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कुंभकर्णी नींद में चुनाव आयोग! …विधायक कांग्रेस का, मंत्री बना भाजपा का दलबदल कानून की सरेआम उड़ीं धज्जियां

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
बीते लोकसभा चुनाव में ऐसे कई मौके आए, जब चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए गए। एक बार फिर चुनाव आयोग सवालों के घेरे में आ गया है। दरअसल, जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहां संविधान और कानून का कोई महत्व नहीं रह जाता। इसका उदाहरण एक बार फिर मध्य प्रदेश में देखने को मिला। मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार में खुलेआम दलबदल विरोधी कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और चुनाव आयोग कुंभकर्णी नींद में है। दरअसल, मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार में कांग्रेस की टिकट पर ६ बार विधायक चुने गए रामनिवास रावत ने मंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ के बाद मंत्री रामनिवास रावत को लेकर प्रदेश में राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है। अब यह सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि कोई विधायक अपनी मूल पार्टी से इस्तीफा दिए बगैर ही दूसरी पार्टी की सरकार में मंत्री बन जाए।
बता दें कि एमपी के सीएम मोहन यादव की कैबिनेट के विस्तार के दौरान रामनिवास रावत ने मंत्री पद की शपथ ली, जबकि विधानसभा के रिकॉर्ड में वे कांग्रेस विधायक ही हैं। यदि उन्हें मंत्री बनना ही था तो पहले कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा देते, फिर बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर जीतते और इसके बाद मंत्री बनते। यह कैसा अजूबा है कि मतदाताओं ने उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बार-बार जिताया, लेकिन बीजेपी सरकार का मंत्री बनने की धुन में उन्होंने बगैर कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दिए सीधे शपथ ले ली। चुनाव आयोग को भी इस तरह की धांधली पर कड़ी आपत्ति जताते हुए एक्शन लेना चाहिए था। पता नहीं कैसे और क्यों उसने इसकी अनदेखी कर दी। यह घटना लोकतंत्र का उपहास है। विधायक ने उन मतदाताओं से भी गद्दारी की, जिन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मानकर उसे वोट देकर चुनाव जिताया। यदि बीजेपी सरकार में मंत्री बनने का इतना ही शौक था तो विधायक को पहले कांग्रेस से इस्तीफा देना चाहिए था। दलबदल कानून के तहत यह विधायक अयोग्यता का पात्र है।
भाजपा का काम असंवैधानिक
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने यह भी आरोप लगाया, `मध्य प्रदेश में लगातार कर्ज में डूबती रही सरकार कर्ज लेकर घी में नहाने का काम कर रही है। दूसरी तरफ असंवैधानिक रूप से कांग्रेस के विधायक को भाजपा के मंत्री पद की शपथ दिला दी गई है।’

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