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कुशीनगर का पारा पहुंचा 44 डिग्री के पार… जनता हाल-बेहाल

मोती लाल चौधरी / कुशीनगर

कुशीनगर जिले में गर्मी से त्राहि-त्राहि मची है। दिन-प्रतिदिन सूरज की तपिश बढ़ते जा रही है। जेठ की गर्मी हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही है। बृहस्पतिवार को अधिकतम पारा 44 पर पहुंच गया। बृहस्पतिवार इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। इसका असर सेहत पर भी पड़ रहा है। सुबह आठ बजे से ही सूरज की तपिश लोगों को झुलसा रही है। सड़कों पर दोपहर होते ही सन्नाटा छा जाता है। बुधवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहा। बृहस्पतिवार को लू के थपेड़ों से लोग परेशान रहे। दोपहर में शहर की कई सड़कें सूनी हो गईं। तपती दोपहरी में बाइक सवार सिर पर गमछा बांधने के बाद हेलमेट लगाए नजर आए। दोपहर में मेडिकल काॅलेज की इमरजेंसी में कई मरीज घबराहट, कमजोरी, उल्टी-दस्त की समस्या लेकर पहुंचे। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, हवा में नमी सिर्फ 48 प्रतिशत रही। कृषि विज्ञान केंद्र सरगटिया की मौसम विज्ञानी श्रुति वी सिंह ने बताया कि एक सप्ताह तक बारिश की संभावना नहीं है। तापमान धीरे-धीरे कम होगा। 21 जून तक अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है। 21 जून को जिले के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना है।
अस्पतालों में फिर बढ़ गए डायरिया के मरीज
पिछले दिनों तापमान में मामूली गिरावट होने के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या घट गई थी। अब एक बार फिर डायरिया के मरीज अस्पताल में पहुंचने लगे हैं। लू के थपेड़े बुजुर्गों को ज्यादा परेशान कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. संजीव सुमन ने बताया कि ओपीडी में करीब 300 मरीज पहुंचे। इसमें से औसतन 90 से अधिक मरीज डायरिया के पहुंच रहे हैं। अस्पताल के वॉर्ड फिर से भरने लगे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश वर्मा ने बताया कि गर्मी में हीट वेव की वजह से शरीर का तापमान बहुत बढ़ जा रहा है। इससे बच्चों में चिड़चिड़ापन, दूध न पीना, बेचैनी होना, पतला दस्त होना, उल्टी होना जैसी शिकायतें बढ़ गई हैं। गर्मी लगने की वजह से शरीर का यदि तापमान बढ़ता है, तो बुखार की दवाएं भी कार्य नहीं करती हैं। इसलिए बच्चों को हवादार और ठंडे कमरे में रखें। सूती कपड़ा पहनाएं। शरीर अधिक गर्म तो ठंड पाने से कम से कम दस मिनट तक पोछें। धूप में कार्य करते समय अचेत हो जाएं तो उसे बर्फ के ठंडे पानी में नौ मिनट से 40 मिनट तक रखें। पानी के साथ उन्हें अस्पताल ले जाएं।

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