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श्री-वास्तव उ-वाच : यहां होता है अपहरण

यह वैश्विक चिंता का कारण है क्योंकि यहां अपहरण ही पेशा है। बड़ा खतरनाक मामला है। जी हां, अफ्रीका महाद्वीप के नाइजीरिया में स्कूलों को निशाना बनाना और बच्चों को अगवा करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। स्कूली बच्चों की किडनैपिंग के आंकड़ों ने संयुक्त राष्ट्र की चिंता बढ़ा दी है। अफ्रीकी एक्सपर्ट्स का मानना है कि यहां एक संगठित गिरोह बनाकर बच्चों को अगवा किया जा रहा है। जिसे रोकने में देश की सरकार फेल और प्रशासन नाकाम रहा है। इस बार तो बच्चों के कथित सौदागरों ने सारी हदें पार करते हुए एक साथ २८७ स्कूली छात्रों को अगवा कर लिया। नाइजीरिया में बंदूकधारियों ने कुछ देर पहले कुरिगा सिटी में २८७ स्कूली बच्चों को किडनैप कर लिया। नाइजीरिया में २०२१ के बाद से किसी स्कूल पर हुआ यह सबसे बड़ा हमला है, जब इतनी बड़ी तादाद में छात्रों का अपहरण किया गया। बहुत से पेरेंट्स ने अपने बच्चों की डिटेल साझा की है, उनके आधार पर इंटरमीडियट ब्लॉक से किडनैप किए गए बच्चों का आंकड़ा १८७ है।

मरने के बाद ठेंगा
रोचक है यह मामला भी कि एक करोड़पति ने मरने के बाद अपने पोतों को ठेंगा दिखा दिया। दरअसल, पारिवारिक संपत्ति आमतौर पर बच्‍चों को मिलती है। पूरी दुनिया में यही रिवाज है। लेकिन ब्रिटेन में एक शख्‍स करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद अपनी पोती के लिए सिर्फ ५० पाउंड यानी ५००० रुपए का लिफाफा छोड़ गया। अब उसकी मौत के बाद इसे लेकर काफी विवाद हो रहा है। वजह सबको सीख देने वाली है कि हमें अपने पेरेंट्स के साथ किस तरह का व्‍यवहार करना चा‍हिए। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन के रहने वाले प्रâेडरिक वार्ड सीनियर का २०२० में निधन हो गया। तब वे ९१ साल के थे। अपनी मेहनत की बदौलत उन्‍होंने खूब पैसा कमाया और जब उनका निधन हुआ तो उनके बैंक खाते में ५००,००० लाख पाउंड यानी तकरीबन ५.२७ करोड़ रुपए थे। उनके तीन बच्‍चे थे प्रâेड जूनियर, टेरी और सुसान। पहले उन्‍होंने एक वसीयत बनाई, जिसमें पूरी संपत्ति को तीनों में बराबर बांटने की बात कही गई। लेकिन इसी बीच २०१५ में प्रâेड जूनियर की मौत हो गई। उनकी पांच बेटियां थीं। प्रâेडरिक वार्ड सीनियर की मौत के बाद टेरी ने वसीयत पढ़ी तो बवाल हो गया। अब पांचों पोतियों ने कोर्ट में गुहार लगाई और कहा कि जब ये वसीयत उन्‍होंने लिखी उस वक्‍त वे काफी बीमार थे। टेरी ने जबरदस्‍ती उनसे ऐसा करने को कहा होगा। फिलहाल ये मामला कोर्ट में है और पोतियों का दावा है कि उन्‍हें अपने दादाजी की संपत्ति में एक तिहाई हिस्सा चाहिए।

आंसुओं की बूंद का पहाड़
क्या आप जानते हैं इस धरती पर आंसुओं की बूंद का पहाड़ है और यहां की मिट्टी लोग भोजन की तरह खाते भी हैं? नहीं न। तो उवाच आपके लिए ऐसी ही सामग्री लाता है, जो न केवल रोचक हो बल्कि सामान्य ज्ञान को भी बढ़ाए। दक्षिणी ईरान में बसे होर्मुज द्वीप की बात है जिसे रैनबो आइलैंड के नाम से भी जाना जाता है। गेरू के रंग की जलधाराओं, लाल रंग के समुद्र तटों और मनमोहक नमक की गुफाओं वाला यह द्वीप आपको एक डिज्‍नीलैंड की तरह दिखेगा। रूबी-लाल पहाड़ वाला यह आइलैंड वर्षों से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। आंसुओं की बूंंद के आकार का यह आइलैंड नमक का गुंबद है। दूर से यह लाल, पीले और नारंगी रंग में चमकता नजर आता है। भू-वैज्ञान‍िकों के मुताबिक, सैकड़ों लाखों साल पहले, उथले समुद्रों ने फारस की खाड़ी के किनारों के आसपास नमक की मोटी परतें बनाई थीं। जमीन के कई किलोमीटर नीचे नमक की ये मोटी परतें आज भी मौजूद हैं। आप जानकर हैरान होंगे कि इस मिट्टी का इस्‍तेमाल लोग खाने में मसालों की तरह भी करते हैं।

पुरुषों को भी मेंस्ट्रुअल पेन
अजीब लगेगा यह सुनना किंतु सत्य है। भले पीरियड पेन महिलाओं से जुड़ा हुआ मेडिकल कंडीशन है, लेकिन क्या आपने कभी कल्पना की है कि पुरुषों को भी मेंस्ट्रुअल पेन हो सकता है? जापान में एक टेलीकम्युनिकेशन कंपनी के कर्मचारियों को एक यूनिक अपॉर्चुनिटी मिली जब उन्हें एक डिवाइस के जरिए मासिक धर्म का दर्द महसूस करने का मौका मिला। जब ईएक्सईओ ग्रुप के वर्कर्स पर इस डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था तो पिरियोनॉइड का अहसास हुआ। ये एक कॉम्पैक्ट डिवाइस है, जिसमें एक एडहेसिव पैड होता है, जिसे लोअर एब्डोमेन पर लगाया जाता है। इसमें एक पुश बटन होता है, जिसे ऑन करने पर इलेक्ट्रिक सिग्नल मिलता है जो लोअर स्टोमेक मसल में दर्द का सेंसेशन जगाता है। ये इवेंट ७ मार्च को आयोजित किया गया था। ईएक्सईओ ग्रुप के एक कर्मचारी ने कहा, `हमें उम्मीद है कि जिन लोगों ने आज पीरियड पेन को एक्सपीरिएंस किया है, वो अपने वर्कप्लेस में वापस जाएंगे और इस बारे में बात करेंगे कि वो वैâसा महसूस करते हैं और महिलाओं के लिए अपनी समझ को बताएंगे।

लेखक ३ दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं व सम सामयिक विषयों के टिप्पणीकर्ता हैं। धारावाहिक तथा डॉक्यूमेंट्री लेखन के साथ इनकी तमाम ऑडियो बुक्स भी रिलीज हो चुकी हैं।

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