मुख्यपृष्ठस्तंभबाकी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का क्या?

बाकी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का क्या?

दिल्ली से योगेश कुमार सोनी 

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डेढ़ दर्जन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को बंद कर दिया है। ये प्लेटफॉर्म्स वीडियो माध्यम से लोगों को अश्लील सामग्री परोस रहे थे। इनमें से कुछ पोर्न तक परोस रहे थे। मंत्रालय ने इन्हें बंद करते हुए इनके सोशल मीडिया पेज भी बंद कर दिए हैं। प्रेस रिलीज में दी गई जानकारी के अनुसार, ‘सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अश्लील, फूहड़ और पोर्न सामग्री प्रकाशित करने वाले १८ ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने की कार्रवाई की है। १९ वेबसाइट, १० एप (गूगल प्ले स्टोर पर ७, एप्पल एप स्टोर पर ३) और इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े ५७ सोशल मीडिया अकाउंट भारत में ब्लॉक कर दिया गया है।’ जिन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को यह अश्लील सामग्री परोसने के लिए बंद किया गया है, उनके नाम ड्रीम्स फिल्म्स, वूवी, येस्मा, अनकट अड्डा, ट्राई फ्लिक्स, एक्स प्राइम, नियॉन एक्स वीआईपी, बेशरम, शिकारी, खरगोश, एक्स्ट्रामूड, न्यूफ्लिक्स, मूडएक्स, मोजफ्लिक्स, हॉट शॉट्स वीआईपी, फुगी, चिकूफ्लिक्स और प्राइम प्ले हैं। मंत्रालय ने बताया है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर परोसे जा रहे वीडियो काफी फूहड़ थे। इनमें महिलाओं को काफी अपमानजनक तरीके से दिखाया जाता था। साथ ही इन प्लेटफॉर्म्स पर शिक्षक-छात्र और एक ही परिवार के महिला-पुरुषों के बीच यौन संबंध को दिखाया जाता था। इनमें बड़े स्तर पर यौन संबंधों को दिखाया जाता था, जिससे सिनेमा आदि का कोई संबंध नहीं है। मंत्रालय ने बताया है कि इनमें से एक प्लेटफॉर्म्स को १ करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया था। दो अन्य प्लेटफॉर्म्स को ५० लाख बार डाउनलोड किया गया था। यह सभी प्लेटफॉर्म्स सोशल मीडिया से अपनी अश्लील सामग्री का प्रचार करते थे। इन्हें सोशल मीडिया पर ३२ लाख लोगों ने फॉलो कर रखा था, लेकिन सच्चाई यह है कि अभी भी सैकड़ों ऐसे प्लेटफॉर्म्स हैं, जिसमें अश्लील सामग्री को परोसा जा रहा है। हमारे देश में कुछ लोग पैसा कमाने के लिए किसी भी हद तक जा रहे हैं और सरकार अभी भी गहरी नींद में सोई हुई है। इसका कूप्रभाव हमें स्पष्ट दिखने भी लगा है। आज स्कूल में तक पढ़ने वाले बच्चे भी इससे नहीं बच पा रहे हैं। सरकार कुछ ओटीटी को बैन करके अच्छा संदेश देने का प्रयास तो कर रही है, लेकिन बड़े-बड़े प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेजन, नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो आदि पर भी बहुत गंद दिखाया जाता है। स्थिति यह है कि आप इन पर कोई कार्यक्रम परिवार के साथ बैठकर नहीं देख सकते। इन प्लेटफॉर्म्स द्वारा बनाई गई वेब सीरीज में गाली-गलौज के अलावा आपत्तिजनक दृश्य भी होते हैं, जो आप किसी भी उम्र के बच्चे के साथ नहीं देख सकते। बीते कुछ वर्षों में तो लगातार सोशल मीडिया जिस स्तर अश्लीलता परोसी जा रही है, उससे युवा पीढ़ी बर्बादी की ओर चल पड़ी। माता-पिता बच्चों का बहुत कम आयु में मोबाइल दे देते हैं, जिससे बच्चे शिक्षा के लिए कम अपने मनोरंजन के लिए ज्यादा प्रयोग करते हैं और उस ही दौरान वह न देखने वाली चीजें भी देख लेते हैं और फिर वह बिगड़ जाते हैं। यदि सरकार ने अब कोई निर्णय इच्छाशक्ति के साथ लेने का प्रण किया है तो वह काम पूरी तरह से करे।

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