मुख्यपृष्ठस्तंभमहा-संग्राम : दिल्ली से टपके, बोरीवली में अटके!

महा-संग्राम : दिल्ली से टपके, बोरीवली में अटके!

रामदिनेश यादव

लोकसभा चुनाव में कई सीटों के लिए भाजपा के पास प्रत्याशी नहीं होने का दंश उसे झेलना पड़ रहा है। इसीलिए वह दूसरे जगह से प्रत्याशी इंपोर्ट कर रही है। ऐसा ही उत्तर मुंबई लोकसभा सीट का हाल है। यहां पर भाजपा ने दिल्ली से लाकर पीयूष गोयल को टिकट दिया है। पीयूष गोयल वैसे तो मुंबई से ही हैं, लेकिन मुंबई में उनकी अपनी कोई पहचान नहीं है। वो दिल्ली की कैबिनेट की राजनीति में ज्यादा सक्रिय रहे हैं। यहां उनका कोई वोट बैंक भी नहीं है। ऐसे में भाजपा ने उन्हें मुंबई में अपनी सेफ जोन माने जाने वाली उत्तर मुंबई सीट से टिकट दिया है। चूंकि वे रॉकेट टाइप नेता बोले जाते हैं, जो अपने लोकसभा क्षेत्र कम दिल्ली में ज्यादा नजर आएंगे, इसलिए स्थानीय लोगों को भाजपा का यह निर्णय पसंद नहीं आ रहा है। यही वजह है कि उत्तर मुंबई के तमाम जगहों पर पीयूष गोयल के खिलाफ भाजपाइयों में कड़ी नाराजगी भी देखी जा रही है। कई लोगों ने तो अपनी नाराजगी खुले तौर पर व्यक्त की है। यहां तक की भाजपा के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी को भी भाजपा का यह निर्णय रास नहीं आया। गोपाल शेट्टी एक बार और मौका चाह रहे थे। वे भाजपा से फिर से टिकट चाहते थे, लेकिन भाजपा ने उनका पत्ता कट कर पीयूष को उतारा है।
चूंकि, पीयूष गोयल बनिया परिवार से हैं इसलिए उन्हें बोरीवली में गुजराती और मारवाड़ी बनिया समूह का समर्थन तो मिल सकता है। लेकिन मालाड, कांदिवली, दहिसर, मागाठाणे जैसे इलाकों में उन्हें झटका ही मिलेगा। जानकारों की मानें तो पीयूष गोयल का प्रभाव बोरीवली तक ही सीमित रहेगा। साफ शब्दों में कहें तो पीयूष गोयल दिल्ली से जरूर टपके हैं, लेकिन वह बोरीवली तक ही अटक कर रह गए हैं। उत्तर मुंबई पूरी तरह से हिंदी भाषी बहुल क्षेत्र माना जाता है। यहां पर उत्तर भारतीय, गुजराती, राजस्थानी, मराठी और मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में है।
गोपाल शेट्टी के वफादारों ने पीयूष के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी के पैâसले पर पुनर्विचार करने की मांग तक कर दी और विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की अगुवाई में इसे भले दबाने का प्रयास किया गया, लेकिन इसका असर तो निश्चित तौर पर चुनाव में मतदान के दौरान दिखेगा। इसे लेकर एक स्थानीय व्यापारी भरत शाह ने क्षेत्र के व्यापारियों की बैठक बुलाई और पीयूष के खिलाफ लोगों को आने की अपील की। २०१४ और २०१९ में उत्तर मुंबई का प्रतिनिधित्व करने वाले दो बार के सांसद गोपाल शेट्टी के समर्थकों में ज्यादा गुस्सा देखा गया है। भाजपा के पैâसले के साथ सामंजस्य बिठाने की कोशिशों के बावजूद, शेट्टी ने माना कि पार्टी की गतिशीलता में ऐसे आश्चर्य असामान्य नहीं थे। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया और शेट्टी के आवास पर जाकर उन्हें मनाने का प्रयास किया। लेकिन सवाल है कि देवेंद्र फडणवीस की उस इलाके में कितने लोग सुनेंगे।
मुझे रेडीमेड कुछ नहीं मिला है -शेट्टी
गोपाल शेट्टी ने कहा कि यह बात छुपी नहीं है कि मुझे केंद्र और राज्य सरकार में प्रशासन का सहयोग नहीं मिला और मुझे लड़कर ही काम कराना पड़ा। मुझे इस बात पर गर्व है कि मुझे रेडिमेड कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मान लो तीसरी बार मिल जाता तो कार्यकर्ता समझते चलो ये तो आखिरी है। मैं मानता हूं कि पार्टी ने ५ साल पहले मुझे चुनावी राजनीति से रिटायर कर दिया, लेकिन जनता के लिए काम करने से मुझे कोई रिटायर नहीं कर सकता है।

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