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महायुति में महाघोटाला! … प्रतिपक्ष के नेता ने खोली सदन में सरकार की पोल

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की महायुति सरकार में किसी न किसी प्रकार के घोटाले चल रहे हैं। इन घोटालों की एक-एक करके विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने पोल खोलकर रख दी। कल विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता वडेट्टीवार ने सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरा। मुंबई मनपा में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नाला सफाई में हुए घोटाले के कारण मुंबई का तुंबई हो गया। इसी प्रकार एंबुलेंस घोटाला, गुजरात के जीएसटी कमिश्नर को छह सौ एकड़ जमीन देने में घोटाला, विरार-अलीबाग कॉरिडोर भूमि अधिग्रहण घोटाला, मांडवी वन क्षेत्र की जमीन पर सरकार के संरक्षण से अतिक्रमण, बेस्ट को सुधारने के लिए सरकार की ओर से किसी भी प्रकार का कदम नहीं उठाए जाने आदि मुद्दों को लेकर सरकार की जमकर खिंचाई की।

मुंबई नाला सफाई में हुआ है भारी भ्रष्टाचार
रविवार रात से सोमवार सुबह तक करीब सात घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश ने मुंबई को तुंबई कर दिया। नालों की सफाई सही तरीके से न होने से बारिश का पानी रेलवे स्टेशन और सड़कों पर जमा हो गया था। इससे नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दो सालों से मनपा का चुनाव नहीं हुआ है, जिस कारण जनप्रतिनिधि के न होने से इसका नुकसान मुंबईकरों को हो रहा है। इसका सीधा-सा मतलब है कि नालों की सफाई पर खर्च किए गए सैकड़ों करोड़ रुपए पानी में बह गए हैं। सरकार को इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करनी चाहिए। इस तरह की मांग विधानसभा में विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार ने स्थगन के माध्यम से सदन में की।

विरार-अलीबाग कॉरिडोर
भूमि अधिग्रहण में बड़ा घोटाला
विरार-अलीबाग कॉरिडोर के भूमि अधिग्रहण में घोटाला होने का मामला भी सदन में उपस्थित किया गया। प्रतिपक्ष के नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त कॉरिडोर के भूमि अधिग्रहण में बड़ा घोटाला हुआ है।
उन्होंने कहा कि पनवेल जिले के अधिकारियों द्वारा भूमि अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है, जिसमें सैकड़ों करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई है। इस कॉरिडोर के लिए ३५ गांवों की भूमि अधिग्रहित हुई है। असली सवाल यह है कि इस भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता नहीं बरती गई है। यही कारण है कि कई मामले प्रलंबित हैं। महाराष्ट्र राजमार्ग भूमि अधिग्रहण अधिनियम, १९५५ की धारा १९ सी (४) के अनुसार, मुआवजे के वितरण के संबंध में किसी भी आपत्ति को संबंधित सिविल न्यायालय में भेजा जाना चाहिए। लेकिन अधिकारियों ने इस नियम का उल्लंघन कर सैकड़ों करोड़ रुपए खुद ही बांट दिए। यह स्थिति दर्शाती है कि अधिकारियों द्वारा निजी लाभ के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, उक्त मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग वडेट्टीवार ने की।
वन जमीन पर अतिक्रमण
महाराष्ट्र के तुंगारेश्वर अभयारण्य के इको सेंसिटिव जोन में स्थित आरक्षित और संरक्षित वन भूमि पर भारी अतिक्रमण हो रहा है। विपक्षी नेता विजय वडेट्टीवार ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए वन विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वडेट्टीवार ने कहा कि मांडवी वन क्षेत्र के अधिकारी वनभूमि माफियाओं के साथ मिलकर हर महीने लाखों रुपए की रिश्वत लेकर उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने इस मामले की सख्त जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
बेस्ट के सुधार की मांग
बेस्ट में पचास प्रतिशत पद रिक्त होने के कारण बसों की कमी और सेवा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है। वडेट्टीवार ने सरकार से बेस्ट के सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार की इन घटनाओं ने महाराष्ट्र की जनता को निराश कर दिया है।

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