शहरी मिडिल क्लास को ३०० यूनिट बिजली मुफ्त दो! … शिवसेना का आज राज्यभर में आंदोलन

सामना संवाददाता / मुंबई
किसानों को ३०० यूनिट तक मुफ्त बिजली और बिजली बिल में रियायत देनेवाली राज्य की महायुति सरकार शहरी क्षेत्रों में रहनेवाले मध्यम वर्ग को पूरी तरह से भूल गई है। महाराष्ट्र में बेरोजगारी में भारी वृद्धि के कारण शहरी मध्यम वर्ग के लिए भारी बिलों का भुगतान करना मुश्किल हो गया है। इसलिए शिवसेना ने मांग की है कि राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में रहनेवाले लोगों को ३०० यूनिट तक बिजली बिल मुफ्त करे और उसमें रियायतें भी दे। इस मांग के लिए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के आदेश से और शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे की सूचना के अनुसार आज दो जुलाई की सुबह ११ बजे विभिन्न शहरी क्षेत्रों में जोरदार आंदोलन किया जाएगा।
मध्यम वर्ग की खराब वित्तीय स्थिति के कारण हर महीने भारी बिलों का भुगतान करना मुश्किल हो गया है।
महायुति सरकार आम लोगों की सरकार होने का दावा करती है, लेकिन शहरी क्षेत्र के गरीबों की अनदेखी की जा रही है, जिससे आम लोग परेशान हैं। इसका संज्ञान लेते हुए सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए शिवसेना की ओर से यह आंदोलन किया जाएगा। इसमें शिवसेना मध्यवर्ती कार्यालय की ओर से जारी पत्र के जरिए जानकारी दी गई है कि मुंबई शहर समेत शहरी इलाकों में पुरानी इमारतों और बस्तियों में रहनेवाले निवासियों को बिजली बिल में छूट देने की मांग की जाएगी।

यहां होंगे आंदोलन
मुंबई, ठाणे, पुणे, नाशिक, छत्रपति संभाजीनगर और नागपुर।

पुणे में घूम रही फर्जी पुलिस : राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त! … सो रहे हैं गृहमंत्री-आदित्य ठाकरे का जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि राज्य में महायुति और केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद क्या एक भी परीक्षा ठीक से हुई है। परीक्षा में गड़बड़ी के कारण कई छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है। राज्य में कानून-व्यवस्था की समस्या गंभीर हो गई है, पुणे में फर्जी पुलिस घूम रही है। ऐसा जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता, युवासेनाप्रमुख व विधायक आदित्य ठाकरे ने राज्य की शिंदे सरकार पर किया। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने मुंबई में भूमिगत कार पार्विंâग, पेपर-आउट, परीक्षा में भ्रम, कम दबाव वाली पानी की आपूर्ति जैसे विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। साथ ही, आदित्य ठाकरे ने यह सवाल भी पूछा कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, ऐसे में गृह मंत्री क्या कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार राज्य की समस्याओं को नजरअंदाज कर सो रही है।
उन्होंने कहा कि जहां भूमिगत कार पार्विंâग है, सुरक्षा कारणों से कुछ महत्वपूर्ण समय पर भूमिगत पार्विंâग बंद कर दी जाती है इसलिए सरकार को इस पर विचार करना चाहिए कि क्या भविष्य में ऐसी अंडरग्राउंड कार पार्विंâग की जरूरत है। आदित्य ठाकरे ने कहा है कि सरकार को इस संबंध में स्थानीय लोगों की भूमिका पर भी विचार करना चाहिए।
उन्होंने बाणगंगा तालाव को लेकर कहा कि मुंबई में बाणगंगा की सीढ़ियों को एक ठेकेदार ने काम के दौरान तोड़ दिया है। अब सवाल उठता है कि उसकी भरपाई कौन करेगा। हम इन प्राचीन ढांचों को धरोहर के रूप में संरक्षित करते आ रहे हैं। ये हमारे लिए धरोहर और पूजा स्थल हैं। ऐसे स्थानों को नुकसान पहुंचाने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। आदित्य ठाकरे ने बिना किसी का नाम लिए यह भी स्पष्ट किया कि उन्हीं ठेकेदारों ने अंबरनाथ और महाबलेश्वर में एक बंगले के निर्माण का काम किया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसी घटनाएं हो रही हैं कि सरकार पर सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार जाग रही है या सो रही है। वर्ली में आरे डेयरी के कर्मचारियों की बिल्डिंग गिरने की घटना हुई। हमारी सरकार के दौरान उन भवनों का जीर्णोद्धार किया गया। साथ ही उन कर्मियों को स्थानांतरित करने की भी योजना थी, लेकिन पिछले दो वर्षों में इन बिल्डिंगों की मरम्मत नहीं की गई है, क्योंकि शिंदे की सरकार इसे बिल्डर की झोली में डालना चाहती है। उस जगह पर ९० परिवार रहते हैं।
झूठ को समझ गई है जनता
आदित्य ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि हम जल्द ही इसमें हुए भ्रष्टाचार को लोगों के सामने लाएंगे और पूछेंगे कि फंड कहां जा रहा है। आदित्य ठाकरे ने यह भी कहा कि घाटकोपर और बांद्रा में इस विभाग के कुछ घर हैं, जहां इन परिवारों को घर दिया जाना चाहिए।
पिछले दो साल में प्रदेश में कई वादे किए गए कि रेलवे-पटरी के किनारों वालों को बीमा कवर मिलेगा और शहर की सड़कें गड्ढा मुक्त होंगी। जनता अब इनके झूठ को समझ गई है। अब उनका झूठ होर्डिंग्स मामले पर भी नजर आने लगा है इसलिए इस बार उनकी हार निश्चित है।

पिछले दो साल में वाइब्रेंट या मैग्नेटिक महाराष्ट्र जैसी एक भी पहल क्यों नहीं लागू की गई, यह सरकार राज्य के सभी उद्योग गुजरात को देना चाहती है। पहली बारिश में देश के तीन हवाई अड्डों की छतें ढह गर्इं, राम मंदिर के गर्भगृह में पहली ही बारिश में पानी भर गया, मुंबई गोवा, मुंबई अमदाबाद हाइवे पर गड्ढे हो गए। टोल चुकाने के बाद भी सड़कों का बुरा हाल है।
-आदित्य ठाकरे, युवासेनाप्रमुख

रेलवे अंडरपास बने जलाशय! … बरसात में भर रहा है पानी  … कभी भी घट सकती है भीषण दुर्घटना

योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
पालघर में कई स्थानों पर रेलवे क्रॉसिंग बंद करके बनाए गए अंडरपास लोगों के लिए समस्या बन गए हैं। बरसात का पानी भर जाने से ये अंडरपास जलाशयों में तब्दील हो गए हैं, जिससे लोगों का आवागमन बाधित होता है और उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही अंडरपास के निर्माण को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
मोटर पंप योजना हुई ध्वस्त
पालघर में मुंबई-सूरत रेल मार्ग पर विगत वर्षों में करीब आधा दर्जन जगहों पर रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर वहां अंडरपास बनाया गया है, लेकिन जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था न होने से बरसात का पानी बाहर नहीं जा पाता और अंडरपास जलाशय बन जाते हैं। हाल के दिनों में हुई बरसात के पानी से अंडरपास लबालब भरा हुआ है। साथ ही इन अंडरपास में चिकनी मिट्टी का कीचड़ भी भर गया है, जिसके कारण आवागमन रुका हुआ है। स्थानीय लोगों को कई किमी घूमकर आना-जाना पड़ रहा है। साथ ही पैदल यात्री तो जान जोखिम में डालकर रेल लाइन पर से ही आवागमन करने लगे हैं। सरकार की इन अंडरपास में भरे पानी को मोटर पंप से बाहर निकालने की योजना भी ध्वस्त हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अंडरपास में भरा पानी कभी भी हादसों का कारण बन सकता है।
 अधिकारी हैं कि सुनते ही नहीं 
स्थानीय लोग अंडरपास में हुए जलभराव की समस्या को लेकर बार-बार अधिकारियों से शिकायत करते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। लोगों का कहना है कि अधिकारी उनकी समस्याएं सुनने को तैयार नहीं हैं। बोर्डी अस्वली मार्ग पर बने अंडरपास में भी इन दिनों बरसात का पानी भरा हुआ है, जिससे ग्रामीणों, विद्यार्थियों, किसानों और वाहन चालकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह केलवे का अंडरपास भी पानी से भरा हुआ है।
ठेकेदार करते हैं खानापूर्ति 
क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि करोड़ों रुपए खर्च कर रेलवे ने अंडर ग्राउंड रास्ता तो बना दिया, लेकिन पानी निकलने की समुचित व्यवस्था नहीं की, जिसके कारण बारिश होने पर इसमें पानी भर जाता है और निकलता भी नहीं है। यह समस्या प्रति वर्ष बारिश के दिनों में ही सामने आती है। विभागीय ठेकेदार भी आधा-अधूरा कार्य करके गायब हो जाते हैं, जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों के अलावा राहगीर भुगतने को विवश हैं।

फर्स्ट डे, हिट शो : पहले ही भाषण में राहुल ने पीएम को धो डाला! … बौखलाहट में भाजपा बात का बनाने लगी बतंगड़

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी ने संसद में अपने पहले भाषण में ही देश के पीएम नरेंद्र मोदी को सवालों के घेरे में लाकर पूरी तरह से मानो धो डाला। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी और आरएसएस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह हिंदू नहीं हैं, जो हिंसा और नफरत पैâलाते हैं। राहुल के भाषण पर बीजेपी इतनी बौखला गई कि बौखलाहट में राहुल की बात का बतंगड़ बनाने लगी। बता दें कि भगवान शिव, गुरुनानक जी, कुरान, जीसस क्राइस्ट का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि सभी धर्म साहस की बात करते हैं। शिवजी कहते हैं कि डरो मत और डराओ मत, मगर बीजेपी के लोग देश को डराते हैं। मोदी राज में ओबीसी, एससी, एसटी पर हमला हो रहा है। संविधान, महंगाई, अग्निवीर योजना के बाद नीट को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है।

७ साल में ७० बार पेपर लीक का मामला उठाया
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर करारा वार करते हुए कहा कि सरकार ने नीट को कारोबारी एग्जाम बना दिया है। सरकार पेपर लीक को रोक तक नहीं पाई और ७ साल में ७० बार पेपर लीक हुए हैं। इसीके साथ ही राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा ने हर व्यक्ति के लिए डर का पैकेज दे दिया है। रोजगार तो आपने खत्म ही कर दिया है। अब नया पैâशन निकला है नीट। एक प्रोफेशनल स्कीम को आपने कॉमर्शियल स्कीम में बदल कर रख दिया। उन्होंने आगे कहा कि नीट को अमीर बच्चों के लिए बना दिया गया है। सरकार ने प्रोफेशनल एग्जाम को कॉमर्शियल एग्जाम बना दिया है। उन्होंने कहा कि छात्र ६ महीने तक नीट परीक्षा की तैयारी करते हैं। नीट के छात्रों को अब परीक्षा पर कोई भरोसा नहीं रह गया है।

`उन्होंने हिंदुओं पर नहीं, बीजेपी पर हमला किया’-प्रियंका गांधी वाड्रा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के संसद में दिए गए भाषण पर पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, `वह हिंदुओं का अपमान नहीं कर सकते। उन्होंने भाजपा और उसके नेताओं के बारे में यह बात साफ तौर पर कही है।’ प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी पूरा हिंदू समाज नहीं हैं। ँव्झ् पूरा हिंदू समाज नहीं है, आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है, ये बीजेपी का ठेका नहीं है।

एआई रोमांस स्कैम से सावधान! …०८ लाख रुपए ऐंठ लिए बेरोजगार महिला से, पड़ोस में रहनेवाली महिला गिरफ्तार

सामना संवाददाता / मुंबई
आजकल हर कोई ऑनलाइन फ्राॅड से परेशान है। लोगों से ठगी के मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। साइबर ठगी का एक नया मामला सामने आया है। मुंबई की रहनेवाली और नौकरी की तलाश कर रही महिला को उसकी जरूरत का फायदा उठाते हुए एआई वॉइस का इस्तेमाल कर रोमांस  स्कैम करते हुए उससे ८ लाख रुपए की ठगी कर ली गई। इस मामले की जांच करते हुए साइबर पुलिस ने पड़ोस में रहनेवाली महिला को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि फरार आरोपी की तलाश की जा रही है।
मुंबई साइबर सेल ने एक ३७ वर्षीया महिला को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिला पीड़ित महिला की पड़ोसी है। पीड़ित विधवा महिला नौकरी की तलाश में थी। इस बीच लगभग सात महीने पहले अभिमन्यु मेहरा नाम के व्यक्ति से सोशल मीडिया पर उसका परिचय हुआ। मेहरा ने उसे नौकरी तलाशने में मदद करने का आश्वासन दिया था, इसके बाद महिला ने अपना मोबाइल नंबर उसे दे दिया। इसके बाद रश्मि ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर एक महिला की आवाज बनाई। आरोपी महिला अपने पति के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दे रही थी। इसके बाद पीड़िता और मेहरा के बीच चैटिंग होने लगी। इसके बाद दोनों रिलेशनशिप में आ गए। हालांकि, पीड़िता कभी मेहरा से नहीं मिली थी। इस दौरान पीड़िता ने आरोपी के बैंक खाते में करीब सात लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह हमेशा मेहरा से मिलने की कोशिश करती थी, लेकिन वह हमेशा बात करने से बचता था। इसके बाद पीड़िता को शक हुआ और उसने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी।
आवाज बदलकर करती थी बात
जांच के दौरान रश्मि ने स्वीकार किया कि वह एक ऐप का इस्तेमाल कर रही थी, जिसकी मदद से वह अपनी आवाज बदलकर पीड़िता से बात करती थी। उसने बताया कि उसने एक वॉइस चेंजिंग ऐप इंस्टॉल किया है, वह उसी ऐप की मदद से पीड़िता से बात करती थी। इसके लिए वह एक अलग फोन नंबर का इस्तेमाल करती थी, जो खासतौर पर इसी काम के लिए था। पुलिस ने बताया कि मामले की जानकारी रश्मि के पति को थी और उसने मामले को रोकने के बजाय अपनी पत्नी को और प्रोत्साहित किया। फिलहाल, पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है और उसके पति के तलाश में जुटी है।

हाय रे, ठाणे की स्वास्थ्य व्यवस्था ले ली दो बच्चों की जान!

सांप के काटने से हुई एक बच्चे की मौत
दूसरा बच्चा जन्म के बाद ही चल बसा
डॉक्टरों पर लगा लापरवाही का आरोप
समय पर होता इलाज तो बच जाती जान
सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे जिले में एक बार फिर से स्वास्थ्य व्यवस्था की घोर लापरवाही उजागर हुई है। लापरवाही का ऐसा आलम सामने आया कि दो घटनाओं में दो बच्चों की मौत हो गई। इस घटना को लेकर पीड़ित दोनों परिवार के लोगों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और कहा कि अगर समय से इलाज मिलता तो उनके बच्चे की जान बच जाती।
परिवार को यहां से वहां दौड़ाते रहे
बता दें कि घटना मुरबाड तालुका के वैशाखरे प्रधानपाड़ा की है, जहां दो वर्षीय बच्चे को सांप ने काट लिया था। घर वाले बच्चे और सांप को टोकावडे के एक ग्रामीण अस्पताल में ले गए। जब वे वहां पहुंचे तो रात हो चुकी थी और अस्पताल का गेट भी बंद था, जिसे खोलने में करीब १५ से २० मिनट लग गए। इसके बाद डॉक्टर ने सांप को करीब २० मिनट तक देखा। उन्होंने कहा कि सांप जहरीला नहीं है। लेकिन अचानक बच्चे की हालत गंभीर होने लगी, जिसके बाद बच्चे को डॉक्टर ने उल्हासनगर अस्पताल ले जाने की सलाह दी। सड़क की स्थिति खराब होने के कारण परिवार को वहां पहुंचने में काफी समय लग गया। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने बच्चे को कलवा अस्पताल ले जाने को कहा, इसके बाद परिवार फिर से बच्चे को लेकर कलवा अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार का आरोप है कि अगर समय पर बच्चे का इलाज किया गया होता तो उसकी जान बच सकती थी।
अस्पताल में नहीं था कोई बालरोग विशेषज्ञ
दूसरी घटना के अनुसार, रेशमा भोईर नाम की महिला को डिलिवरी के लिए मुरबाड ग्रामीण अस्पताल में दाखिल कराया गया था। महिला का प्रसव नार्मल हुआ, लेकिन जन्म के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। मुरबाड अस्पताल में कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण बच्चे को इलाज के लिए उल्हासनगर स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने से बच्चे की जान चली गई। जिसके बाद बच्चे के परिवार वालों ने वरिष्ठों से शिकायत की कि स्वास्थ्य व्यवस्था की गैरजिम्मेदारी के कारण ही बच्चे की मौत हुई है। मुरबाड ग्रामीण अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संग्राम डांगे ने कहा कि यदि मुरबाड ग्रामीण अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ उपलब्ध होता तो बच्चे को प्राथमिक उपचार दिया जा सकता था।

खिलाड़ियों के बजाय शेलार को बधाई! … भाजपा ने किया टीम इंडिया का अपमान … विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने घाती सरकार को घेरा

सामना संवाददाता / मुंबई
टीम इंडिया के टी-२० वर्ल्डकप जीतने के बाद उसे दुनिया भर से बधाइयां मिल रही हैं, लेकिन राज्य के बीजेपी नेताओं ने विधान परिषद में टीम इंडिया के खिलाड़ियों को बधाई देने का प्रस्ताव लाने के बजाय बीजेपी विधायक और बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष आशीष शेलार को बधाई देने का प्रस्ताव लाने की कोशिश की। इस पर विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने मीडिया से बात करते हुए यह आरोप लगाया कि बीजेपी का यह कृत्य टीम इंडिया और खिलाड़ियों का अपमान है।
महाविकास आघाड़ी के विधायकों के विधान परिषद से वॉकआउट करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए दानवे ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम के विश्वकप जीतने के बाद खिलाड़ियों को बधाई दी जानी चाहिए, लेकिन बीजेपी नेता इसके बदले बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष आशीष शेलार को बधाई देने का प्रस्ताव लाने की कोशिश कर रहे थे। खिलाड़ी कड़ी मेहनत करते हैं। देश का नाम ऊंचा करते हैं, लेकिन भाजपा उनसे खिलाड़ियों को बधाई देने की बजाय अपने नेता को बधाई देने के लिए कह रही है।’

‘भाजपा का यह व्यवहार टीम इंडिया और खिलाड़ियों का अपमान है, लेकिन बीजेपी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वे केवल अपने नेताओं को ही महत्व देते हैं। स्पीकर द्वारा सदन में पक्षपात किया जा रहा है। बीजेपी सदस्यों को इन मुद्दों पर बोलने की इजाजत है, लेकिन विपक्ष के सदस्यों को बोलने की इजाजत नहीं है इसलिए हमने बैठक का बहिष्कार किया। वे लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं।’ – अंबादास दानवे, विपक्ष के नेता

दुनियाभर में घट रही है हिंदुओं की संख्या! …२०५० तक बेहद कम हो जाएगी

आबादी मुसलमानों का होगा बोलबाला
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
पिछले तीन दशक से हिंदुस्थान में विभिन्न धर्म की आबादी के अनुपात में बड़े बदलाव आए हैं। हिंदुओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है तो मुस्लिम समाज की आबादी काफी तेजी से बढ़ी है। हिंदुुस्थान में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। प्यू रिसर्च ने साल २०१० से लेकर २०५० के बीच विश्व जनसंख्या में बड़े धार्मिक बदलाव का दावा किया है। प्यू रिसर्च के मुताबिक प्रजनन दर और धर्म परिवर्तन की वजह से यह बदलाव हो रहा है। रिसर्च में दावा किया गया कि अगले चार दशकों तक ईसाई सबसे बड़ा धार्मिक समूह बना रहेगा, लेकिन इस्लाम सबसे तेजी से जनसंख्या वृद्धि करेगा। यदि ऐसे ही जारी रहा तो साल २०५० तक मुसलमानों की संख्या ईसाइयों के बराबर हो जाएगी। इस बीच हिंदुओं की संख्या में मामूली वृद्धि ही होगी। आश्चर्य तो यह है कि मुसलमानों की आबादी हिंदुओं की तुलना में दुगनी रफ्तार से बढ़ेगी।
दरअसल, २०१० में पूरी दुनिया की आबादी ६.९ बिलियन होने का अनुमान जताया गया था, जो साल २०५० तक ९.३ बिलियन पर पहुंच सकती है। यानी २०१० के मुकाबले २०५० में दुनिया की कुल आबादी ३५ फीसदी बढ़ जाएगी। दूसरी तरफ दुनिया में साल २०१० में मुसलमानों की आबादी १ अरब ६० करोड़ के करीब थी, जो साल २०५० में बढ़कर २ अरब ७६ करोड़ से अधिक हो सकती है। इस तरह से अगले कुछ सालों में मुसलमानों की आबादी १ अरब १६ करोड़ से अधिक बड़ जाएगी। दुनिया भर में हिंदू आबादी की बात करें तो साल २०१० में १ अरब ३ करोड़ के करीब थी, जो साल २०५० तक बढ़कर १ अरब ३८ करोड़ के करीब ही हो पाएगी। ऐसे में हिंदुओं की आबादी आने वाले समय में ३५ करोड़ के करीब बढ़ने वाले है। जबकि साल २०१० में कुल २३.२ फीसदी मुस्लिम थे जो साल २०५० में बढ़कर २९.७ फीसदी हो सकते हैं। दूसरी तरफ साल २०१० में दुनिया भर में हिंदू १५ प्रतिशत थे, जिनकी आबादी ०.१ फीसदी कम होने वाली है।
भारत में होंगे सबसे अधिक मुसलमान
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल २०५० तक हिंदू बहुसंख्यक तो रहेंगे, लेकिन आने वाले समय में सबसे अधिक मुसलमान भारत में ही निवास करेंगे। मौजूदा समय में इंडोनेशिया सबसे ब़ड़ा इस्लामिक देश है, जहां पर भारत और अन्य तमाम देशों के मुकाबले सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं। लेकिन आने वाले समय में यह आंकड़ा बदलने वाला है। प्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, साल २०१० से २०५० के बीच सबसे अधिक तेजी से मुसलमानों की संख्या में वृद्धि होगी। २०१० के मुकाबले २०५० में मुसलमानों की संख्या ७३ फीसदी बढ़ सकती है। दूसरी तरफ हिंदुओं की संख्या महज ३४ फीसदी बढ़ने का अनुमान है। हिंदुओं से अधिक ३५ फीसदी क्रिश्चियन धर्म मानने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

‘घाती’ सरकार की तानाशाही से राज्य की नर्सें नाराज आज करेंगी धरना प्रदर्शन …७वें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार वेतन, भत्ता की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में ‘घाती’ सरकार तानाशाही शासन चला रही है। आलम यह है कि इस सरकार ने आशा और स्वास्थ्य सेविकाओं की मांगों को लेकर पहले से ही अड़ियल रुख अपनाए हुए है। उसके इस फेहरिस्त में अब स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन आनेवाले सरकारी अस्पतालों में सालों से कार्यरत नर्सें भी जुड़ गई हैं। उनके साथ भी यह सरकार अन्याय करते हुए उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। हालांकि, कई सालों से न्याय की गुहार लगानेवाली राज्य की नर्सें घाती सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए मंगलवार को आजाद मैदान पर धरना प्रदर्शन का हथियार उठाने जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आशा और स्वास्थ्य सेविकाएं एक साथ आकर पिछले २० दिनों से न्यूनतम वेतन, पीएफ, निवृत्ति वेतन समेत विभिन्न मांगों को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में हड़ताल पर बैठी हुई हैं। इस बीच जोरदार बारिश भी हो रही है, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़ी हुई हैं। इससे स्वास्थ्य सेविकाओं के स्वास्थ्य पर ही बन आई है, लेकिन ‘घाती’ सरकार की तरफ से लगातार उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। इसी में अब इस सरकार के खिलाफ राज्य की नर्सें भी बिगुल फूंकने जा रही हैं। हालांकि, वे अपनी मांगों पर सरकार का ध्यान केंद्रित कराने के लिए मंगलवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने जा रही हैं। इस बीच बिना मरीजों को परेशानी में डाले मैदान में करीब ५०० नर्सें एकत्रित होकर धरना देंगी।
प्रदेश में कार्यरत हैं करीब २६ हजार नर्सें
महाराष्ट्र गवर्नमेंट नर्सेस फेडरेशन की संस्थापक-सलाहकार कमल वायकोले ने कहा कि महाराष्ट्र में मेडिकल चिकित्सा शिक्षा में १३ और स्वास्थ्य विभाग के तहत कार्यरत अस्पतालों में १३ हजार समेत कुल २६ हजार नर्सें कार्यरत हैं। इनमें से २,५०० नर्सें मुंबई में सेवारत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग काउंसिल के मुताबिक, नर्सों की संख्या बहुत कम है। सरकार को चाहिए एक चौथाई भर्तियां तत्काल की जानी चाहिए।
केंद्र और राज्य के वेतन में २३ हजार का अंतर
कमल वायकोले ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के नर्सेस पे स्किल में कम से कम २३ हजार का अंतर है। इसे समान किए जाने की हम काफी समय से मांग करते आ रहे हैं, लेकिन इस पर केवल आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है। इससे प्रदेश में काम करनेवाली नर्सों में निराशा है।

यह है मांगें
बख्शी समिति खंड दो में नर्सों के साथ हो रहे अन्याय को दूर किया जाए। नर्सिंग संवर्ग में रिक्त पदों को पदोन्नति (नर्स, पाठ्यचर्या प्रशिक्षक से अधीक्षक नर्सिंग) द्वारा तुरंत भरा जाना चाहिए। नर्सों का प्रशासनिक तबादले के बिना केवल अनुरोध पर तबादला होना चाहिए। राज्य में नर्सों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वतंत्र निदेशक नर्सिंग का पद सृजित किया जाए। ७वें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार, पूर्व-संशोधित वेतन, परिचर भत्ता, विशेष भत्ता और ग्रेड वेतन दिया जाए। केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार, नर्सिंग संवर्ग में स्नातक, स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी करनेवालों को शैक्षिक वेतन वृद्धि समेत अन्य मांगें की गई हैं।

 

पेपर लीक मामले में विपक्ष को गृहमंत्री ने धमकाया! …व्हॉट्सऐप ‘नरेटिव’ बनाने वाले पर दर्ज होंगे मामले

सवालों से घबराई घाती सरकार
सामना संवाददाता / मुंबई
नीट पेपर लीक मामले का कनेक्शन मुंबई पहुंचने पर मामला गरमा गया है। इसी के साथ महाराष्ट्र में तमाम परीक्षाओं के पेपर लीक होने का मामला भी विधानसभा में उठाते हुए विपक्ष ने सरकार को घेरा। विपक्ष के आक्रामक रवैए और सवालों से सत्ता पक्ष घबरा गया, लेकिन विपक्ष के सवालों में जब सरकार फंसने लगी तो विपक्ष पर नरेटिव तैयार करने का आरोप लगाया। गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष को जानकारी देनेवाले के खिलाफ मामला दर्ज कराने की बात कहते हुए एक प्रकार से धमकाया।
सोमवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान चल रहे सवाल-जवाब के बीच विपक्ष ने पेपर लीक मामले को लेकर सत्ता पक्ष से जवाब मांग रहा था। इस मामले को लेकर सदन में विपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में भी बड़े पैमाने पर पेपर लीक हुए हैं। आज पेपर लीक होने से राज्य में युवाओं का भविष्य खतरे में हैं। इतना ही नहीं, इस मामले में बड़े तार जुड़े हैं, सरकार कब जागेगी। इस मुद्दे पर कांग्रेस सदस्य नाना पटोले ने कहा कि यह सरकार पेपर लीक मामले पर अब तक कौन सी कार्रवाई की है इस पर कोई जानकारी सदन को कब उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायक भास्कर जाधव ने सरकार को घेरने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि पिछले ढाई सालों में राज्य में सरकारी नौकरी की परीक्षाओं सहित लगभग ५ से ६ पेपर लीक हुए हैं और इसके लिए महायुति सरकार जिम्मेदार है। गृहमंत्री को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। भास्कर जाधव ने जैसे ही महायुति के कार्यकाल में बड़ी संख्या में पेपर लीक होने के मामले को उजागर किया, गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस आगबबूला हो गए।

आपके मोबाइल पर जो मैसेज आया है। व्हॉट्सऐप मैसेज है और वह एक नरेटिव तैयार करनेवाला है। वह मैसेज गलत है। मैं आपके व्हॉट्सऐप पर यह जानकारी लिखने वाले के खिलाफ फर्जी नरेटिव तैयार करने के मामले में मामला दर्ज करता हूं। उन्होंने यहां तक कहा कि विपक्ष के सारे आरोप झूठे हैं। महाराष्ट्र में सिर्फ लेखपाल भर्ती की परीक्षा के पेपर ही लीक हुए हैं, जबकि भास्कर जाधव ने ५ से ६ परीक्षाओं के पेपर लीक होने की जानकारी दी।
-देवेंद्र फडणवीस, गृहमंत्री