मुख्यपृष्ठसमाचारकब सुधरेगी मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों की स्थिति?

कब सुधरेगी मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों की स्थिति?

-यात्रियों को करना पड़ता है परेशानियों का सामना

सामना संवाददाता / मुंबई

रेलवे द्वारा लंबी दूरी की जो मेल या एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाती हैं, उनकी दशा काफी दयनीय होती है। रेलवे सुविधा के नाम पर बड़े-बड़े दावे तो करती है, लेकिन उन सुविधाओं का लाभ यात्रियों को नहीं मिल पाता है। मुंबई से निकलने वाली मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा के दौरान यात्रियों को सफाई से लेकर पानी तक के लिए जूझना पड़ता है। एक्सप्रेस ट्रेनों में दो से तीन बार सफाई के नियम बनाए गए हैं, लेकिन सफाई के नाम पर कॉन्ट्रैक्टर के सफाई कर्मचारी मनमाना काम करते हैं। जब ट्रेनें छूटती हैं तो बेसिन और टॉयलेट साफ रहते हैं, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है यात्रियों की पीक से टॉयलेट और बेसिन गंदे होने लगते हैं, साथ ही पानी भी समाप्त होने लगता है। सफाई कर्मचारी एक बार भी चेक करने की जहमत नहीं उठाते हैं। ट्रेनों में पानी खत्म हो जाने के बाद यात्रियों को टॉयलेट जाने और बेसिन का इस्तेमाल करने के लिए अगले वॉटरिंग प्वाइंट का इंतजार करना पड़ता है। मुंबई से निकलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए २४ से २७ घंटे का सफर तय करती हैं। इस दौरान रेलवे को यात्रियों की जरूरत की सभी चीजों का पूरा बंदोबस्त करना चाहिए, लेकिन कई एक्सप्रेस ट्रेनों में पैंट्री कार नहीं है तो वहीं कई में साइड पैंट्री हैं, जिसके चलते बाहरी लोग ट्रेनों में खाने-पीने की चीजों को मनमाने दाम पर बेचते हैं। ट्रेनों में यात्रियों को पीने के पानी के लिए भी लूटा जाता है। ट्रेनों में पानी की बंद बोतलों को १५ रुपए की जगह २० रुपए में बेचा जाता है। यात्रियों को भी मजबूरन अधिक दामों पर खाने-पीने की सामानों को खरीदना पड़ता है।

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