मराठा और ओबीसी समुदाय को बीजेपी ने दिया धोखा
फडणवीस और बावनकुले की अलग-अलग भूमिकाएं
सामना संवाददाता / मुंबई
नाशिक में दलित समुदाय के खिलाफ पर्चे बांटे गए हैं। शिवाजी महाराज, शाहू, फुले और आंबेडकर के प्रगतिशील महाराष्ट्र में सामाजिक द्वेष और जातिवादी टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुछ विकृत प्रवृत्ति के लोग महाराष्ट्र में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा। यह बात महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि कुछ असामाजिक लोग फिर से राज्य में पेशवाई को लाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नाना पटोले ने कल पुणे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आगे कहा कि नाशिक में दलित समुदाय के खिलाफ बांटे गए पर्चे समुदाय का अपमान है। अगर ऐसी घटनाएं सरकार के आशीर्वाद से हो रही हैं तो उन्हें तुरंत रोका जाना चाहिए और जिन्होंने ये पाप किया है, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। बांटे गए पर्चे पर उस व्यक्ति का नाम भी है जिसने इसे प्रकाशित करवाया है। राज्य सरकार को इस मामले पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और ऐसी प्रवृत्तियों पर नकेल कसनी चाहिए। पटोले ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस तरह सामाजिक सदभाव को बिगाड़ने की प्रवृत्ति से जुड़े लोगों की कड़ी निंदा करती है।
आरक्षण मामले में फडणवीस और बावनकुले की अलग-अलग भूमिका है। नाना पटोले ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आरक्षण के मुद्दे पर मराठा और ओबीसी समुदाय को धोखा दे रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले कह रहे हैं कि ५० प्रतिशत से अधिक आरक्षण कोर्ट में नहीं टिकेगा, जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कह रहे हैं कि ५० प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा सकता है। आरक्षण मुद्दे पर बीजेपी के दो नेताओं की दो राय अलग-अलग है। इन बीजेपी नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए कि आरक्षण के सवाल पर उनकी वास्तविक भूमिका क्या है। पटना हाई कोर्ट के पैâसले से साफ हो गया है कि ५० फीसदी से ज्यादा आरक्षण कोर्ट में टिक नहीं पाएगा, इसलिए बावनकुले और फड़णवीस की अलग-अलग भूमिकाओं से आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा का असली चेहरा उजागर हो गया है।
आरक्षण का एकमात्र विकल्प देश में सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण कराने के अलावा ५० प्रतिशत आरक्षण की सीमा को हटाना है। इस बारे में हमारे नेता राहुल गांधी ने पहले ही अपनी भूमिका साफ की है। केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार को बिना किसी देरी के देश में जाति के आधार पर जनगणना शुरू करनी चाहिए ताकि देश में मराठा, ओबीसी, धनगर, आदिवासी, हलबा और अन्य जातियों के लोगों को आरक्षण के मुद्दे पर न्याय मिल सके।
-नाना पटोले, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष