पीएपी फ्लैट किराए पर देने वालों सावधान!.. ठाणे मनपा ने शुरू किया सर्वे…सील होंगे मकान

सामना संवाददाता / ठाणे

ठाणे मनपा अंतर्गत सरकारी योजनाओं से प्रभावित लोग मनपा द्वारा दिए गए मकान में रहते हुए नहीं पाए गए तो मनपा उस मकान को सील कर देगी। बता दें कि सरकारी परियोजना प्रभावित लोगों को मनपा सस्ते किराए पर मकान देती है, लेकिन प्रभावित लोग मकान किराए पर दे देते है। इसकी जानकारी मिलने पर मनपा के रियल स्टेट विभाग की ओर से सर्वे शुरू किया गया है। सर्वे में किराए पर दिए गए घर पाए गए तो मनपा सील करने की कार्रवाई करेगी। यानी पीएपी फ्लैट किराए पर देने वाले सावधान हो जाए।
पिछले साल मनपा के रियल एस्टेट विभाग ने इसी तरह ६५ घरों को सील कर दिया था, वहीं इस वर्ष केवल चार महीने में ४० घरों को सील कर दिया गया है।
बता दें कि ठाणे मनपा के पास ६ हजार २४७ फ्लैट हैं। ८९ फीसदी फ्लैट वितरित हो चुके हैं। मनपा संपत्ति विभाग को ३२५ संपत्तियां और ६४६ भूखंडों की सूचना दी गई है। ठाणे में ११ जगहों पर किराए के मकान हैं। वहां प्रभावित लोगों को मकान दिए जा रहे हैं, वहीं मनपा को उस जगह पर रहनेवालों द्वारा किराया बकाया होने की कई शिकायतें मिली हैं। मनपा घरों का किराए के रूप में प्रतिमाह २,००० रुपए ले रही है। हालांकि, पिछले वित्तीय वर्ष में कुछ प्रभावित लोगों द्वारा वही मकान दूसरों को किराए पर देने का मामला सामने आया था। यह भी खुलासा हुआ है कि २ हजार रुपए की जगह ७ से १० हजार रुपए वसूले जाते हैं। मनपा संपत्ति विभाग ने घरों का दुरुपयोग होने पर उन्हें दोबारा कब्जे में लेने के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। वास्तव में उन संपत्तियों का उपयोग किसलिए किया जा रहा है, इसकी जांच की जाएगी।
क्या कहती है मनपा
पिछले वर्ष घर किराए पर देनेवालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करते हुए ६५ घरों को सील कर दिया गया था। साथ ही २ करोड़ २७ लाख का जुर्माना भी वसूला गया था। इसी तरह इस वर्ष भी पिछले चार महीनों में अन्य ४० घरों को सील किया गया है। इससे २ करोड़ ३८ लाख का जुर्माना वसूला गया है। सर्वे के माध्यम से उन घरों का पंजीकरण किया जाएगा। उपायुक्त मनीष जोशी ने बताया कि सर्वे में यदि इन घरों का दुरुपयोग किया जा रहा है तो मनपा उन घरों को अपने कब्जे में ले लेगी।

मुंबई में २१ ब्लड बैंकों से वसूला गया सवा करोड़ का जुर्माना!.. ज्यादा कीमत पर खून बेचकर भर रहे थे खजाना

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई के २१ निजी अस्पतालों में मौजूद ब्लड बैंकों पर कार्रवाई करते हुए स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ने १.३२ करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना वसूल किया है। आरोप है कि ये ब्लड बैंक जरूरतमंद मरीजों को ज्यादा कीमत पर खून बेचकर अपना खजाना भर रहे थे। इस कार्रवाई से जहां एक तरफ दूसरे ब्लड बैंकों में खलबली मची हुई है, तो वहीं एक निजी अस्पताल दो सालों के बाद भी जुर्माने की राशि भरने में टालमटोल कर रहा है। इसका खुलासा आरटीआई से मांगी गई जानकारी में हुई है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार की स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल द्वारा मरीजों को कम कीमत पर खून उपलब्ध कराने के लिए शुल्क तय किया गया है। हालांकि, निजी अस्पताल में मौजूद ब्लड बैंक इसका उल्लंघन कर रहे थे। इसलिए राज्य सरकार ने साल २०१८ में अतिरिक्त शुल्क लेनेवाले ब्लड बैंकों पर चार गुना जुर्माना लगाने का फैसला किया है। हालांकि, सूचना के अधिकार से मांगी गई जानकारी में यह बात सामने आई है कि इस नियम का उल्लंघन करनेवाले ब्लड बैंकों पर इससे पहले भी जुर्माना लगाया जा चुका है। आरटीआई में एसबीटीसी ने बताया है कि साल २०१४ से २०१८ के बीच अधिक कीमत पर खून देनेवाले २१ ब्लड बैंकों से १ करोड़ ३२ लाख ९२ हजार रुपए जुर्माना वसूला गया है। इनमें सबसे ज्यादा जुर्माना हिंदुजा अस्पताल पर ३३ लाख ३० हजार रुपए का है। इसके बाद जसलोक अस्पताल से १७ लाख ३७ हजार रुपए, कोकिलाबेन अस्पताल से १४ लाख ७२ हजार रुपए, मुंबई अस्पताल से १२ लाख ६२ हजार रुपए, फोर्टिस अस्पताल से ९ लाख ३४ हजार रुपए जुर्माना वसूला गया है।

राहुल की गिरफ्तारी…भाजपा के ताबूत में आखिरी कील होगी… अभिषेक मनु सिंघवी की चेतावनी

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया कि राहुल गांधी ने संसद के अंदर सरकार को बेनकाब किया। इसी मंशा से उनके खिलाफ ईडी और सीबीआई लगाई जा सकती है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राहुल गांधी सही कह रहे हैं और केंद्र जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र किसी व्यक्ति को बदनाम करने के लिए ईडी की छापेमारी करवा सकते हैं या सीबीआई भेज सकते हैं, लेकिन इस बार विपक्ष मजबूत है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दावा किया था कि सदन में चक्रव्यूह वाले बयान के बाद ईडी उनके यहां छापेमारी का प्लान बना रही है। इसे लेकर देशभर में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक्स पर पोस्टकर बीजेपी को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर ईडी राहुल गांधी को गिरफ्तार करने के बारे में सोचती है तो देश बीजेपी के ताबूत में आखिरी कील ठोक देगा। इस बारे में कभी मत सोचना।
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने उन्हें छापेमारी को लेकर उन्हें जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वह खुली बांहों के साथ ईडी अधिकारियों का इंतजार कर रहे हैं।
इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बीजेपी सरकार की ओर से राजनीतिक उत्पीड़न के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इस मामले को लेकर पूरी विपक्षी पार्टी एक सुर में केंद्र सरकार पर हमलावर है।

सरकार ने ` २००० के नोटों पर ` १३,००० करोड़ बर्बाद कर दिए… ०२ फीसदी से ज्यादा नोट वापस नहीं लौटे… वित्त मंत्री ने संसद को दी जानकारी

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

वित्त मंत्री ने बताया कि नवंबर, २०२६ में ५०० और १,००० रुपए के नोट कुल नोटों का ८६.४ फीसदी था, इसलिए २००० रुपए का नोट शुरू किया गया था। इसका मकसद पूरा हो जाने के बाद इसे बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि लेन-देन के लिए लोग २००० के बैंक नोटों को तरजीह भी नहीं दे रहे थे। हालांकि, २.०८ फीसदी २००० रुपए के नोटों का लौटना अभी बाकी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ८ नवंबर, २०१६ को नोटबंदी का एलान किया था। इस दौरान ५०० और १००० रुपए के नोट बंद कर दिए थे। इसके बाद लोगों की तकलीफों को जल्द दूर करने के लिए सरकार ने २००० रुपए का नोट शुरू किया था। मगर इसकी उम्र ७ साल से भी कम रही और सरकार ने इसे १९ मई, २०२३ को बंद कर दिया। साथ ही लोगों से अपील की थी कि वह इसे जमा करा दें। हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद ७४०९ करोड़ रुपए मूल्य के २००० रुपए के नोट अभी भी वापस नहीं लौटे हैं। अब सरकार ने जानकारी दी है कि २००० रुपए के एक नोट को छापने में उन्हें ३.५४ रुपए खर्च करने पड़े थे। इसके १००० नोट के बंडल को छापने में ३,५४० रुपए का खर्च आया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को बताया कि जुलाई, २०१६ से जून २०१८ के बीच सभी नए नोटों की प्रिंटिंग पर १२८७७ करोड़ रुपए की लागत आई थी। वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, २००० रुपए के ३७०.२ करोड़ नोटों की सप्लाई की गई। इसकी वैल्यू ७.४० लाख करोड़ रुपए है। सरकार ने २००० रुपए के नोटों के साथ ५०० रुपए, २०० रुपए, १०० रुपए, ५० रुपए, २० रुपए और १० रुपए के नए सीरीज वाले नोट भी जारी किए थे।
एक नोट पर ` ३.५४ खर्च
वित्त मंत्री ने बताया कि २००० रुपए के नोट के १००० पीस छापने में ३,५४० रुपए की लागत आई है। इस तरह एक नोट पर सरकार को ३.५४ रुपए खर्च करने पड़े थे। इस तरह ३७०.२ करोड़ नोटों की छपाई पर १३१०.५० करोड़ रुपए खर्च हुए थे। वित्त मंत्री ने बताया कि १९ मई २०२३ को जब २००० रुपए के नोटों को वापस लेने का एलान किया गया, तब ३.५६ लाख करोड़ रुपए के बैंक नोट्स सर्वुâलेशन में मौजूद थे, जिसमें से ३० जून, २०२४ तक ३.४८ लाख करोड़ रुपए के नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं।

विधानसभा चुनाव आते ही शिंदे सरकार को आई पुलिस आवास की याद… प्रस्ताव तैयार करने का दिया आदेश

सामना संवाददाता / मुंबई

विधानसभा चुनाव आते ही राज्य की शिंदे सरकार को लाडली बहन योजना, लाडला भाई योजना सहित अन्य लोकलुभावनी घोषणाएं करने बाद अब सरकार ने पुलिस वालों को आवास देने का लॉलीपॉप दिया है। पुलिस वाले दिन-रात जनता की सुरक्षा करते है, लेकिन मुंबई में पुलिस के पास रहने के लिए घर नहीं है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्देश दिया कि म्हाडा, सिडको, एमएमआरडीए, शहरी विकास विभाग संयुक्त रूप से तय करें कि हम मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस के लिए प्राथमिकता और समय-सीमा के अंदर उन्हें फ्लैटकैसे प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ली में पुलिस कॉलोनी की समस्या के तुरंत समाधान के लिए आठ दिनों के भीतर कार्रवाई की जानी चाहिए।
फिलहाल, मुंबई में १८ हजार सरकारी सेवा फ्लैट उपलब्ध हैं और कुल पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या ५२ हजार है। संयुक्त पुलिस आयुक्त जयकुमार ने बताया कि केवल २५ प्रतिशत कर्मचारियों के पास रहने के लिए फ्लैट हैं। यह पुलिसकर्मियों की संख्या की तुलना में बहुत अपर्याप्त है और यह देखा जाना चाहिए कि जिस तरह बीडीडी चाल में पुलिसकर्मियों को फ्लैट दिए जाते हैं, उसी तरह मुंबई में अन्य जगहों पर पुलिसकर्मियों को कैसे फ्लैट दिए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि संबंधित विभागों को यह देखने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए कि क्या वर्तमान में चल रही आवास योजनाओं में कुछ फ्लैट पुलिस के लिए आरक्षित किए जा सकते हैं, क्या पुनर्विकास परियोजनाओं में प्रोत्साहन एफएसआई दिया जा सकता है और क्या फ्लैट आरक्षित किए जा सकते हैं।

महाराष्ट्र को कंगाल बनाकर जाएंगे फडणवीस!.. बिजली कंपनी के निजीकरण पर रोहित पवार का तंज

सामना संवाददाता / मुंबई

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता रोहित पवार ने आरोप लगाया है कि राज्य में बिजली परियोजनाओं का निजीकरण किया जा रहा है। देवेंद्र फडणवीस निजीकरण के नाम पर राज्य को कंगाल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने
अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) सोशल मीडिया एकाउंट से पोस्ट किया। पवार ने कहा कि बिजली परियोजनाओं का निजीकरण और ठेकेदारी पर देना महाराष्ट्र के रूचि इस सरकार की एक गहरी साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जो लोग राज्य का निजीकरण करने की योजना बना रहे हैं वे अब राज्य में बिजली संयंत्रों का निजीकरण कर रहे हैं और उन्हें विदेशी कंपनियों के की झोली डाल रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फडणवीस सत्ता के आखिरी दौर में महाराष्ट्र के पास जो संसाधन हैं चाहे वह ऊर्जा हो या अन्य विभाग उनका निजीकरण करनके राज्य को गरीब बनाने के सपने देख रहे हैं। लेकिन राज्य की जनता फडणवीस का यह सपना पूरा नहीं होने देगी।
रोहित पवार ने कहा कि महाविकास आघाड़ी की सरकार बनने के बाद इस महाराष्ट्र विरोधी फैसले को तुरंत वापस ले लिया जाएगा, इसलिए जो कंपनियां बीजेपी को चुनावी समर्थन देकर सरकारी बिजली परियोजनाओं को हथियाने की कोशिश कर रही हैं, उन्हें इस जाल में नहीं फंसना चाहिए और सरकार में बैठे जो लोग निजीकरण में रुचि रखते हैं, उन्हें सरकारी परियोजनाओं का निजीकरण करने के बजाय राज्य में निजी निवेश लाने के लिए अपने कौशल का उपयोग करना चाहिए।

योगी का सीएम की कुर्सी से हटना तय!..सर्वे में जनता ने अटकलों पर लगाई मुहर

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हैं। बताया जा रहा है कि देश के सबसे बड़े सूबे में सत्ताधारी पार्टी आंतरिक कलह से जूझ रही है। चर्चा यह भी है कि आम चुनाव के झटके से खफा बीजेपी आलाकमान यूपी में मुख्यमंत्री का चेहरा बदल सकता है।
फिलहाल, ये सब अटकलें हैं, जिन्हें लखनऊ और दिल्ली के सियासी गलियारों में हवा दी जा रही है। इस बीच एक प्रतिष्ठित एजेंसी ने यूपी बीजेपी की कलह को लेकर सर्वे किया है। इस सर्वे के नतीजों ने सभी को चौंका कर रख दिया है।
लोगों ने क्या कहा?
करीब १,५०० लोगों के बीच हुए इस सर्वे में पूछा गया कि क्या बीजेपी यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ को हटाने की तैयारी में है? इस पर ४२ फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया, वहीं २८.६ प्रतिशत लोगों ने कहा कि ऐसी सिर्फ चर्चा हो रही है, जबकि २०.२ फीसदी लोगों ने कहा कि नहीं ऐसा नहीं होगा। बता दें कि सर्वे में यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन को लेकर भी सवाल किया गया। लोगों से पूछा गया कि यूपी में बीजेपी को हुए नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? इस पर २८.३ प्रतिशत लोगों ने राज्य के नेताओं को दोष दिया, वहीं २१.९ फीसदी लोगों ने केंद्रीय नेतृत्व और १८.८ प्रतिशत लोगों ने पार्टी संगठन को इसके लिए जिम्मेदार बताया।

हिंदुस्थान शूट…ब्रिटेन आउट!.. भारतीय हॉकी टीम की सेमीफाइनल में धमाकेदार एंट्री

पेरिस ओलिंपिक २०२४ में भारत के लिए एक और मेडल की उम्मीद जग गई है। हॉकी के क्वार्टर फाइनल में कल रविवार यानी ४ अगस्त को हिंदुस्थान ने ब्रिटेन को पेनल्टी शूटऑउट में ४-२ से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। ब्रिटेन के खिलाफ ‘सरपंच साहब’ हरमनप्रीत सिंह की टीम की जीत काफी बड़ी है। इसके सबसे बड़ा कारण यह है कि अमित रोहिदास को १७वें मिनट में ब्रिटेन के खिलाड़ी के चेहरे पर स्टिक मारने के लिए रेड कार्ड मिला।
अमित रोहिदास को ब्रिटेन के विलियम कैलन के चेहरे पर स्टिक मारने के लिए रेड कार्ड दिखाया गया। टीवी अंपायर ने रिप्ले देखा और फैसला किया कि यह ‘स्टिक अप्राकृतिक तरीके से चला।’ रोहिदास के बाहर होने के कुछ ही देर बाद भारत ने १-० की बढ़त ले ली। भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर से गोल किया। सरपंच साहब का पेरिस २०२४ में सातवां गोल था। बता दें कि सरपंच साहब से मतलब कप्तान से है। कमेंट्री के दौरान सुनील तनेजा इस शब्द का हरमनप्रीत के लिए करते हैं। ब्रिटेन की टीम ने हाफ-टाइम से पहले ही गोल करके १-१ की बराबरी कर ली। ६० मिनट के अंत तक स्कोर १-१ रहा। भारत के लिए पेनल्टी शूटआउट में हरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राज कुमार पाल ने गोल किए। ब्रिटेन के लिए जेम्स एल्बेरी और जैचरी वालेस ने गोल किए, लेकिन कॉनर विलियमसन और फिल रोपर गोल करने में विफल रहे। इससे मैच भारतीयों के नाम हो गया। यह ओलंपिक में भारत का लगातार दूसरा सेमीफाइनल है। क्रेग फुल्टन की टीम अब ओलंपिक पदक जीतने से एक जीत दूर है। अगर वे सेमीफाइनल हार जाते हैं, तो कांस्य पदक मैच खेलेंगे। ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ मैच में १७वें मिनट में रेफरी ने भारतीय डिफेंडर अमित रोहिदास को रेड कार्ड दिखाया। इसके बाद टीम इंडिया ने पूरा मैच १० खिलाड़ियों के साथ ही खेला। भारत की ओर से पहला गोल २२वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत सिंह ने किया। ग्रेट ब्रिटेन की ओर से २७वें मिनट में मॉर्टन ली ने फील्ड गोल किया। मैच के ४५वें मिनट में भारत के सुमित कुमार को ग्रीन कार्ड मिला। वह अगले २ मिनट तक मैदान पर नहीं उतर पाए। इस दौरान भारतीय टीम ९ खिलाड़ियों के साथ ही खेल पाई।

तलाठी भर्ती में भ्रष्टाचार जिलाधिकारी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजी रिपोर्ट!.. थोरात ने खोली विखे की पोल

सामना संवाददाता / मुंबई

राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात को तलाठी भर्ती में भ्रष्टाचार साबित करने की चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह भ्रष्टाचार साबित कर देते हैं तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। अगर थोरात भ्रष्टाचार साबित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। विखे पाटील की चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देते हुए कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने कहा कि तलाठी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की एक गोपनीय रिपोर्ट कलेक्टर द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इस वर्ष फरवरी में भेजी गई है। थोरात ने कहा कि जनता और छात्रों को बताएं कि आपने इस पर क्या कार्रवाई की है।
गौरतलब हो कि एनसीपी विधायक रोहित पवार और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने तलाठी भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राधाकृष्ण विखे पाटील ने पवार और थोरात की आलोचना की थी। विखे की इस आलोचना पर थोरात ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए, लेकिन सच छुपाने से भी नहीं बदलेगा। तलाठी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की एक गोपनीय रिपोर्ट कलेक्टर द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इस वर्ष फरवरी में भेजी गई है।

…थाने में घुसकर मारता हूं मैं!..एमपी में स्थिति अनकंट्रोल हो गई है…अपनी ही सरकार पर भाजपाई नेता का आरोप

एमपी के जबलपुर जिले के घमापुर थाना क्षेत्र में पिछले डेढ़ महीने में तीन हत्याएं हो चुकी हैं और अपराधी पूरी तरह बेखौफ हो गए हैं। पुलिस का कहना है कि कार्रवाई चल रही है, लेकिन क्षेत्र में जुआ, सट्टा और अवैध शराब का कारोबार बेखौफ तरीके से जारी है। यह सब पुलिस के संरक्षण में चल रहा है। जब मैं विधायक था तो थाने को नियंत्रण में रखा था, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह अनकंट्रोल हो गई है। ऐसा आरोप अपनी ही सरकार पर भाजपा नेता ने लगाया है।
दरअसल, जबलपुर शहर में पूर्व मंत्री का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पूर्व मंत्री सीएपी को फटकार लगाते हुए नजर आ रहे हैं या यू कहें कि धमकाते हुए नजर आ रहे है। पूर्व मंत्री अंचल सोनकर ने कहा, `आप थाना सुधारो, नहीं तो मैं सुधार दूंगा। थाने में जाकर सबको समझा दूंगा। नहीं तो फिर थाने में घुसकर मारता हूं मैं।’
मिली जानकारी के अनुसार, चंदमारी के पास राकेश गोटिया नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद वारदात का विरोध जताने मध्य प्रदेश शासन में भाजपा के पूर्व मंत्री रहे अंचल सोनकर के साथ कई लोग थाने पहुंच गए। इसके बाद लोगों ने थाने के बाहर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही सीएसपी राजेश राठौर थाने के बाहर पहुंच गए। इस दौरान पूर्व मंत्री अंचल सोनकर सीएसपी राजेश राठौर को फटकार लगाते हुए नजर आए, जबकि सीएसपी ने पूर्व मंत्री से कहा कि एक आरोपी गिरफ्तार कर लिया है और अन्य की तलाश की जा रही है। इस दौरान अंचल सोनकर गर्म हो गए। सीएसपी उन्हें बार-बार समझाते रहे कि हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा, लेकिन पूर्व मंत्री सुनने को तैयार नहीं थे।