मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाये शर्त मंजूर नहीं...

ये शर्त मंजूर नहीं…

हाथ आए ख़्वाब छूट जाए
और तू कभी याद न आए
ये शर्त मंजूर नहीं…
इश्क की जुबानी उतरे
पल दो पल सुहानी उतरे
बुलाऊँ गर तो रूठे से रहे
कभी आए ना खबर तेरी
ये शर्त मंजूर नहीं…

रास्ते देखते-देखते सबेरा हो जाए
अंधे साये के कभी घेरा हो जाए
कहे यही दिल से दूर नहीं
साथ हूं हर कदम हर पल
और ये कहके कभी आए ना
ये शर्त मंजूर नहीं…

टकराए सर्द हवाएँ जब याद आए
सताए निंदिया जब रात छाए
मन में लिपटी रहे सारी आशाएँ
जैसे लगे कोई बुलाये
मगर ये संदेशा देकर क्यूँ जाए
कि मेरे है…
ये शर्त मंजूर नहीं…

 मनोज कुमार गोण्डा उत्तर प्रदेश

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