मुख्यपृष्ठनए समाचारदिल्ली डिस्पैच : मोदी जो कहें क्या वही सही?... मोदी राज में...

दिल्ली डिस्पैच : मोदी जो कहें क्या वही सही?… मोदी राज में लोकतांत्रिक अधिकार भी कुचले जा रहे हैं!

-फिलिस्तीन का समर्थन अपराध कैसे?

– बंगलुरु में ११ कार्यकर्ताओं पर एफआईआर
– अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में `मार्च’ निकालने पर चार छात्रों पर मामला दर्ज
– जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों को हिरासत में लिया गया, पुलिस ने पोस्टर फाड़े
– ऑल इंडिया पार्टीस हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवायज हुसैन उमर फारुख को `हाऊस अरेस्ट’ किया

सागर

ऊपर बताई सभी घटनाएं पिछले कुछ दिनों में घटी हैं। सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इजरायल के फिलिस्तीन के गाजा पट्टी की घेराबंदी करने और युद्ध छेड़ देने के बाद। इन सभी घटनाओं में एक तथ्य कॉमन है कि यह प्रदर्शन/अभिव्यक्तियां फिलिस्तीन के समर्थन में थीं। हालांकि, अमदाबाद समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन इजरायल के समर्थन में भी हुए और सोशल मीडिया में भी इजरायल के समर्थन में सामग्री डाली गई है। सवाल यह है कि दशकों से दमन झेल रहे फिलिस्तीन के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने, मार्च करने या सोशल मीडिया में कुछ पोस्ट करने पर ऐसी दमनात्मक कार्रवाई का औचित्य क्या है क्योंकि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी आधिकारिक बयान संप्रतीक, स्वतंत्र फिलिस्तीन बनने और दोनों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पक्ष में ही जारी किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही हमास के हमले के तुरंत बाद इजरायल के समर्थन में ट्वीट किया हो। लेकिन यहां सवाल उठता है कि किसी अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे पर प्रधानमंत्री के ट्वीट को देश का स्टैंड माना जाए या भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान को? दूसरी बात, इजरायल और फिलिस्तीन के संघर्ष में किसी एक पक्ष (इस मामले में फिलिस्तीन) का समर्थन अपराध कैसे हो गया? लोकतंत्र में एक चुनी हुई सरकार के स्टैंड की आलोचना, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण प्रदर्शन क्या नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार नहीं है?
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि प्रधानमंत्री के इजरायल के समर्थन में ट्वीट को देश का स्टैंड माना जाएगा। करीब तीस संगठनों के गठजोड़ कैंपेन अगेंस्ट स्टेट रिप्रेजेंटेशन ने इन कार्रवाइयों की निंदा करते हुए इन्हें रोकने की मांग की है। शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन करना लोगों का एक लोकतांत्रिक अधिकार है और इधर के वर्षों में इसे कुचला जा रहा है।

अन्य समाचार