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सिटीजन रिपोर्टर : उल्हासनगर का पादचारी पथ … कब होगा अतिक्रमण मुक्त!

उल्हासनगर
उल्हासनगर मनपा प्रशासन के अधिकारियों की लाचारी और मिलीभगत का ही नतीजा है कि उल्हासनगर में कहीं पर भी सामान रख दिया जाता है। उल्हासनगर के पादचारी पथ पर मोटी रकम खर्च तो की जाती है, लेकिन उसका फायदा लोगों के चलने की बजाय सामान रखने के काम आ रहा है। लोग सड़क पर चलने को मजबूर हैं। उल्हासनगर-शहाड रेलवे स्टेशन के पूर्व में रहनेवाले लोग बड़ी संख्या में शहाड स्टेशन आते हैं। आज स्थिति ऐसी है कि स्टेशन से लेकर उड़ान पुल के नीचे तक मांस, बेकरी, चॉकलेट, पार्विंâग, केला गोडाउन के व्यापारियों ने पादचारी पथ पर अपना कब्जा जमा रखा है। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर संतोष मंडल ने उल्हासनगर के पथ निर्मूलन (अतिक्रमण) विभाग की लाचारी को बयां किया है।
संतोष मंडल ने बताया कि उल्हासनगर में रास्तों व पादचारी पथ पर कब्जा करनेवालों को हटाने और उन्हें दंडित करने के लिए प्रभाग अधिकारी और पथ अतिक्रमण निर्मूलन विभाग बनाया गया है। उपर्युक्त विभाग की कार्रवाई न के बराबर है, जिसके कारण लोग डरते नहीं हैं। देखा गया है कि ये अधिकारी गरीब लोगों पर जोरदार कार्रवाई करते हैं, परंतु दुकानदार सड़क और पादचारी पथ पर सामान रखते हैं। उन पर कार्रवाई सिर्फ दिखावटी होती है, जो हमेशा के लिए बंद होनी चाहिए। लोगों को कभी फुटपाथ तो कभी सड़क पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। विभाग की इस तरह की विफलता की सजा लोग भुगत रहे हैं। ये स्थिति शहाड रेलवे स्टेशन की ही नहीं पूरे शहर की है। वेतनभोगी, रिश्वतखोर अधिकारियों के कारण उल्हासनगर आज लोगों के लिए असुविधाजनक साबित हो रहा है।
अतिक्रमण निर्मूलन विभाग के सहायक आयुक्त गणेश शिंपी ने बताया कि शहाड स्टेशन पर आने-जाने वाले रेल यात्रियों के लिए अड़चन पैदा करनेवाले व्यापारियों पर जल्द से जल्द दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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