर लीक हो गया। परीक्षा से एक दिन पहले यानी ४ मई को पटना में पेपर लीक करनेवाला एक गिरोह पैसे देकर २५ छात्रों को एक हॉस्टल में ले गया। वहां इन विद्यार्थियों को उत्तर सहित प्रश्नपत्र दिए गए। अगले दिन परीक्षा में सभी को हू-बहू वही प्रश्नपत्र मिला। पेपर लीक में शामिल गिरोह ने देश के कितने राज्यों और शहरों में वारदात को अंजाम दिया है, यह तो वही गिरोह जानता है। यह देश की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा का दर्जा रखती है जहां ‘नीट’ परीक्षा को मेडिकल, डेंटल और आयुष चिकित्सा शाखाओं के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है। यह घोटाला उन शासकों की नाक के नीचे हुआ जो सुशासन और पारदर्शिता जैसी बड़ी-बड़ी की बातें कर रहे थे। पेपर लीक के साथ-साथ चयनित छात्रों को ‘ग्रेस’ मार्क्स के जरिए भी भला किया गया। ‘टाइम लॉस’ यानी परीक्षा में समय की बर्बादी के कारण बिना यह सोचे कि किसी ने कितने प्रश्न छूटे १,५६३ छात्रों को नियमों को धता बताते हुए ‘ग्रेस’ अंकों की रेवड़ियां बांटी गईं। अब इन बढाए अंकों को रद्द कर दिया गया है और उन छात्रों को दोबारा परीक्षा देने के लिए कहा गया है। परीक्षा पेपर लीक जैसे कई घोटालों के बाद डरी एनटीए ने बचने के लिए एक और घोटाला किया है। एनटीए ने पहले घोषणा की थी कि ‘नीट’ परीक्षा का परिणाम १० जून को घोषित किया जाएगा, लेकिन परीक्षा के अंकों की चर्चा से बचने के लिए ‘नीट’ का रिजल्ट लोकसभा चुनाव नतीजों के दिन यानी ४ जून को घोषित कर दिया गया। लोकसभा के नतीजे की वजह से एक दिन तो शांति से गुजर गया, लेकिन अगले ही दिन घोटाला सामने आ गया। देश के सबसे बड़े परीक्षा घोटाले के गुजरात के मास्टरमाइंड तक ‘नीट’ के प्रश्नपत्र कैसे पहुंचे? ‘नीट’ परीक्षा में पेपर लीक और रिजल्ट घोटालों से देश की शिक्षा व्यवस्था बदनाम हो गई है। पेपर लीक कर मनचाहा परीक्षा केंद्र पाने के लिए गुजरात में लाखों रुपए की बोली लगाई गई। जिस तरह उत्तर-पश्चिम मुंबई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और चंडीगढ़ मेयर चुनाव में ‘ग्रेस’ देकर में वोट-घोटाला किया गया, उसी तरह ‘नीट’ परीक्षा में ‘ग्रेस’ के जरिए अंक बढ़ाने का घोटाला किया गया। ‘नीट’ परीक्षा में महाघोटाले की गुंजाइश को देखते हुए पिछली परीक्षा को रद्द कर इस पूरी परीक्षा को नए सिरे से आयोजित किया जाना चाहिए। पेपर लीक के गुजरात पैटर्न और और टॉपर्स की फौज देनेवाले इस परीक्षा घोटालों की सीबीआई जांच की जानी चाहिए और ‘नीट’ के लाखों विद्यार्थियों को न्याय अवश्य मिलना चाहिए!

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