मुख्यपृष्ठसमाचारचंदा दो-धंधा लो से भी आगे निकला "गद्दारी करो सुरक्षा लो"

चंदा दो-धंधा लो से भी आगे निकला “गद्दारी करो सुरक्षा लो”

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

लोकसभा चुनाव 2024 में इलेक्टोरल बॉण्ड को लेकर विपक्ष के आरोप “चंदा दो-धंधा लो” से अभी उबर भी नहीं पाया था कि हाल में संपन्न हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले सपा विधायकों को सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट की आड़ में केंद्र सरकार द्वारा वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने से विपक्ष नया आरोप लगा रहा है कि “तुम अपने दल से गद्दारी करो-हम तुम्हें सुरक्षा देंगे”। चंद ही दिनों में लगातार ऐसे दो सपा विधायकों को यह सुरक्षा दी गई है, जिन्होंने अपनी पार्टी की पीठ में खंजर भोंक कर राज्यसभा के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशियों की मदत किया था। बता दें कि आज ही शनिवार को राज्‍यसभा चुनावों के दौरान सपा से बगावत करने वाले ऊंचाहार (रायबरेली) से विधायक मनोज पांडेय को केंद्र सरकार ने वाई प्‍लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। चर्चा है कि वह जल्‍द बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले एक अन्‍य बागी सपा विधायक अभय सिंह को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। मनोज पांडेय और अयोध्‍या की गोसाईंगज सीट से विधायक अभय सिंह ने राज्‍यसभा चुनाव के समय क्रॉस वोटिंग की थी। इसकी वजह से आठवें बीजेपी उम्‍मीदवार संजय सेठ को जीत हासिल हुई थी।
गौरतलब है कि वाई प्‍लस श्रेणी के तहत विशेष हथियारों से लैस 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इनमें दो कमांडो और दो पीएसओ शामिल होता है। इसके साथ ही इस जत्‍थे में पुलिसकर्मी भी शामिल रहते हैं। इसी तरह वाई श्रेणी की सुरक्षा में 1 कमांडो सहित आठ पुलिसकर्मी वीआईपी की ड्यूटी में तैनात रहते हैं। इसमें दो पीएसओ भी शामिल होते हैं। मनोज पांडेय विधानसभा में सपा के मुख्‍य सचेतक थे। वह अपने पद से इस्‍तीफा दे चुके हैं।मनोज पांडेय ने समाजवादी पार्टी के पीठ में ऐसे समय पर खंजर भोंका था, जब पार्टी का मुख्य सचेतक होने के चलते दूसरे न क्रॉस वोटिंग कर दें वह इन्हें देखना था। लेकिन यह ऐन मौके पर पद से त्यागपत्र देकर तकनीकी रूप से पार्टी को मुसीबत में डाल दिया। जानकर बताते हैं कि क्रॉस वोटिंग को चेक करने की जिम्मेदारी मुख्य सचेतक की होती है।मुख्य सचेतक के रिपोर्ट पर ही गद्दारी करने वाले सदस्यों पर कार्रवाई होती है। इन लोगों ने जब समाजवादी पार्टी से गद्दारी किया, तब तकनीक रूप से पार्टी के पास कोई मुख्य सचेतक नहीं था। इसीलिए पार्टी से गद्दारी करने वाले विधायक निश्चिंत हैं।
चर्चा चल रही है कि औपचारिक रूप से बीजेपी ज्वाइन करने के बाद मनोज पांडेय को रायबरेली लोकसभा सीट से अपना उम्‍मीदवार घोषित कर सकती है। मनोज पांडेय का रायबरेली के इलाके में मजबूत पकड़ मानी जाती है। कांग्रेस के किले में सेंधमारी के लिए भाजपा इस मजबूत चेहरे को अपनी तरफ लाने की कोशिश कर सकती है। वे ऊंचाहार विधानसभा सीट से विधायक हैं। मोदी लहर में भी मनोज पांडेय लगातार जीत दर्ज करते रहे हैं। रायबरेली से सोनिया गांधी के हटने के बाद कांग्रेसी उम्मीदवार के सामने भाजपा एक ताकतवर कैंडिडेट को खड़ा करने की तैयारी में है। मनोज पांडेय लगातार भाजपा नेताओं के चक्कर काट रहे हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव में रायबरेली से वह भाजपा का चेहरा हो सकते हैं।
इसके पहले अयोध्या के गोंसाईगंज से विधायक व बाहुबली नेता अभय सिंह को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गयी थी। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद डॉन विधायक मुख्तार अंसारी का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें मुख्तार अंसारी ने कृष्णानंद राय की हत्या की खबर अभय सिंह को दे रहे हैं। `दोपहर का सामना’ वायरल हुए उस ऑडियो में किसी की आवाज की पुष्टि नहीं करता। लेकिन जरायम की दुनिया में उस ऑडियो की बहुत धमक थी। बीते राज्य सभा चुनाव में सपा विधानसभा अभय सिंह पर भी क्रॉस वोटिंग का आरोप है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में अभय सिंह को भी वाई श्रेणी की सुरक्षा की मेहरबानी हुई है।

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