मुख्यपृष्ठनए समाचारचुनावी ड्यूटी पर ३०फीसदी अस्पतालकर्मी ...स्वास्थ्य सेवाएं चरमराईं  ...मरीजों का हाल बेहाल

चुनावी ड्यूटी पर ३०फीसदी अस्पतालकर्मी …स्वास्थ्य सेवाएं चरमराईं  …मरीजों का हाल बेहाल

प्रशासन कर रहा अनदेखी
सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव कार्य के लिए मुंबई मनपा के पांच मेडिकल कॉलेजों और अन्य उपनगरीय अस्पतालों के लगभग ३० प्रतिशत कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। ऐसे में मुंबई मनपा अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं पर अभी से असर दिखाई देने लगा है और अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने से मरीज बेहाल हैं, जबकि प्रशासन इसे लेकर अनदेखी कर रहा है।
मराठा आरक्षण के लिए किए गए सर्वेक्षण के बाद सायन, नायर, कूपर, केईएम और उपनरीय अस्पतालों समेत स्वास्थ्य विभाग के लगभग ८०० कर्मचारियों को चुनाव कार्य के लिए नियुक्त किया गया है। इसमें प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ-साथ निचले चिकित्सा कर्मचारी और तकनीशियन भी शामिल हैं। मनपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केईएम अस्पताल के १३० कर्मचारी, सायन अस्पताल के ११० कर्मचारी, नायर अस्पताल के १०० कर्मचारी, कूपर अस्पताल के ३० कर्मचारी, नायर डेंटल कॉलेज के १०० कर्मचारी और स्वास्थ्य विभाग के २०० कर्मचारियों को चुनाव कार्य के लिए नियुक्त किया गया है। ऐसे में अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने का अनुमान है। अस्पताल के प्रयोगशाला तकनीशियनों को चुनाव कार्य में तैनात करने से मरीजों को रक्त, सीटी स्वैâन, एमआरआई रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है। इसके अलावा ऐसे संकेत भी हैं कि नर्सों की नियुक्तियों का सीधा असर मरीजों की देखभाल पर पड़ेगा। साथ ही अस्पताल के प्रशासनिक कर्मचारियों की नियुक्ति के कारण प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित होने की आशंका है।
मनपा का दावा, इन बातों का रखा जाता है ख्याल
चुनाव आयोग के आदेशानुसार कर्मचारियों को चुनाव कार्य में भेजना अनिवार्य है। मुंबई मनपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को चुनाव कार्य के लिए भेजते समय हम इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों और मरीजों को परेशानी न उठानी पड़े।

अस्पतालवार चुनाव कार्य में नियुक्त कर्मचारी
केईएम               १३०
सायन                ११०
नायर                 १००
कूपर                 ३०
नायर डेंटल कॉलेज १००
अन्य                 २००

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