मुख्यपृष्ठनए समाचारशिवसेना किसकी?..सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई... डेढ़ साल बाद मिला मौका

शिवसेना किसकी?..सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई… डेढ़ साल बाद मिला मौका

एजेंसी / नई दिल्ली

शिवसेना के नाम और धनुष-बाण चुनाव चिह्न को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार, ७ मई को सुनवाई होनी है। इस मामले को लेकर डेढ़ साल बाद सुनवाई का मुहूर्त निकला है। पूरे महाराष्ट्र का ध्यान इस सुनवाई की ओर लगा हुआ है।
चुनाव आयोग ने फरवरी २०२३ में शिवसेना का नाम और धनुष-बाण चिह्न एकनाथ शिंदे गुट को सौंप दिया था। इसके खिलाफ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका की प्रारंभिक सुनवाई तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष हुई थी। इसके बाद सितंबर २०२३ में अंतिम सुनवाई हुई थी। अब यह मामला न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. के. सिंह की खंडपीठ के सामने पेश होगा। एकनाथ शिंदे और उनके साथ ४० विधायकों की गद्दारी के बाद चुनाव आयोग के सामने शिवसेना के नाम और चिह्न पर विस्तार से सुनवाई हुई थी। संसद और विधानसभा में संख्याबल के आधार पर आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना का अधिकार सौंपा था। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष ने इस निर्णय को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन पिछले दो वर्षों से केवल ‘तारीख पर तारीख’ मिलती रही।
राष्ट्रवादी कांग्रेस की सुनवाई १४ मई को
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम और घड़ी चुनाव चिह्न को लेकर भी विवाद है। चुनाव आयोग ने ये अधिकार अजीत पवार गुट को सौंप दिया था। इसके खिलाफ शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले की सुनवाई १४ मई को होगी।

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