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चुनावी चंदे का झोल : अकेले भाजपा को ९५ प्रतिशत चंदा! … ५ प्रतिशत में कांग्रेस सहित दो दर्जन पार्टियां

सामना संवाददाता/ मुंबई
चुनावी चंदे पर डाका डालने वाली भाजपा की करतूत के रोजाना नए किस्से सामने आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद रोज एसबीआई इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर नई जानकारी साझा कर रही है। वर्ष २०१९ में मात्र एक महीने के भीतर जमा चुनावी चंंदे का लगभग ९५ प्रतिशत हिस्सा अकेले भाजपा डकार गई है। जबकि ५ प्रतिशत में पूरे देश की अन्य राजनीतिक पार्टियों को चुनावी चंदा मिला है। भाजपा की ओर से चंदा वसूली का यह फंडा किसी को समझ नहीं आ रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, १२ अप्रैल से १० मई, २०१९ के बीच १३ राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के रूप में कुल २,९०२.८७ करोड़ रुपए मिले, जिनमें से अकेले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को २,७१९.३२ करोड़ रुपए या कुल दान का ९३ प्रतिशत प्राप्त हुआ। बॉन्ड प्राप्त करनेवाले अन्य दलों में कांग्रेस भी शामिल है। यहां कांग्रेस को केवल ३.२ प्रतिशत या कुल ९५.२९ करोड़ रुपए मिले। उस समय चुनावी चंदे के लिए दानवीरों में कोलकाता स्थित उद्योगपति महेंद्र कुमार जालान की फर्म और हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंप्रâास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) २०१९ शीर्ष पर हैं। इनके साथ अन्य कई कंपनियां हैं, जो लोकसभा चुनावों से पहले राजनीतिक दलों के लिए शीर्ष दानदाता थीं। आयोग की ओर से जारी आंकड़ों से पता चला है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को ३६.२ करोड़ रुपए, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को १३.६ करोड़ रुपए, समाजवादी पार्टी को १० करोड़ रुपए, शिवसेना को ८.४५ करोड़ रुपए मिले और लालू की पार्टी आरजेडी को डेढ़ करोड़ रुपए चंद मिला है।

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