अनिल मिश्रा / बदलापुर
राज्य की शिंदे सरकार ने बस यात्रियों के लिए तमाम तरह की योजनाएं शुरू की हैं और योजना से जुड़े लोगों को परिचय-पत्र दिया गया है, परंतु जब बसें ही नहीं हैं तो ऐसी परिस्थिति में योजना का क्या लाभ? राज्य की बस रियायत योजना एक तरह से बस यात्रियों के साथ जुमला योजना साबित हो रही है।
विश्वास कालुंखे नामक यात्री ने बताया कि पहले ग्रामीण क्षेत्र में टिटवाला मंदिर, कल्याण ग्रामीण, बदलापुर के दूर-दराज के गांवों में राज्य परिवहन की सेवाएं दी जाती थीं, परंतु अब उक्त बस सेवाएं धीरे-धीरे बंद हो रही हैं। जब बस ही नहीं है तो बस में यात्रा करनेवाले वरिष्ठ नागरिक, महिलाओं, पुरस्कार प्राप्त करनेवाले और दिव्यांगों जैसे अन्य तमाम तरह के लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। बदलापुर गांव के समीप रहनेवाले एक वरिष्ठ नागरिक का कहना है कि बदलापुर से मुरबाड़ के लिए एक-एक घंटे में बस आती और जाती है। कभी-कभी कोई न कोई कारण बताकर बस के एकाध फेरे को रद्द कर दिया जाता है। अगर कहीं किसी को जल्द पहुंचना हो या जाना हो तो वह शिंदे सरकार की परिवहन सेवा योजना का लाभ वैâसे ले? बदलापुर नपा ‘अ’ वर्ग की नपा है। इसके बावजूद उसके पास परिवहन सेवा नहीं है। पहले विट्ठलवाड़ी डिपो से बस चलती थी, उसे भी बंद कर दिया गया है। राज्य परिवहन की बस को बंद करने से ग्रामीण लोगों को काफी यातनाएं भुगतनी पड़ रही हैं। राज्य परिवहन की बस सेवा बंद करने या फिर कम करने से ऑटोरिक्शा, टैक्सी जैसे अन्य निजी वाहनों के सहारे यात्रियों को रहना पड़ता है और इन वाहन चालकों द्वारा यात्रियों का आर्थिक शोषण किया जाता है। जैसे बुधवार के दिन बदलापुर में मालगाड़ी द्वारा रूट बदलने के कारण मुंबई से आनेवाली गाड़ियों का आवागमन घंटों बंद हो जाने से ऑटोरिक्शा चालकों की चांदी हो गई। ऑटोरिक्शा चालकों द्वारा की गई इस लूट का लोगों ने विरोध किया। लोगों का आक्रोश राज्य सरकार पर भी देखा गया, जिनकी बस सेवा जरूरतमंदों के काम नहीं आई। बस सेवा न होने से काफी लोग आर्थिक शोषण के शिकार हुए, जिसके भुक्तभोगी सरकार की योजना के पात्र लोग भी थे।
बसों का नहीं है अता-पता …सरकार चला रही है तमाम योजनाएं
राहुल गांधी से आंख तक नहीं मिला पा रहे मोदी …टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने साधा निशाना
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा ‘जाति’ को लेकर दिए गए बयान पर हो रहे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से आंख तक नहीं मिला पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता की जाति के बारे में पूछना गलत है। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि यह गलत था। विपक्ष के एक शक्तिशाली, लोकप्रिय नेता राहुल गांधी की जाति के बारे में पूछना गलत है। आप इस तरह से जाति के बारे में नहीं पूछ सकते। हम अनुराग ठाकुर को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, वो भी हमारे अपने हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा के सामने अब पुराना वाला विपक्ष नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पहले जैसा विपक्ष नहीं है, सरकार भी पहले जैसी नहीं है। अब जब विपक्ष के नेता उन्हें चुनौती दे रहे हैं, तो प्रधानमंत्री विपक्ष के नेता से आंख मिलाकर बात नहीं कर पा रहे हैं। यह एक नाजुक सरकार है। अगर वे इसी तरह चलते रहे, तो यह इससे समस्या तो होगी।
गौरतलब है कि अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि जिनकी जाति का पता नहीं, वे जाति आधारित जनगणना की बात करते हैं। बाद में उन्होंने कहा कि उन्होंने टिप्पणी में किसी का नाम नहीं लिया था। हालांकि, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि यह टिप्पणी उन पर की गई थी। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर ने उन्हें गाली दी और अपमानित किया।
मोदी सरकार का `टैक्स टेररिज्म’! … इंफोसिस को जीएसटी नोटिस से भड़के मोहनदास पई
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
देश में मोदी सरकार ने जीएसटी वसूली के नाम पर एक बार फिर से बड़ी कंपनियों को टारगेट बनाना शुरू कर दिया है। बड़ी कंपनियों को सरकार भारी भरकम जीएसटी चोरी का नोटिस भेज रही है। अब एक बार जीएसटी को लेकर फिर से बवाल शुरू हो गया है। व्यापारी और उद्योगपति जीएसटी को लेकर बड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे मोदी सरकार का टैक्स टेररिज्म बता रहे हैं। दरअसल, इंफोसिस कंपनी को भेजे गए जीएसटी नोटिस के बाद से यह मामला उठा है। पद्मश्री से सम्मानित बिजनेसमैन टीवी मोहनदास पई ने इंफोसिस को मिले जीएसटी नोटिस की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इंफोसिस को जीएसटी नोटिस मिलने की एक खबर शेयर करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर अपनी आपत्ति जाहिर की। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, पीएम नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग करते हुए लिखा कि अगर नोटिस की यह खबर सही है तो आपत्तिजनक है और टैक्स टेररिज्म का सबसे खराब मामला है। भारत से सर्विस का एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों के ऊपर जीएसटी नहीं लगता है। उन्होंने कर अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या वे चीजों की अपने हिसाब से कुछ भी व्याख्या कर सकते हैं?
बता दें कि मोदी सरकार ने इस आईटी कंपनी को ३२,००० करोड़ रुपए की कथित जीएसटी चोरी का नोटिस भेजा है। इसके बाद व्यापारी वर्ग में बड़ी नाराजगी देखने को मिल रही है। सूत्रों की मानें तो अन्य आईटी कंपनियों को मिल रही ऐसी नोटिस को लेकर व्यापारी वर्ग भी आईटी कंपनियों का समर्थन में खड़े हो गए हैं और मोदी सरकार पर भड़क गए हैं। नोटिस में कहा गया है कि टैक्स की डिमांड इंफोसिस के द्वारा अपनी विदेशी शाखाओं से ली गई सर्विस को लेकर है, जो २०१७ से २०२२ के दौरान की है। उधर इंफोसिस ने बताया कि उसके ऊपर कोई बकाया नहीं है।
डंपिंग ग्राउंड मुक्ति की राह पर मुंबई …तलोजा में अत्याधुनिक डंपिग ग्राउंड
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई को डंपिंग ग्राउंड से मुक्ति दिलाने की राह पर मनपा चल रही है। इसके तहत अब तलोजा में अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त डंपिंग ग्राउंड बनाने का पैâसला किया गया है। नई मुंबई के तलोजा में ५२ हेक्टेयर भूखंड पर डंपिंग ग्राउंड बनाया जाएगा। इसमें से ३० हेक्टेयर भूखंड के कब्जा में आते ही मनपा ने आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शेष २२ हेक्टेयर भूखंड को कब्जे में लेने के लिए अनुमति और अन्य प्रक्रियाओं के पूरा होने पर मुंबई से निकलनेवाला कचरा यहां डंप किया जाने लगेगा। इसके अलावा देवनार डंपिंग ग्राउंड पर ६०० टन कचरे पर वैज्ञानिक तरीके से प्रक्रिया करके बिजली पैदा की जाएगी। इसके लिए मनपा ने ९० करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
मुंबई उपनगर में डंपिंग ग्राउंड के कारण नागरिकों के स्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न हो रही है इसलिए मनपा मुंबई को डंपिंग ग्राउंड से मुक्ति दिलाने का प्रयास कर रही है। इसके तहत मनपा मुलुंड के डंपिंग ग्राउंड को बंद कर दिया, लेकिन कांजुरमार्ग और देवनार डंपिंग ग्राउंड अभी भी खुले हैं, जहां कचरे को ठिकाने लगाने की क्षमता समाप्त हो चुकी है। इसके मद्देनजर इन्हें भी बंद करके तलोजा में ५२ हेक्टेयर भूमि पर नया डंपिंग ग्राउंड शुरू करने का निर्णय लिया गया है। मनपा की तरफ से कहा गया है कि इसे लेकर जरूरी प्रक्रियाएं शुरू हो गई हैं। फिलहाल, मुंबई में ६,००० से ६,५०० मीट्रिक टन कचरा इकट्ठा होता है। इस तादाद को कम करने के लिए मनपा कचरा वर्गीकरण, कचरे से खाद बनाने जैसी परियोजनाओं को बढ़ावा दे रही है। इस बीच १२ साल पहले शुरू हुए देवनार डंपिंग ग्राउंड के कचरे को समायोजित करने की क्षमता समाप्त हो चुकी है।
राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड की गाड़ी पर हमला …संभाजी राजे के बारे में दिए गए बयान का असर
सामना संवाददाता / मुंबई
राकांपा (शरदचंद्र पवार) के नेता व विधायक जितेंद्र आव्हाड की गाड़ी पर हमला हुआ। ठाणे की ओर जाते समय उनकी कार पर अचनाक तीन हमलावरों ने हमला कर दिया। हमले के समय आव्हाड की कार के पीछे पुलिस की भी गाड़ी थी। इसके बावजूद उन्होंने गाड़ी के कांच फोड़ने की कोशिश की। फिलहाल, बताया गया है कि हमले की जिम्मेदारी को ‘स्वराज्य’ संगठन ने स्वीकार किया है। साथ ही कहा गया है कि संभाजी राजे के बारे में दिए गए बयान की वजह से यह हमला किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही जितेंद्र आव्हाड ने संभाजी राजे छत्रपति को लेकर बयान दिया था। कहा जा रहा है कि यह हमला उनके बयान के विरोध में किया गया है। इस हमले की जिम्मेदारी स्वराज्य संगठन ने स्वीकार की है। हाल ही में अकोला में राकांपा के अजीत पवार गुट के विधायक अमोल मिटकरी की कार पर हमला हुआ था। यह घटना अभी ताजा है, ऐसे में विधायक जितेंद्र आव्हाड की कार पर भी हमला हुआ है। संभाजी राजे छत्रपति के बारे में की गई टिप्पणी के बाद स्वराज्य संगठन ने पहले ही जितेंद्र आव्हाड को चेतावनी दी थी। इसके बाद उनकी कार पर हमला किया गया है।
फिर से आक्रामक हुए आव्हाड
हमले के बाद जितेंद्र आव्हाड एक बार फिर आक्रामक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी कार पर हुए हमले से बिल्कुल भी नहीं डरता। ऐसे कायरतापूर्ण हमले के डर से मैं धर्मनिरपेक्षता के अपने विचार से समझौता नहीं करूंगा। विशालगढ़ की घटना के बाद स्वयं आपके पिता अर्थात शाहू महाराज द्वारा आपकी निंदा करना निष्कासन के समान है, इसलिए अब मैं संभाजी राजे के बारे में और कठोर शब्दों का इस्तेमाल करूंगा।
हार्ट ट्रांसप्लांट के रोगी को मिली छुट्टी …केईएम के डॉक्टरों ने की विदाई
-लगातार फॉलोअप की दी सलाह
सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा के केईएम अस्पताल में बारह दिन पहले पहला सफल हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था। भले ही अस्पताल प्रशासन सफलता को लेकर उत्साहित था, लेकिन मरीज का पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर पहुंचना उससे ज्यादा महत्वपूर्ण था। हालांकि, केईएम अस्पताल की तरफ से मुहैया कराई गई सर्वोत्तम देखभाल से मरीज महेश पांडव को कल अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस बीच मरीज में हार्ट ट्रांसप्लांट करनेवाले डॉक्टरों समेत पूरी टीम ने मरीज की विदाई की। साथ ही उन्होंने सलाह दी कि उन्हें आगे भी लगातार फॉलोअप के लिए आते रहना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि ११ जुलाई को केईएम अस्पताल में भर्ती एक महिला के ब्रेन डेड होने के बाद उसके परिजनों ने अंगदान का किया था। उसके अगले ही दिन मरीज महेश पांडव का अस्पताल में हृदय प्रत्यारोपण किया गया। फिलहाल, १५ दिनों के बाद महेश पांडव अपने घर संभाजीनगर में जाने के लिए तैयार हैं। महेश की पत्नी स्वाति पांडव ने अपने पति का हृदय प्रत्यारोपण कराने के लिए कड़ी मेहनत की। पत्नी स्वाति ने कहा कि अब हम दो महीने की दवा लेकर गांव जा रहे हैं। उनके पूरे खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
डीन ने की सराहना
इस सारी प्रक्रिया में मनपा के पूर्व अपर आयुक्त डॉ. सुधाकर शिंदे ने अहम भूमिका निभाई। इसके बाद डीन डॉ. संगीता रावत ने समय-समय पर फॉलोअप किया और डॉक्टरों को आवश्यक मशीनरी उपलब्ध कराई। इसके अलावा डोनेशन के लिए कई दाताओं से मदद ली गई। डॉ. रावत ने कहा कि मरीज के रिश्तेदारों ने हमारा पर्याप्त साथ दिया। इसके अलावा प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में केईएम अस्पताल के एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. संजीता उंबरकर ने अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण कुलकर्णी, केईएम के कार्डियक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. उदय जाधव ने सर्जरी की। इस काम में डॉक्टरों, नर्सों और वॉर्ड बॉय की टीम ने भी सहायता की।
अनुराग ठाकुर गोलीमार छाप नेता भाजपा हर काम जाति पूछकर करती है! …अनुराग ठाकुर पर भड़के आप नेता संजय सिंह
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को लेकर की गई ‘जातिगत’ टिप्पणी का विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर विपक्षी नेता अनुराग ठाकुर समेत बीजेपी पर हमलावर हैं। इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी अनुराग ठाकुर पर हमला बोला है। संजय सिंह ने कहा कि अनुराग ठाकुर गोलीमार छाप नेता हैं, उनकी पार्टी बीजेपी में हर काम जाति पूछकर होता है। राम नाथ कोविंद राष्ट्रपति थे, लेकिन प्रभु श्रीराम के मंदिर शिलान्यास में नहीं बुलाया। कारण जाति-दलित। द्रौपदी मूर्मू राष्ट्रपति हैं न संसद के उद्घाटन में बुलाया न मंदिर के उद्घाटन में बुलाया, कारण जाति-आदिवासी। अखिलेश यादव मंदिर में दर्शन करने गए तो गंगाजल से मंदिर धुला, कारण जाति-पिछड़ा वर्ग। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए जाति जनगणना की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा था कि जिसकी जाति का पता नहीं, वह गणना की बात करता है। वहीं कांग्रेस सदस्यों ने इसको लेकर गहरी आपत्ति जताई तथा सदन में पुरजोर हंगामा हुआ।
स्वाद यात्रा : चाइनीज फूड है खाना … `फ्लेवर्स ऑफ चाइना’ जरूर आना
संदीप पांडेय
आज की यंग जनरेशन चाइनीज फूड आइटम को काफी ज्यादा लाइक करती है। इसमें मंचूरियन से लेकर नूडल्स तक कई वेराइटीज शामिल हैं। अगर आप भी चाइनीज फूड लवर हैं तो यह खबर खासकर आपके लिए ही है। जी हां, आज मैं आपको एक ऐसे रेस्टोरेंट से रूबरू करवाऊंगा जो चाइनीज फूड आइटम का भंडार है। यहां आप चाइनीज के १०-२० आइटम नहीं बल्कि, आप यहां इतने आइटमों का स्वाद ले सकते हैं कि उसे आप अपनी उंगलियों पर नहीं गिन सकते। यहां वेज के साथ-साथ नॉनवेज लोगों के लिए भी कई ऑप्शंस मिल जाएंगे। यंग जनरेशन के लोगों का दिलखुश करनेवाला यह रेस्टोरेंट कोई और नहीं बल्कि बांद्रा ईस्ट में स्थित `फ्लेवर्स ऑफ चाइना’ है।
इस बार मैं अपनी स्वाद यात्रा के लिए बांद्रा पहुंचा। रेलवे स्टेशन से पूर्व की तरफ बाहर निकलकर चेतना
कॉलेज जानेवाले रिक्शा में बैठ गया। चेतना कॉलेज पहुंचकर मैं रिक्शा से उतर गया और इसी चेतना कॉलेज के अपोजिट में उजाला बार के बगल में फ्लेवर्स ऑफ चाइना है। मैं अंदर गया और सोफा पर बैठकर मेन्यू पलटने लगा तो मुझे वेज और नॉनवेज दोनों सेक्शन में कई नए चाइनीज आइटम देखने को मिले। मैंने वेज मून फान राइस के साथ रेड पेपर पनीर ऑर्डर किया। यह क्या इन दोनों के कॉम्बिनेशन ने तो दिल खुश कर दिया। इसके बाद मैंने आइस क्रॉफ्ट से लाइव आइसक्रीम ऑर्डर किया। वैसे तो मैंने आज तक कई प्रकार के अनेकों फ्लेवर में आइसक्रीम खाया है, लेकिन ये आइसक्रीम का कोई विकल्प ही नहीं है। एक पल के लिए तो ऐसा लगा कि मैं इस स्वाद में कहीं गुम सा गया।
हर बार की तरह इस बार भी रेस्टोरेंट और उसके स्पेशल मेन्यू के बारे में जानने की रुचि हुई तो मैं पूरी जानकारी लेने के लिए काउंटर पर पहुंचा तो वहां मौके पर रेस्टोरेंट के
ऑनर सुशील शरद राउत से मुलाकात हुई। जिनसे बातचीत के दौरान उन्होंने अपने विचार बताते हुए बताया कि लोगों को चाइनीज फूड आइटम खाने के लिए अलग-अलग शॉप पर जाना होता है इसी बात को उन्होंने ध्यान में रखते हुए वे फ्लेवर ऑफ चाइना में लोगों के लिए एक से बढ़कर एक चाईनीज फूड आइटम उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका ये रेस्टोरेंट १८ अगस्त २०१८ से सेवा दे रहा है। रेस्टोरेंट प्रतिदिन सुबह १२ बजे से दोपहर ४ बजे तक और शाम ७ बजे से रात ११.३० बजे तक खुला रहता है। सुशील ने बताया कि वेज और नॉनवेज दोनों सेक्शन में कई स्पेशल चाईनीज फूड आइटम हैं, जहां वेज में मून फान राइस के साथ रेड पेपर पनीर, वेज सेसमी प्रâाइड पनीर, कुंग पाव पोटेटो, पनीर मशरूम बेबी कॉर्न, वेज बर्न गार्लिक प्रâाइड राइस के साथ पनीर हॉट गार्लिक सॉस, वेज मलेशियन राइस है तो वहीं नॉनवेज में प्रâाई पेपर चिकन, रेड पेपर प्रॉन्स और रोस्ट पेपर चिकन स्पेशल है। आगे बताया कि इस रेस्टोरेंट के कुल १० आउटलेट हैं, जिसमें बांद्रा के अलावा ठाणे, मलाड, बोरिवली पूर्व-पश्चिम, माटुंगा, दादर, लालबाग, परेल और प्रभादेवी शामिल हैं। कस्टमर के लिए होम डिलीवरी की सुविधा के साथ-साथ यहां के फूड आइटम स्विगी और जोमैटो पर भी उपलब्ध हैं।
वेज कॉर्नर – मंचूरियन, मशरूम चिली, बेबी कॉर्न चिली, पनीर चिली, हक्का नूडल्स, मशरूम नूडल्स, फाइव स्पाइस नूडल्स, सिंगापुर नूडल्स, हॉन्ग कॉन्ग नूडल्स, कोरियन राइस, चॉपर राइस इत्यादि।
नॉनवेज कॉर्नर – चिकन मोमो, मंचूरियन चिकन, थाई प्रâाइड राइस, जय थाई नूडल्स, थाई ग्रीन करी, पैड थाई नूडल्स, कुंग पाव चिकन, क्रिस्पी चिकन, ब्लैक पीपर चिकन, लेमन ग्रास चिली चिकन, हॉट गार्लिक प्रॉन्स, ड्रैगन चिकन, चिकन प्रâाइड राइस, चिकन फाइव स्पाइस प्रâाइड राइस, चिकन मलेशियन नूडल्स, प्रॉन्स हक्का नूडल्स, चिकन ओरिएंटल नूडल्स इत्यादि।
मॉक्टेल – ओसिएनिक ऑरेंज, ग्रे मैंगो
वफल्स – टेराकोटा, टेला न्यूटेला
आइस्क्रीम – आइस क्रॉफ्ट, लाइव आइसक्रीम, आउट एंड आउट चॉकलेट, रॉकी रोड
पता- सरकारी वसाहत, प्लॉट नं. ओल्ड १७, अपो. चेतना कॉलेज, उजाला बार के बगल में गवर्नमेंट कॉलोनी बांद्रा-पूर्व, मुंबई-४०००५१
मोबाइल नं.- ९८९२७९८४८४ / ९८९२७६३३९९
दसवीं तक स्कूल न होने के कारण पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं विद्यार्थी
सगीर अंसारी / मुंबई
लाखों की आबादी वाले गोवंडी क्षेत्र में मनपा द्वारा संचालित स्कूलों में अगर एक स्कूल को छोड़ दें तो किसी भी स्कूल में दसवीं तक कक्षा न होने के कारण ज्यादातर विद्यार्थी बीच में ही अपनी शिक्षा छोड़ने के लिए मजबूर हैं। हालांकि, इस क्षेत्र में उर्दू माध्यम से शिक्षा प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों की तादाद ज्यादा है। इस मसले को लेकर स्थानीय एनजीओ ने भी आवाज को उठाना शुरू कर दिया है।
बता दें कि शिवाजी नगर व बैगनवाड़ी में मनपा द्वारा सात स्कूलों का संचालन किया जाता है। इन स्कूलों में हिंदी, उर्दू और मराठी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चे शिक्षा हासिल करते हैं, परंतु उर्दू माध्यम से शिक्षा प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों की तादाद ज्यादा होने की वजह से मनपा ने संजय नगर मनपा स्कूल में उर्दू माध्यम के लिए दसवीं तक कक्षा की शुरुआत कर दी है, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा होने के कारण दूसरे स्कूलों से आठवीं तक शिक्षा प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों में से कुछ ही प्रतिशत बच्चों को यहां दाखिला मिल पाता है। इस स्कूल में दाखिला लेनेवाले बच्चों को बोर्ड की परीक्षा के दौरान सेंटर भायखला में पड़ने की वजह से काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों की मांग है कि यहां पर मौजूद सभी मनपा स्कूलों को दसवीं तक किया जाए और इसके साथ ही उन्हें नया इंडेक्स नंबर दिया जाए, ताकि बच्चों को परीक्षा के दौरान क्षेत्र से बाहर न जाना पड़े।
बचके रहना रे बाबा… बारिश में बच्चों पर अटैक कर रहा खतरनाक वायरस!
गुजरात में वायरल एन्सेफलाइटिस ने ली ५९ की जान
गुजरात में वायरल एन्सेफलाइटिस के कारण ५९ लोगों की मौत हो गई है। व् ाायरल एन्सेफलाइटिस तेज बुखार का कारण बन सकता है और कई मामलों में दिमाग को प्रभावित करता है। मानसून के मौसम में भारत के कई हिस्सों में ये बीमारी पैâलती है। एन्सेफलाइटिस अधिकतर १५ साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, इस साल जून व जुलाई महीने में गुजरात में १५-वर्ष से कम आयु के बच्चों में ऐक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के १४० मामले सामने आए, जो पूरे देश में सर्वाधिक हैं। इस सिंड्रोम से प्रभावित ५९ लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से ५१ मामलों में चांदीपुरा वायरस की पुष्टि हुई है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी एन्सेफलाइटिस के मामलों की निगरानी कर रहे हैं और जिन क्षेत्रों में मामले सामने आए हैं, वहां निगरानी बढ़ा दी गई है। वायरल एन्सेफलाइटिस के मामले सबसे पहले पिछले महीने गुजरात के दो उत्तरी जिलों में सामने आए थे। हालांकि, अब तक दो दर्जन से अधिक जिलों में अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से कुछ चांदीपुरा वायरस के मामले भी हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। ज्यादातर लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, ताकि लक्षण के आधार पर इसका ट्रीटमेंट किया जा सके। इससे बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। एक साल से कम उम्र के बच्चों और ५५ साल से ज्यादा के बुजुर्गों को इसका खतरा अधिक रहता है, इसलिए कीड़े-मकोड़े वाली जगह पर जाने से बचें। लंबी बाजू के कपड़े पहनें और हेल्दी डाइट लें।