मुख्यपृष्ठनए समाचारबोरीवली-ठाणे डबल टनल प्रोजेक्ट, भाजपा का चुनावी भ्रष्टाचार ... ९४० करोड़ रुपए...

बोरीवली-ठाणे डबल टनल प्रोजेक्ट, भाजपा का चुनावी भ्रष्टाचार … ९४० करोड़ रुपए के कंपनी ने लिए थे ‘चुनावी बांड’ … आव्हाड का सरकार व एमएमआरडीए पर घपले का आरोप

सामना संवाददाता / ठाणे
राकांपा नेता जीतेंद्र आव्हाड ने राज्य सरकार और एमएमआरडीए पर हमला बोलते हुए बोरीवली-ठाणे डबल टनल प्रोजेक्ट को चुनावी भ्रष्टाचार का एक बड़ा अड्डा कहा है। आव्हाड ने कहा कि हाल ही में मेघा इंजीनियरिंग को १४,४०० करोड़ रुपए का ठेका देने का पैâसला किया गया है। इससे साफ है कि एक ही कंपनी ने ९४० करोड़ रुपए के चुनावी बांड खरीदे हैं यानी १४ हजार ४०० करोड़ रुपए का ठेका लेना और ९४० करोड़ रुपए के चुनावी बांड खरीदना जैसा काम इस प्रोजेक्ट के माध्यम से सरकार में बैठे सत्ताधारियों ने किया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर चुनावी बांड का ब्योरा जारी किया। इसमें चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को हजारों करोड़ रुपए का चंदा देनेवाली ‘दानशूर’ कंपनियों के नाम सामने आए हैं। इससे साफ है कि कंपनी मेघा इंजीनियरिंग ने ९४० करोड़ रुपए के चुनावी बांड खरीदे हैं। विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया है कि एमएमआरडीए ने हाल ही में बोरीवली से ठाणे तक डबल टनल प्रोजेक्ट के लिए १४,४०० करोड़ रुपए का ठेका उसी कंपनी को दिया है। इस प्रोजेक्ट को किसी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बताए जाने पर सवाल उठाते हुए आव्हाड ने आरोप लगाया है कि इस मामले में काफी भ्रष्टाचार हुआ है।
क्या सड़क पर चढ़ाई जा रही है सोने की परत?
आव्हाड ने कहा कि यदि हम बोरीवली से ठाणे रोड की जांच करें तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि प्रति किलोमीटर लागत और वास्तविक लागत में बहुत बड़ा अंतर है। ये सब करने के लिए मेघा इंजीनियरिंग नाम की कंपनी ने ९४० करोड़ रुपए के चुनावी बांड खरीदे। यदि हम उस पार्टी का अध्ययन करें, जिसके लिए यह खरीदारी की गई थी तो यह ध्यान में आएगा कि यह बांड के बदले में एक प्रकार का अनुबंध है। कंपनी ने प्रोजेक्ट की कुल लागत का दस फीसदी यानी ९४० करोड़ रुपए के बांड खरीदे। इस सड़क के कार्य की जांच होनी चाहिए। आव्हाड ने आरोप लगाया कि अगर आप बड़े कॉन्ट्रैक्ट पाना चाहते हैं तो ये इलेक्शन बांड खरीदना एक आसान तरीका है। इससे साफ पता चलता है कि यह सरल गणित का केंद्र है और राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित किया गया है। इस सड़क पर एक किलोमीटर के काम की लागत अधिक है। सरकार द्वारा किए जा रहे खर्च से ऐसा लग रहा है कि सरकार इस सड़क पर सोने की परत चढ़ा रही है। साथ ही उन्होंने इसे एक बड़ा भ्रष्टाचार का अड्डा करार दिया।

अन्य समाचार