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खिलने नहीं देंगे कमल…आदित्य ठाकरे ने भरी हुंकार

सामना संवाददाता / मुंबई

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे के जन्मदिन पर जांबोरी मैदान में फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस दौरान बारिश के चलते जांबोरी मैदान में चारों तरफ कीचड़ हो गया था। इस पर आदित्य ठाकरे ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भले ही कीचड़ की बाढ़ आ जाए, लेकिन हम कमल को नहीं खिलने देंगे।
वरली विधानसभा क्षेत्र की मौजूदा राजनीति पर मीडिया से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि पिछली बार जब मैं चुनाव लड़ रहा था तो मैंने कई लोगों से कहा था कि कुछ साल बाद वरली आकर देखें। अब मैं उनके कुछ बड़े लोगों को चुनौती देता हूं कि वे आएं और वरली में एक रोड शो करें। वरली में उनका रोड शो हमारे लिए फलित होता है। इस दौरान जब पत्रकारों ने अटल सेतु में दरार पड़ने के बारे में पूछा तो आदित्य ठाकरे ने सवाल पूछा कि इस पुल पर वीडियो शूट करनेवाले कलाकार कहां गए? अटल सेतु धंस गई है। एमएमआरडीए अधिकारी ने जिस तरह जवाब दिया वो बेहद बेशर्मी भरा था। उस प्रोजेक्ट हेड को तत्काल निलंबित कर दिया जाना चाहिए। किसी अन्य देश में अगर उन्होंने ऐसा जवाब दिया होता तो अब तक उन्हें निलंबित कर दिया गया होता। बारिश में धंस गया, यह क्या कोई जवाब है।
वन नेशन वन इलेक्शन का नारा देने वाले एक परीक्षा नहीं ले सकते
आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में इस समय नीट, नेट और सीईटी परीक्षा पर हंगामा मचा हुआ है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। भाजपा केवल धर्म और जाति पर बातें करती है, लेकिन परीक्षा के साथ ही बेरोजगारी व युवाओं पर चर्चा नहीं होती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का नारा देती है, लेकिन वे एक आम परीक्षा तक नहीं ले सकते हैं। आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह देश के भविष्य का मुद्दा है इसलिए हम इसे संसद के सदन में कार्यवाही के दौरान उठाएंगे।
छात्रों को क्यों नहीं देते उत्तर पुस्तिकाएं?
आदित्य ठाकरे ने कहा कि कल की पत्रकार परिषद में सीईटी के अधिकारियों ने बहुत ही निर्लज्जता के साथ कहा कि पिछले साल ४० गलतियां और इस साल ५४ हुई हैं। इस तरह की गलतियां होती रहती हैं। इन गलतियों को करनेवालों को निलंबित कर देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि छात्रों की आखिरकार उत्तर पुस्तिकाएं उनके हाथों में क्यों नहीं दे रहे हैं? उन्हें उत्तर पुस्तिका देने से क्या देश के लिए कोई खतरा पैदा होगा?
कौन करेगा नुकसान की भरपाई
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह की केंद्र सरकार ने हकालपट्टी कर दी है। महानिदेशक के बदलने से कुछ नहीं होगा। मंत्री बदला जाना चाहिए। मंत्री ने पहले कहा कि कुछ भी गलत नहीं है और अब परीक्षा से एक दिन पहले परीक्षा रद्द कर दी। इस परीक्षा के लिए छात्र देशभर में अलग-अलग जगहों पर जाते हैं। इसके खामियाजे का भुगतान कौन करेगा? नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
-आदित्य ठाकरे, शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख

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