मुख्यपृष्ठसमाचारमीरा-भायंदर भाजपा में खुलकर किया गया नरेंद्र मेहता की तानाशाही का विरोध

मीरा-भायंदर भाजपा में खुलकर किया गया नरेंद्र मेहता की तानाशाही का विरोध

अमर झा / भायंदर

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तर्ज़ पर पार्टी मीटिंग चलाने व सुपरवारियर की नियुक्ति को लेकर एड. रवि व्यास के समर्थक भड़के और जमकर नारेबाजी हुई।
लोकसभा चुनावों के ठीक पहले मीरा-भायंदर भाजपा की आतंरिक गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। दरअसल, गुरुवार को भायंदर-पूर्व के ब्लूमून क्लब में जिला कार्यकारणी और चुनावों के लिए नियुक्त किए गए सुपर वारियर्स की अहम बैठक आयोजित की गयी थी। जिसमें लोकसभा प्रभारी जयप्रकाश ठाकुर, संगठन मंत्री हेमंत म्हात्रे कार्यकर्ताओं को प्रदेश द्वारा दिए गए निर्देशों को लेकर मार्गदर्शन करने वाले थे। इस बैठक में जिला अध्यक्ष किशोर शर्मा, 145 मीरा-भायंदर विधानसभा चुनाव प्रमुख एड. रवि व्यास और पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता की भी उपस्थिति थी, लेकिन बैठक शुरू होने के ऐन मौके पर वहां जो बैनर लगाया गया, उसमें सुपर वारियर्स को सर्टिफिकेट वितरण की जानकारी लिखी हुई थी, जिसको लेकर रवि व्यास गुट की तरफ से आक्षेप था। रवि व्यास समर्थकों का कहना था कि प्रदेश के आदेशानुसार और सभी नेताओं की रजामंदी से रवि व्यास को सुपर वारियर्स नियुक्त करने की जिम्मेदारी दी गई थी और ये काम उन्होंने प्रभारी, संगठन मंत्री की सूचना अनुसार नियुक्त किया गया और वो सभी सुपरवारियर पिछले तीन महीने से बूथ संरचना के अपने काम में जोर-शोर से लगे हुए थे, लेकिन एन मौके पर जिला अध्यक्ष किशोर शर्मा ने पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता के इशारे पर इन कार्यकर्ताओं को दरकिनार करते हुए अपने समर्थकों को ही सुपरवारियर्स बनाकर सर्टिफिकेट देने की योजना बनाई थी, जिस पर रवि व्यास ने प्रभारी जयप्रकाश ठाकुर के सामने व्यक्तिगत तौर पर ये मुद्दा उठाया और बंद कमरे में इसकी चर्चा हुई।
मामला तब बिगड़ गया, जब बैठक शुरू होनी थी उसके पहले जिला महामंत्री भरत वोरा ने मंच संचालन की जिम्मेदारी संभाली। भरत वोरा ने अपने प्रस्तावना में बार-बार पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता का महिमामंडन किया, जबकि वो वहां उस वक़्त मौजूद भी नहीं थे, लेकिन एड. रवि व्यास वहां आकर नेताओं से इस विषय पर चर्चा कर रहे थे, लेकिन महामंत्री मंच संचालक भरत वोरा ने एड. रवि व्यास का नाम नहीं लिया। रवि व्यास समर्थक उसके बाद अपने नेता के अपमान को लेकर उत्तेजित हो गए और विरोध करना शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि विधानसभा चुनाव प्रमुख जैसे संगठन द्वारा दिए गए अहम पद और पूर्व जिलाअध्यक्ष के नाते उन्हें उचित सम्मान मिलना चाहिए था, लेकिन व्यक्ति विशेष के इशारे पर जिलाअध्यक्ष और भरत वोरा बार-बार ये हरकत जान-बूझकर करते हैं, जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ। रवि व्यास समर्थक उनके पक्ष मे नारेबाजी करते हुए मंच तक आ गए और पार्टी प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए संचालक भरत वोरा से गलती सुधारने की मांग की। लेकिन वहां से कोई प्रतिसाद ना मिलने के चलते थोड़े आक्रामक भी हुए। उसके बाद नरेंद्र मेहता गुट के समर्थक और ख़ासकर महिला जिला अध्यक्ष अनीता पाटील ने भी जमकर बवाल मचाया।

गौरतलब है की उस समय मीटिंग मे एड रवि व्यास और नरेंद्र मेहता दोनों मौजूद नहीं थे और उनके समर्थक आपस मे भिड़ गए, क्यूंकि उस समय ये सभी एक बंद कमरे मे चर्चा कर रहे थे। उसके बाद जिला अध्यक्ष किशोर शर्मा वहां स्थिति को संभालने पहुंचे जरूर, लेकिन उनकी भाषा और तानाशाही से कार्यकर्ता सहमत नहीं हुए। हालांकि, उनका दावा है कि मंच पर उनकी बात ना सुनते हुए उनके गिरेबान पर हाथ डाला गया। इन सब नारेबाजी और कुछ धक्का-मुक्की की घटना के बाद बैठक रद्द कर दी गई, जिसके बाद रवि व्यास ने अपने सभी समर्थको से शांति की अपील करते हुए उन्हें जिला कार्यालय बुलाया और पार्टी फोरम में इस घटना की जानकारी देने का आश्वासन दिया।
सूत्रो की मानें तो जिला अध्यक्ष किशोर शर्मा लगातार नरेंद्र मेहता के इशारे पर रवि व्यास को कमजोर करने या नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं, जबकि रवि व्यास संगठन के साथ खड़े रहते हैं। रवि व्यास के अध्यक्ष कार्यकाल में कुछ मेहता समर्थक ना तो पार्टी के समर्थन में दिखे और ना ही देवेंद्र फडणवीस द्वारा अधिकृत किए गए कार्यालय को भाजपा कार्यालय माना और किशोर शर्मा पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता के प्राइवेट कार्यालय को ही अधिकृत बनाने की कोशिश मेें लगे रहे, लेकिन लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हुई इस घटना ने बीजेपी आलाकामान का सिरदर्द जरूर बढ़ा दिया है।

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