मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाझूमो मस्ती में हमजोली रे

झूमो मस्ती में हमजोली रे

रूठो न किसी दूजे से
मिल के खेलो होली रे
सारी रंग बिरंगी धरती कर दो,
झूमो मस्ती में हमजोली रे
उड़े गुलाल ऊंचे-ऊंचे
प्यार दो सबको गले लग के
धूम मचाओ बस्ती में,
गिले शिकवे छोड़ के रे
होली के मौसम लगे प्यारे प्यारे
गढ़ दो इसमें इतने सितारे
जो जिंदगी भी रहे सतरंगी
आए न कभी गम के किनारे
यह होली का त्योहार मनोरम
तो नाचे गाए दोपहरी तक
प्यार बांटे प्यार अपनाए
इस होली में खुशी संजोए
चंचल फाल्गुन उमंग लिए
पके फसलें भी रंग लिए
हंसती खिलती कलियां हैं,
अपने-अपने ढंग लिए।
-मनोज कुमार, गोण्डा, उत्तर प्रदेश

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