मुख्यपृष्ठनए समाचारअब नहीं मिलेगा पिटबुल का हूल! ...कुत्तों के शौकीनों को सरकार का शॉक

अब नहीं मिलेगा पिटबुल का हूल! …कुत्तों के शौकीनों को सरकार का शॉक

२३ खूंखार नस्ल के कुत्तों पर लगा बैन
कई मौतों के बाद नींद से जागी सरकार

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
पालतू कुत्तों के हमले में कई मौतों की घटनाओं के बाद अब जाकर केंद्र की मोदी सरकार की नींद टूटी है। ‘मानव जीवन के लिए खतरा’ मानते हुए केंद्र सरकार ने अब २३ खूंखार नस्ल के कुत्तों पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही सरकार ने इनके आयात, प्रजनन और बिक्री पर भी बैन लगा दिया है। सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखकर इस बाबत निर्देश दिए हैं। सरकार के इस कदम से स्पष्ट हो गया है कि अब कुत्ते पालने के शौकीन इन प्रतिबंधित नस्ल के कुत्तों को अपने साथ नहीं रख पाएंगे।
कई दिनों से हो रही थी मांग 
पशुपालन और डेयरी विभाग ने बताया कि बीते दिनों कई लोगों और पशु कल्याण संगठनों ने खूंखार नस्ल के कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने के लिए मांग की थी। कहा था कि खूंखार नस्ल के कुत्तों को पालतू जानवर के रूप में रखने पर प्रतिबंध लगाया जाए। पैनल ने मिश्रित और क्रॉस नस्लों सहित कुत्तों की २३ नस्लों को क्रूर और मानव जीवन के लिए खतरनाक माना है।
न हो नसबंदी और प्रजनन 
केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय द्वारा राज्यों के मुख्य सचिवों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि इन नस्लों के कुत्तों को बेचा या प्रजनन न कराया जाए। पत्र में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से कहा गया है कि पिटबुल समेत विदेशी कुत्तों की खतरनाक नस्लों की बिक्री, प्रजनन और पालने के लिए कोई लाइसेंस न दिया जाए। भारत सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि यहां पहले से ही पालतू जानवर के रूप में रखे गए कुत्तों की नसबंदी की जाएगी, ताकि आगे प्रजनन न हो सके।

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