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शिक्षकों की कीमत लगा रहे सीएम!…खरीदने की न करें कोशिश…संजय राऊत की मुख्यमंत्री को चेतावनी

सामना संवाददाता / मुंबई

मुख्यमंत्री नासिक में किसलिए पहुंचे थे, यह सभी को पता है। महाराष्ट्र में शिक्षण और शिक्षा पेशे की एक लंबी परंपरा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिक्षा पेशे और शिक्षकों की कीमत लगा रहे हैं। शेयर बाजार की तरह ही यह परंपरा बहुत तेजी से ढहती हुई दिखाई दे रही है। शिक्षक उनके प्रतिनिधियों को चुनेंगे इसलिए आप उन्हें खरीदने की कोशिश मत करिए। इस तरह की चेतावनी मुख्यमंत्री को देते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि यदि आपको महाराष्ट्र की संस्कृति, संस्कार और परंपरा का पता है तो शिक्षकों को बाजार में मत खड़ा करिए। इस निचले स्तर तक न जाएं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शनिवार को नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार के लिए पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा बांटे गए पैसे का वीडियो शिवसेना उपनेता सुषमा अंधारे ने शेयर किया है। उस पर मीडिया से बात करते हुए संजय राऊत ने जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान नासिक में २० करोड़ रुपए उतारे गए, जिसे सभी ने देखा है। मुझे पूरा भरोसा है कि इस चुनाव में भी पैसे बांटे जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री का बेईमानी का स्ट्राइक रेट ज्यादा
संजय राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री का बेईमानी का स्ट्राइक रेट महाराष्ट्र में अच्छा है। पैसों के जोर पर स्ट्राइक रेट खरीदा जा सकता है, वह उन्होंने किया। संजय राऊत ने कहा कि हमारी कई सीटें हाथ में आ गई थीं। उत्तर-पश्चिम मुंबई सीट पर उन्होंने डाका डाला है। यह जनता का नहीं, बल्कि आपके खोकों का स्ट्राइक रेट है।

चुनाव आयोग पर होनी चाहिए कार्रवाई
देशभर में १०० से अधिक सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी महज ५०० से १,००० वोटों के अंतर से जीते हैं। भाजपा ने वहां दबाव बनाकर जीत हासिल की है। धुले की सीट पर प्रत्याशी को विजयी घोषित करने का दबाव लगातार केंद्र की तरफ से हो रहा था। सात ईवीएम मशीन की मतगणना बाकी थी, उस समय इस तरह का दबाव केंद्र के वरिष्ठ सत्ताधारियों ने डाला। इन सभी के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। संजय राऊत ने कहा कि सबसे पहले चुनाव आयोग पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि जिस दिन यह सरकार गिरेगी, तब पहली कार्रवाई हम चुनाव आयोग पर ही करेंगे।

स्नातक और शिक्षक श्रेणी को बाजार में न खड़ा करें। हालांकि, इन सभी का जिम्मेदार चुनाव आयोग है। किस तरह से व्यभिचार के मार्ग से लोकतंत्र की हत्या हो रही है, इसे चुनाव आयोग खुली आंखों से देख रहा है। चुनाव आयोग धृतराष्ट्र की तरह पट्टी बांधे बैठा है, जिसे मोदी और शाह ने गांठ बांधा है।
-संजय राऊत, शिवसेना नेता व सांसद

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