गोगावले का राजनीतिक चरित्र गंदा!.. परांजपे ने की भरत के विभाग की जांच की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई

महायुति सरकार में इन दिनों शामिल तीनों दलों के बीच घमासान मचा हुआ है। एक ओर जहां भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रायगढ़ जिले के पालकमंत्री पद को लेकर अजीत पवार गुट के साथ भी संघर्ष जारी है। शिंदे गुट पर अजीत पवार गुट हमला करने का एक भी मौका नहीं छोड़ता है। हाल ही में शिंदे गुट के मंत्री भरत गोगावले ने शिवसेना और अजीत पवार गुट पर हमला क्या बोला, अजीत पवार गुट के नेता व प्रवक्ता आनंद परांजपे ने तो पूरी तरह से गोगावले को लताड़ दिया।
परांजपे ने कहा कि जिस शिवसेना ने ही तुम्हें पहचान दी, राजनीति में ऊपर लाया और अब उन्हीं पर इस प्रकार के आरोप लगाकर तुमने यह साबित कर दिया है कि तुम्हारा राजनीतिक चरित्र गंदा है। शिवसेना पर कुछ भी आरोप लगाना बिल्कुल गलत है। मैं भी शिवसेना में काम कर चुका हूं, लेकिन तुम्हारी तरह गद्दारी कभी नहीं किया। आगे बोलते हुए परांजपे ने कहा कि जिला परिषद के सभापति से लेकर विधायक बनने तक शिवसेना ने तुम्हें पहचान दी। अगर अब तुम वही पहचान भूल गए हो, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है और अगर शिवसेना ने तुम्हें बड़ा किया है, तो ऐसे शिवसेना पर आरोप लगाना तुम्हारे राजनीतिक चरित्र पर सवाल उठाता है। ऐसा तीखा प्रहार आनंद परांजपे ने भरत गोगावले पर किया। इसी के साथ ही परांजपे ने सीएम फडणवीस से गोगावले के विभाग की जांच करने की मांग की। उन्होंने कहा कि तमाम सिंचाई परियोजनाओं की उनके क्षेत्र में जांच की जानी चाहिए।

चुनाव में बावनकुले की मैच फिक्सिंग…बेईमानी से की जीत हासिल… कांग्रेस के आरोप से आगबबूला हुए भाजपाई

सामना संवाददाता / मुंबई

कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र की विधानसभा भाजपा ने वोटों की ‘चोरी’ की है। उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के कामठी विधानसभा क्षेत्र का उल्लेख किया था, जिसके बाद कांग्रेसी आक्रामक हो गए हैं। कांग्रेस नेता सुरेश भोयर ने आरोप लगाया कि चुनाव में बावनकुले ने मैच फिक्सिंग की है।
उनके इस आरोप लगने के बाद भाजपाई खफा हो गए हैं। कांग्रेस के उम्मीदवार रहे सुरेश भोयर को भाजपा नेताओं ने झूठा करार दिया है। भाजपाइयों ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सभी पार्टियों के पदाधिकारियों और मतदाता पंजीकरण अधिकारियों की बैठक में कांग्रेस के नेता सो रहे थे क्या? अगर फर्जी मतदाता बनाए गए थे तो उसी समय आपत्ति क्यों नहीं जताई गई, ऐसा सवाल भाजपा ने कांग्रेस से पूछा है।
बता दें कि राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के कामठी विधानसभा क्षेत्र का उल्लेख किया था। इस पर बावनकुले ने कहा था। इस विवाद के बीच कांग्रेस के कामठी से उम्मीदवार सुरेश भोयर ने आरोप लगाया कि महज १५ दिनों में मतदाता सूची में १२ हजार नाम ऑनलाइन जोड़े गए, साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मजदूरों को मतदाता बनाया गया। इस तरह उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाया कि बावनकुले ने बेईमानी से जीत हासिल की।

मीरा-भायंदर में हो रहा है मैंग्रोव्ज का विनाश!..वन विभाग की निष्क्रियता के खिलाफ आंदोलन…२० जून को विभागीय कार्यालय पर धरना देंगे पर्यावरण प्रेमी

सुरेश गोलानी / मुंबई

मीरा-भायंदर क्षेत्र में मैंग्रोव्ज वनों के हो रहे विनाश की लगातार बढ़ती घटनाओं के बावजूद उसे रोकने में प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ पर्यावरण प्रेमियों ने रविवार सुबह शांतिपूर्ण तरीके से अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। भायंदर में मैंग्रोव्ज वनों की स्वैच्छिक सफाई के दौरान निकले कचरे से युवा पर्यावरण प्रेमियों ने वन विभाग और अन्य संबंधित विभागों की जनविरोधी रवैए की कड़ी निंदा करते हुए बीट कार्यालय के बाहर एक संदेश लिखा कि ‘अक्षय गजभिये जनता के सेवक हैं, राजा नहीं’।
ज्ञात हो कि अक्षय गजभिये उप वन संरक्षक (डीसीएफ) पद पर कार्यरत हैं। विरोध प्रदर्शन में शामिल पर्यावरण प्रेमी हर्षद ढगे का आरोप है कि शहर में वन क्षेत्र के विनाश के बारे में नागरिकों की सैकड़ों शिकायतों के बावजूद, रेंज वन अधिकारी ( आरएफओ), प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) और डीसीएफ न सिर्फ उनकी अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवालों का जवाब देने में आनाकानी और आरटीआई कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी से भी पेश आते हैं। लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए गजभिये ने दावा किया है कि वन विभाग से संबंधित सभी शिकायतों पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन जो क्षेत्र राजस्व एवं अन्य विभागों के अधीन होते हैं, हम उस विभाग से जुड़े अफसरों को उसकी आधिकारिक जानकारी देने का काम करते हैं। उच्च न्यायालय ने मैंग्रोव्ज सुरक्षा और संरक्षण हेतु स्पष्ट तौर से कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें विनाश और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सीसीटीवी द्वारा निगरानी, मानचित्रण (मैपिंग), सुरक्षात्मक दीवारें और गश्ती प्रणाली का प्रमुखता से समावेश है।
हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों का कार्यान्वयन नहीं
पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि इनमें से ज्यादातर दिशा-निर्देशों का कार्यान्वयन नहीं किया गया है। डीसीएफ गजभिये और न्यायालय के आदेश का बार-बार उल्लंघन करनेवाले अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तथा दिशा-निर्देशों का तत्काल अनुपालन की मांग करते हुए पर्यावरण प्रेमियों ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिन के भीतर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो २० जून को मैंग्रोव्ज विभागीय कार्यालय पर धरना दिया जाएगा।

मैंग्रोव काटकर फाइव स्टार होटल की थी योजना… भाजपा नेताओं के मंसूबे नाकाम!… ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश से फिरा पानी…पर्यावरणविदों ने जताया संतोष

सामना संवाददाता / मुंबई

भाजपा के कुछ कथित नेताओं ने हजारों मैंग्रोव काटकर और जैव विविधता को नष्ट करके केगांव खाड़ी में फाइव स्टार होटल बनाने की योजना बनाई थी। हालांकि, ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद यह योजना नाकाम हो गई है। मैंग्रोव विभाग के अधिकारियों ने बड़ी संख्या में बल तैनात कर इस खाड़ी में १०० मीटर तक समुद्र में मौजूद पत्थर और मिट्टी की रुकावट को हटा दिया है। इस कार्रवाई के बाद पर्यावरणविदों ने संतोष जताया है।
उरण-पनवेल के कुछ भाजपा नेताओं ने केगांव ग्राम पंचायत की सीमा में समुद्र तट पर सर्वे क्रमांक २३८, क्रमांक १२ में फाइव स्टार होटल बनाने की योजना बनाई थी। मुंबई से पर्यटकों को समुद्र के रास्ते लाने के लिए स्पीड बोट के लिए जेटी बनाने की भी योजना थी। इसके लिए सत्ता का दुरुपयोग कर समुद्र में ही १०० मीटर गहरा, २.५ मीटर चौड़ा और एक मीटर ऊंचा पत्थर व मिट्टी का भराव कर दिया गया। सीआरजेड का उल्लंघन कर इस अवैध भराव के लिए बड़ी संख्या में मैंग्रोव का वध किया गया। इस मामले में स्थानीय लोगों व मछुआरों की शिकायत के बाद लघु उद्योग पारंपरिक मत्स्य श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकुमार पवार ने मैंग्रोव वन सुरक्षा व संरक्षण समिति में शिकायत दर्ज कराई थी। वन विभाग व मैंग्रोव वन सुरक्षा व संरक्षण समिति ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था, लेकिन कार्रवाई करने से जानबूझकर परहेज किया गया। इसके चलते नंदकुमार पवार ने पुणे स्थित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट में अपील की थी। मछली प्रजनन स्थल साफ किए गए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद मैंग्रोव वन विभाग ने लगातार तीन दिनों तक कार्रवाई करते हुए पत्थर व मिट्टी के भराव को हटाने व स्थल को बहाल करने के लिए पोकलेन, जेसीबी व डंपर का इस्तेमाल किया है। वन विभाग मैंग्रोव सेल के अधिकारी किशोर सोनावणे ने यह जानकारी दी। इससे मछली प्रजनन स्थल भी खाली हो गए हैं। नंदकुमार पवार ने कहा कि इससे पर्यावरणीय क्षरण को कम करने में भी मदद मिलेगी और स्थानीय मछुआरों को लाभ होगा।

ठाणे इंटरनल रिंग रेलवे मेट्रो अधर में!..वर्षों से लटकी परियोजना को दिया गया १,४०० करोड़ रुपए…डेडलाइन २०२९ तक पूरा होने की उम्मीद नहीं

सामना संवाददाता / मुंबई

लंबे समय से अधर में लटकी ठाणे सर्कुलर मेट्रो परियोजना के पहले चरण के लिए १,४०० करोड़ रुपए की मंजूरी मिल गई है। यह परियोजना सबसे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा प्रस्तावित की गई थी, लेकिन वर्षों तक अधर में लटकी रही। शिंदे के कार्यकाल में इस परियोजना पर रत्ती भर काम नहीं हुआ। वहीं अब इसकी डेडलाइन २०२९ बताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही प्रारंभिक कार्य शुरू किया जाएगा और एक औपचारिक भूमिपूजन समारोह आयोजित किया जाएगा।
२९ किलोमीटर लंबा यह मेट्रो कॉरिडोर जिसे ‘ठाणे इंटरनल रिंग रेलवे मेट्रो’ का नाम दिया गया है, इस प्रोजेक्ट को केंद्र और राज्य सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और इसकी कुल परियोजना लागत १,४०० करोड़ रुपए है। इस मार्ग में से २६ किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड होगा और ३ किलोमीटर भूमिगत रहेगा। यह मेट्रो ठाणे शहर के प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ेगी, जिनमें लोकमान्य नगर, पोखरण रोड्स १ और २, हीरानंदानी मीडोज, वागले इस्टेट, राबोड़ी और ठाणे स्टेशन शामिल हैं। इसमें सभी रूट अलाइनमेंट को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिसमें २२ एलिवेटेड (उच्च स्तरीय) और २ भूमिगत स्टेशन शामिल हैं। भूमिगत खंड विशेष रूप से पुराने और नए ठाणे रेलवे स्टेशनों को आपस में जोड़ेगा।
वडवली और कावेसर में डिपो स्थानों के लिए सर्वेक्षण जारी हैं और डिपो निर्माण के लिए निविदाएं भी अंतिम चरण में हैं। बालकुम से रैलादेवी खंड के लिए एक अलग निविदा, जो सीआरजेड (तटीय विनियमन क्षेत्र) संबंधी चिंताओं के कारण विलंबित थी, उसे आगामी तीन महीनों में जारी किए जाने की उम्मीद है।
पूरी परियोजना को दिसंबर २०२९ तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए ठाणे महानगरपालिका, एमएसईडीसीएल, एमएमआरडीए, जलापूर्ति और ड्रेनेज विभाग सहित विभिन्न नगर निकायों के साथ समन्वय के लिए विस्तृत योजना तैयार की जा रही है। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट में देरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि यदि यह परियोजना समय पर पूरी हो जाती है तो ठाणे रिंग मेट्रो से ट्रैफिक जाम में भारी कमी आने, यात्रा समय घटने और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

हिम्मत है तो सिंचाई घोटाले की फाइल सामने लाएं!.. दादा गुट के नेता आनंद परांजपे ने दी शिंदे गुट को चुनौती

सामना संवाददाता / मुंबई

सिंचाई घोटाले की फाइल जहां भी अटकी है, हिम्मत है तो उसे सामने लाएं। ऐसी खुली चुनौती दादा गुट के नेता आनंद परांजपे ने शिंदे गुट को दी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम भी अगले सात दिनों में आपकी आपराधिक प्रवृत्ति, रायगड में किए गए वित्तीय घोटाले और जिला परिषद में चेयरमैन रहते हुए किए गए घोटालों को उजागर करेंगे।
शिंदे गुट के मंत्री भरत गोगावले के बयान के बाद अजीत पवार गुट के नेता आनंद परांजपे ने उनकी आलोचना की। भरत गोगावले ने कहा था कि रायगड जिले के ’थ्री इडियट’ में से एक ’इडियट’ दादा गुट का प्रदेश अध्यक्ष बना है। ऐसा कहते हुए उन्होंने सुनील तटकरे पर हमला बोला था। रायगड में पालकमंत्री पद की दावेदारी कर रहे शिंदे गुट के मंत्री भरत गोगावले पर राजनीतिक अपरिपक्वता और इंसान के तौर पर संवेदनशीलता की कमी है। ऐसा तंज परांजपे ने गोगावले पर कसा। सुनील तटकरे के घर में हुई त्रासदी के बाद पूरा परिवार अभी तक उबर नहीं पाया है। इसके बावजूद गोगावले का तटकरे की आलोचना ही एक सूत्रीय कार्यक्रम चल रहा है। परांजपे ने कहा कि तटकरे ने विधानसभा में भी गठबंधन धर्म का पालन किया, लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करते तो भरत गोगावले क्या दो और उम्मीदवार शिंदे गुट के गिरते। वे सिंचाई घोटाले की फाइल जहां भी अटकी हो, उसे सामने लाएं। यह गोगावले के लिए खुली चुनौती है।

जे पावर ग्रुप का संकल्प हर बच्चे तक पहुंचेगी शिक्षा…गोवंडी के होनहार ३५० विद्यार्थियों का हुआ सम्मान

सगीर अंसारी / गोवंडी

गोवंडी क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समाजसेवी संस्था जे पावर ग्रुप के अध्यक्ष जमीर कुरैशी द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें १०वीं और १२वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले ३५० से अधिक छात्रों को ट्रॉफी, मेडल, प्रमाणपत्र और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में ९० प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले ६५ से अधिक विद्यार्थियों, ८५-९० प्रतिशत के बीच १०० से अधिक छात्रों, ८०-८५ प्रतिशत के बीच १०० से अधिक छात्रों और ८० प्रतिशत से कम अंक लाने वाले लगभग १०० छात्रों को प्रोत्साहित किया गया। गोवंडी टॉपर मोहम्मद ईहान (एसएससी इंग्लिश मीडियम) को ९५.६० प्रतिशत अंक लाने पर प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया।
कार्यक्रम में ‘स्टार्स ऑफ गोवंडी’ के तहत उन छात्रों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने शिक्षा पूरी कर अपने-अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है, जैसे यूपीएससी, पुलिस सेवा और मेडिकल आदि। इस अवसर पर मुख्य अतिथियों में मोटिवेशनल स्पीकर अहसान सय्यद, यूपीएससी प्रतियोगी सृष्टि कुलवे और पुलिस इंस्पेक्टर मुनव्वर सुल्ताना जैसे प्रेरणादायक व्यक्तित्वों की उपस्थिति रही।
इस कार्यक्रम में १० जरूरतमंद और होनहार विद्यार्थियों को ५-५ हजार रुपए की स्कॉलरशिप दी गई, ताकि वे अपनी शिक्षा बिना किसी रुकावट के पूरी कर सकें। जे पावर ग्रुप का यह प्रयास गोवंडी जैसे क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और हर बच्चे को बराबरी का मौका देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
शिक्षित बच्चा बदल सकता है परिवार की तस्वीर
जमीर कुरैशी ने इस मौके पर कहा कि मैंने भी एक सामान्य परिवार से निकलकर संघर्ष किया है। मैंने देखा है कि वैâसे एक शिक्षित बच्चा पूरे घर की तस्वीर बदल सकता है। इसलिए आज जे पावर ग्रुप का हर सदस्य यह प्रण ले चुका है कि हम हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाएंगे-चाहे उसके पास किताब हो या नहीं। हम हर उस विद्यार्थी के साथ खड़े हैं, जो सपने देखता है और उन्हें पूरा करने का हौसला रखता है।

बच्चू कडू ने समाप्त किया अनशन… भाजपा-शिंदे गुट में श्रेय लेने की होड़!

सामना संवाददाता / मुंबई

किसानों, खेत मजदूरों और विकलांगों के मुद्दों पर पिछले सात दिनों से गुरुकुंज मोजारी में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष बच्चू कडू ने अनशन समाप्त कर दिया है, लेकिन अब महायुति में श्रेय लेने की तस्वीर उभरकर सामने आ रही है। राजस्व मंत्री और अमरावती जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कडू को अनशन समाप्त करने के लिए धन्यवाद देते हुए बच्चू कडू की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात कराने की व्यवस्था की थी।
उन्होंने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री ने स्वयं मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया है। इससे पहले बावनकुले ने शुक्रवार शाम को बच्चू कडू से मुलाकात की थी और उनसे अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया था, लेकिन कडू ने इसे अस्वीकार कर दिया था। कडू ने कहा था कि जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिलता, वे आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। इस बीच शनिवार को उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कडू से मुलाकात की। उन्होंने बावनकुले द्वारा दिए गए लिखित आश्वासन पत्र को पढ़ा, जिसके बाद कडू ने सामंत की उपस्थिति में आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की। अब महायुति में शिंदे गुट और भाजपा के बीच श्रेय लेने की होड़ शुरू होने की तस्वीर सामने आ रही है।
बावनकुले की बैठक से पहले जल संसाधन मंत्री संजय राठौड़ ने कडू से मुलाकात की थी, लेकिन उनकी मध्यस्थता भी सफल नहीं हुई। सामंत के दौरे की ‘टाइमिंग’ तय करके शिंदे गुट की ओर से श्रेय लेने की कोशिश की जा रही है। इस पृष्ठभूमि में बावनकुले ने कहा कि अमरावती जिले के पालक मंत्री के रूप में मैं इन सभी घटनाक्रमों पर नजर रख रहा था। कल बच्चू कडू के साथ मेरी बैठक के बाद हमारी सकारात्मक चर्चा हुई। मैंने उनसे बारिश के दिनों, बुवाई और कृषि कार्य के कारण सकारात्मक निर्णय लेने का अनुरोध किया था। उस समय उन्होंने कार्यकर्ताओं से बात की थी और कहा था कि वे आंदोलन वापस लेंगे। वैâबिनेट में उनके सहयोगी उदय सामंत ने आंदोलन स्थल पर उनके साथ चर्चा की।

लापरवाह डॉक्टर ने जिंदा आदमी को बताया मृत!..बिना जांच बनाया मृत्यु प्रमाणपत्र…प्रशासन की खामोशी पर उठे सवाल

सामना संवाददाता / उल्हासनगर

उल्हासनगर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति को डॉक्टर ने गलती से मृत घोषित कर दिया जबकि वे जिंदा थे। बाद में जब सच सामने आया तो डॉक्टर ने अपनी गलती मानी और माफी मांगी।
६४ साल के अभिमान तायडे नामक बुजुर्ग डायबिटीज, पीलिया और उदर जैसी कई बीमारियों से ग्रसित थे। १२ जून की शाम को उनकी तबीयत बहुत बिगड़ गई। परिजन उन्हें तुरंत शिवनेरी प्राइवेट अस्पताल, कैंप नंबर ४, उल्हासनगर ले गए। वे इतने कमजोर थे कि ऑटो रिक्शा से बाहर भी नहीं आ पाए इसलिए अस्पताल के डॉक्टर प्रभु आहुजा खुद बाहर आए और ऑटो में ही उनकी जांच की। डॉक्टर ने देखा कि तायडे सांस नहीं ले रहे हैं और मुंह से झाग निकल रहा है। उन्होंने उन्हें मृत घोषित कर दिया और मृत्यु प्रमाणपत्र भी दे दिया। परिवार गमगीन होकर तायडे को घर ले गया और रिश्तेदारों को उनकी मौत की खबर देने लगा।
शोरगुल का बनाया बहाना
जब ये बात डॉक्टर आहुजा को पता चली तो उन्होंने सफाई दी कि शोरगुल के चलते नाड़ी ठीक से नहीं पकड़ पाए और गलती से मृत्यु प्रमाणपत्र दे दिया। उन्होंने कहा कि परिवार ने बाद में आकर सर्टिफिकेट मांगा था इसलिए उन्होंने दे दिया। साथ ही उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी भी मांगी। ये घटना एक बड़ी लापरवाही को उजागर करती है।
मरीज की हालत स्थिर
कुछ समय बाद ऐसा हुआ, जो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था। परिवार ने तायडे के पेट में हरकत देखी, जल्द ही समझ आया कि वो जिंदा हैं। हड़बड़ी में उन्हें उल्हासनगर के ही क्रिटिकेयर अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत अब स्थिर है और पेट में ट्यूमर भी मिला है।

अनिल परब ने किया विद्यार्थियों का सम्मान

सामना संवाददाता / मुंबई

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता, युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे के जन्मदिन के उपलक्ष्य में विलेपार्ले पश्चिम में १०वीं तथा १२वीं की परीक्षा में उत्तम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शिवसेना नेता एड. अनिल परब के हाथों सम्मानित किया गया। अंधेरी-पश्चिम विधानसभा युवासेना सचिव हंसराज गुप्ता तथा शाखाप्रमुख संजय जाधव द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिवसेना शाखा क्रमांक ६९,७०, तथा ७१ में रहने वाले ऐस विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने ७० प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किए थे। इस अवसर पर शिवसेना अंधेरी-पश्चिम विधानसभा संगठक संदीप नाईक, संजय कदम, विधानसभा समन्वयक सुनील जैन खाबिया, नितिन डिचोलकर, उप विभागप्रमुख शरद जाधव, शाखाप्रमुख संजय जाधव, संजय साखले, सह सचिव योगेश गोरे, युवासेना विभाग अधिकारी ऋतिक मांजरेकर, महिला शाखा संगठक रेशमा राजन, छाया खानदेशी, रोहिणी मालकर, युवा सेना विधानसभा सचिव आनंद पाठक, उपशाखाप्रमुख प्रकाश पालकर, मांटी गुरव, मनोज मांजरेकर, संकेत कंक, गणेश महाडिक, राजेश सावंत, महिला उपशाखा संगठक शीतल मनवे, गीता वर्मा, शाखाधिकारी सिद्धेश सुर्वे, शिवसैनिक तधा अभिभावक उपस्थित थे।