मुख्यपृष्ठनए समाचारमरना मंजूर है, लेकिन डरना-झुकना नहीं! ... अडाणी पर जोरदार आवाज उठाने वाले...

मरना मंजूर है, लेकिन डरना-झुकना नहीं! … अडाणी पर जोरदार आवाज उठाने वाले संजय सिंह ने दिखाया जोश

•  दस घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने किया गिरफ्तार
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपाई सरकार अब पूरी तरह तानाशाही पर उतर आई है। अपनी आलोचना करनेवाले पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई के एक दिन बाद केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को अपना अगला शिकार बनाया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कल छापेमारी के बाद ‘आप’ के सांसद (राज्यसभा) संजय सिंह को शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, संजय सिंह के खिलाफ जांच एजेंसी को कोई ठोस सबूत नहीं मिला है लेकिन फिर भी पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं करने का आरोप लगाकर संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है,
ऐसा दावा ‘ईडी’ के सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में किया गया है। वहीं इस पर ‘आप’ एवं अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि ‘अडाणी’ और ‘ईडी’ के खिलाफ लगातार आक्रामकता से आवाज उठाने का खामियाजा संजय सिंह को भुगतना पड़ रहा है। उधर, संजय सिंह ने अपनी गिरफ्तारी के बाद एक वीडियो जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा कि उन्हें मरना मंजूर है, लेकिन डरना और झुकना मंजूर नहीं है।
बता दें कि दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप सांसद संजय सिंह के घर ‘ईडी’ ने कल छापेमारी की थी। जिसके लगभग १० घंटे बाद ‘ईडी’ ने संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि उक्त कार्रवाई सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर की गई है। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, दिल्ली शराब नीति मामले में १ अक्टूबर २०२२ को सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने जांच एजेंसी के सामने बताया कि रेस्तरां अनप्लग्ड कोर्टयार्ड में एक पार्टी के दौरान संजय सिंह के जरिए पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से मुलाकात हुई थी। संजय सिंह के कहने पर मैंने (दिनेश अरोड़ा) चेक के जरिए कई रेस्टोरेंट के मालिकों से बात की। दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी फंड के लिए ८२ लाख रुपए जमा किए। ये पैसा मनीष सिसोदिया को दिए गए थे। इस मामले में आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए कुछ डीलर को फायदा पहुंचाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत ली गई थी। ‘ईडी ने भी अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम शामिल किया था। हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार ने संजय सिंह की आवाज को दबाने के लिए दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनवाकर मनमाना बयान लिया है।
संजय सिंह की गिरफ्तारी पर विपक्ष हुआ आक्रामक
आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। ईडी की कार्रवाई के बाद काफी संख्या में आम समर्थक उनके आवास पर पहुंच गए। उन्होंने वहां बैठकर संजय सिंह के समर्थन में नारेबाजी की। वहीं कांग्रेस नेता उदित राज ने ‘आप’ सांसद संजय सिंह पर हुई कार्रवाई की निंदा की है। उदित राज ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘ईडी’ बीजेपी की सहयोगी गठबंधन है, जिसने तबाही मचाई हुई है। उन्होंने कहा कि ‘ईडी’ किसी केस का निपटारा नहीं करती है। इस जांच एजेंसी का इस्तेमाल सिर्फ डराने के लिए हो रहा है। उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ ‘ईडी’ का केस बंद हो गया है। आरजेडी के सांसद मनोज झा ने संजय सिंह पर हुई कार्रवाई को लेकर कहा कि ये सिलसिला चुनाव तक चलने वाला है। इसकी जद में सभी लोग आएंगे। इस बारे में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडे ने कहा कि ईडी का इस्तेमाल कर मोदी सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी और पूरा विपक्ष संजय सिंह के साथ है। इसी तरह समाजवादी पार्टी के नेता अमीक जमई ने कहा कि जिस तरह आज संजय सिंह के यहां पर कार्रवाई हुई है। २०२४ से पहले विपक्ष के और भी नेताओं के यहां ऐसी कार्रवाई होगी, लेकिन विपक्ष सरकार से सवाल पूछना बंद नहीं करेगा। भाजपा की अलोकतांत्रिक कार्रवाई भाजपा को २०२४ में हिंद महासागर में डूबा देगी।

अन्य समाचार