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बंद पड़ी नेरुल जेट्टी के कारण हो रही है फ्लेमिंगो की मौत! …मलबे के नीचे दब गया है इनलेट

पर्यावरणविदों का दावा
सामना संवाददाता / मुंबई
नेरुल जेट्टी में फ्लेमिंगों पक्षियों की मौतों को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। पर्यावरणविदों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि सिडको द्वारा बनाई गई नेरुल जेट्टी, जो कि बंद पड़ी है, वह पक्षियों की मौत का कारण बन रही है। उनका कहना है कि नेरुल जेट्टी की तरफ का इनलेट पूरी तरह से निर्माण मलबे के नीचे दब चुका है। झील में पर्याप्त पानी नहीं है, क्योंकि जिन इनलेटों के माध्यम से खाड़ी से पानी बहता है, वे काम नहीं कर रहे हैं। इस बारे में एक्टिविस्ट रेखा सांखला ने कहा कि महज एक हफ्ते के भीतर रहस्यमय परिस्थितियों में कुल १२ फ्लेमिंगो की मौत हुई है।
संगठनों ने लिखा आयुक्त को पत्र
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले वेटलैंड के दलदली हिस्से में घुसने के बाद १२ फ्लेमिंगो की मौत हो गई थी, जिसके बाद नई मुंबई महानगरपालिका, मैंग्रोव सेल, वन विभाग के अधिकारियों की टीम ने बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, वाइल्ड वेलफेयर एसोसिएशन और रेसक्विंक एसोसिएशन फॉर वाइल्डलाइफ वेलफेयर जैसे संगठनों सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने संयुक्त निरीक्षण किया। झील के सूखने और फ्लेमिंगो को नुकसान पहुंचाने से नई मुंबई के आयुक्त को एक पत्र भी लिखा गया, जिसमें इनलेट की खराब स्थिति से अवगत कराया गया था। झील में तीन पानी के इनलेट हैं। सांखला ने बताया कि एनएमएमसी से अवरोधों की सफाई करने की अपील की गई है। इस बीच संगठनों ने पानी के इनलेटों में अवरोधों को साफ करने का काम अपने हाथ में लेने की मांग की है।
सिडको नहीं दे रहा ध्यान
एनजीओ वनशक्ति के निदेशक स्टालिन डी ने कहा कि पिछले साल भी इसी तरह का निरीक्षण किया गया था, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। संगठन को अपने खर्च पर इनलेट की मरम्मत का काम करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि सिडको केवल निर्माण उद्देश्यों में रुचि रखता है। कोई भी सरकारी निकाय सिडको का विरोध नहीं कर रहा, इसलिए जब तक इसका विरोध नहीं किया जाएगा तब तक कोई भी परिणाम नहीं निकलेगा।

 

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