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संपादकीय : एकता की गुढी …महाविजय का कदम!

गुढीपाडवा के शुभ अवसर पर महाविकास आघाड़ी ने एकता की गुढी सजाई है। इसे एक मास्टर स्ट्रोक ही कहना होगा। मतदाताओं ने इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उखाड़ फेंककर राजनीतिक माहौल को शुद्ध करने का फैसला कर लिया है। महाविकास आघाड़ी ने महाराष्ट्र में और इंडिया गठबंधन ने देश की जनता के ‘मन की बात’ को स्वीकार करते हुए इस शुद्धिकरण में लोगों का समर्थन करने का फैसला किया है। महाराष्ट्र में ४८ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों का सीट आवंटन सुचारु रूप से संपन्न हुआ। खास बात यह है कि शिवसेना को २१, कांग्रेस को १७ और एनसीपी को १० सीटों पर सहमति बनी और इसका एलान संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया गया। महाविकास आघाड़ी में विफलता की अफवाह आग लगानेवालों द्वारा फैलाई गई थी। इसमें कोई सच्चाई नहीं थी। सभी दलों के नेता ‘शिवालय’ में एकत्र हुए और उन्होंने एकता की गुढी सजाई। इन नेताओं ने समझदारी दिखाई और वही किया जो आम आदमी के मन में था। देश में एकाधिकारवाद, भ्रष्टाचार और तानाशाही बढ़ रही है। भाजपा नेता नरेंद्र मोदी ने पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री पद से देश चलाते समय लोकतंत्र, संविधान और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का गला घोंटा है। लोगों को डर सता रहा था कि अगर मोदी जैसा नेता दोबारा सत्ता में आया तो यह देश का आखिरी चुनाव होगा और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पतिराजा ने भी यही डर जताया है। देश में जिस तरह की तानाशाही चल रही है, उसे देखकर हिटलर भी अपना सिर झुका लेता। प्रधानमंत्री के रूप में मोदी पूरी तरह विफल और झूठे साबित हुए हैं। महंगाई से लेकर रोजगार तक के तमाम वादे सिर्फ झूठ और जुमले ही साबित हुए हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की उनकी भाषा डींग ही साबित हुई है और आज मोदी ही सभी भ्रष्टाचारियों को अपने तंबू में लेकर देश में सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट चला रहे हैं। भाजपा के खाते में भ्रष्टाचार का पैसा जमा हो रहा है, लेकिन गरीब जनता मजबूर है। अब इन लोगों को आधार और आत्मविश्वास देने का काम महाविकास आघाड़ी को करना है। लोगों को मोदी का नकलीपन दिखाना होगा। मोदी कल चंद्रपुर आए थे और उन्होंने एक चुनावी सभा में कहा, उद्धव ठाकरे की शिवसेना नकली है और उनके चरणों में जूते साफ करने के लिए बैठे शिंदे की शिवसेना असली है और बालासाहेब ठाकरे के विचारों का प्रचार कर रही है। मोदी का यह बयान उनके मन की हताशा का विस्फोट है। शिवसेना को तोड़ने के बावजूद, महाराष्ट्र व महाराष्ट्र की जनता उद्धव ठाकरे के साथ है और हम उनका बाल भी बांका नहीं कर सके, उनके भाषण से यह हताशा स्पष्ट दिखाई देती है। मोदी के मन में उद्धव ठाकरे को लेकर डर है। वह डर उनकी वाणी में दिखता है। असली और नकली इसका पैâसला महाराष्ट्र की जनता करेगी। औरंगजेब की धरती पर जन्मे मोदी को यह अधिकार किसने दिया? मोदी महाराष्ट्र व मर्‍हाठी माणुष का स्वाभिमान सूरत के बाजार में बेचना चाहते थे, लेकिन उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे नेताओं ने ऐसा नहीं होने दिया। इसलिए उनके पेट का दर्द अब बाहर आने लगा है। महाराष्ट्र में मोदी की गपबाजी नहीं चलेगी और मराठी मुल्क में उनके हाथ कुछ नहीं आएगा इसलिए वे यहां आते हैं और कुछ भी कहते हैं। भाजपा एक नंबर की संस्कारहीन पार्टी है। जिस मंच पर मोदी थे, उसी मंच से चंद्रपुर से भाजपा उम्मीदवार सुधीर मुनगंटीवार ने भाई-बहन के रिश्ते के बारे में बहुत गंदा भाष्य कर महाराष्ट्र की संस्कृति को कलंकित किया। यह सब मोदी के सामने हुआ, लेकिन अपने विरोधियों पर बरसने वाले मोदी ने अपने उम्मीदवारों की बकवास पर वैसे ही चुप्पी साध रखी, जैसे उन्होंने अपनी पार्टी के चुनावी बांड के भ्रष्टाचार पर अपने मुंह पर पट्टी बांध चुप्पी साध रखी है। मोदी और उनके लोग देश को बर्बाद कर रहे हैं और महाविकास आघाड़ी को इस विनाश को रोकने का कर्तव्य पूरा करना है। देश में मोदी की जुमलेबाजी के खिलाफ माहौल बन गया है। मोदी के करिश्मे आदि की बात की जाती है, लेकिन उसमें कोई सच्चाई नहीं है। वे भारी धन और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके अपना प्रचार करते हैं। उन्होंने भाड़े के भगतगण बनाए हैं और उनके जरिए वे मोदीनामा के भजन गाते हैं। उन्होंने हर जगह ऐसे मंजीरे बजाने वाले पैदा किए और यही मोदी की ताकत है। देश में ‘इंडिया’ और राज्य में महाविकास आघाड़ी को इस मोदी भजन मंडली का सामना करना पड़ेगा। महाराष्ट्र में ढोंग नहीं चलता और महाराष्ट्र में मोदी का राज्य सिर्फ ढोंग है। मोदी सारे बेईमान लोगों को एक करके महाराष्ट्र में राज कर रहे हैं। यह भ्रष्टाचार का राज महाराष्ट्र और दिल्ली में इसके आगे टिकना नहीं चाहिए। मोदी के पास पाशवी था और उसी के दम पर उन्होंने देश को लूटा। उन्होंने अपने स्वार्थ के लिए धार्मिक सिरफिरे तैयार किए। एक सिरफिरे व्यक्ति की तानाशाही एक महान देश को गड्ढे में डाल देता है, इस बात को देश अनुभव कर रहा है। इस देश को अमानुषिक बहुमत वाली सरकार की जरूरत नहीं है। अब से सर्वमान्य मिली-जुली सरकार ही देश की भाग्य विधाता होगी। महाविकास आघाड़ी ने जो एकता दिखाई है, उससे ४८ लोकसभा क्षेत्रों में एक ऊर्जा का निर्माण होगा। जब भाजपा और उसका बेईमान ‘मिंधे’ गुट सीट आवंटन को लेकर लड़ रहे थे, तब ‘ठाकरे-पवार-पटोले’ एक साथ आए और ४८ सीटों के आवंटन की घोषणा की। महाविकास आघाड़ी ने महाविजय का पहला कदम बढ़ा दिया है!

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