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साइबर ठगों से सावधान!…०५ महीने में ठगी के २,१९७ मामले सामने आए

-४२२ मामले सुलझे, ५१२ आरोपी गिरफ्तार

सामना संवाददाता / मुंबई

आए दिन ऑनलाइन ठगी के मामले देखने-सुनने को मिलते हैं। खासकर, नई टेक्नोलॉजी जैसे एआई, चैटबॉट के आने से ऑनलाइन ठगी के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। साइबर ठग अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर अपना जाल बिछाते हैं। कभी शेयर ट्रेडिंग के नाम पर निवेशकों से ठगी तो कभी असली लगनेवाली वेबसाइट की तरह ही फेक वेबसाइट डेवलप कर साइबर प्रâॉड किए जाते हैं, लेकिन सरकार इस पर काबू पाने में असफल है, जिसका नतीजा है कि वर्ष २०२२-२३ में साइबर क्राइम के मामले में यूपी, महाराष्ट्र और गुजरात सबसे आगे रहे हैं, जबकि पिछले पांच महीने में साइबर ठगी के २,१९७ मामले सिर्फ मुंबई में दर्ज किए गए हैं। गृह विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, २०२३ में महाराष्ट्र में १ लाख ३० हजार केस दर्ज किए गए हैं।
शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी
साइबर ठग शेयर ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को व्हॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ते हैं, उसके बाद उस ग्रुप में ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के बारे में चर्चा होती रहती है। इस पर मुनाफे की चर्चा को देखते हुए लोग निवेश करने के लिए तैयार हो जाते हैं और उनके जाल में फंस जाते हैं। ये ठग हर ग्राहक का एक वर्चुअल अकाउंट बनाते हैं और उसके माध्यम से ठगी कर फरार हो जाते हैं। इसी तरह जनवरी महीने में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ ठगी को अंजाम दिया गया था। इसकी शिकायत मिलते ही पुलिस उपायुक्त दत्ता नलावडे के नेतृत्व में एक टीम ने पैसे ट्रांसफर करनेवाले बैंक खाताधारकों में से सुरक्षा गार्ड हमप्रीत सिंह रंधावा (३४) और निजी ट्यूटर विमल प्रकाश गुप्ता (४५) को गिरफ्तार किया है।

80 प्रतिशत मामले नहीं सुलझे, ५१२ आरोपी गिरफ्तार
साइबर अपराधी इसी तरह निवेश के नाम पर नागरिकों के बैंक खाते खाली कर रहे हैं। पिछले पांच महीनों में साइबर पुलिस के कार्यालय में कुल २ हजार १९७ साइबर अपराध दर्ज किए गए हैं, इनमें से ४२२ अपराध सुलझाए गए हैं और ५१२ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही निवेश के नाम पर ठगी के १,३२२ मामलों में से निवेश का लालच देकर धोखाधड़ी के ३५५ मामले सबसे ज्यादा हैं, इनमें से ७६ अपराध सुलझाए गए हैं और २१ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

साइबर ठगी होने पर तुरंत इसकी शिकायत पुलिस या साइबर हेल्प लाइन पर करते ही इसे जल्द सुलझाया जा सकता है। कई बार लोग साइबर ठगी की शिकायत करने में देरी करते हैं, जिसके कारण इस तरह के मामले सुलझाने में समय लग जाता है। इसका फायदा साइबर अपराधी उठाते हैं।
दत्ता नलावड़े, पुलिस उपायुक्त

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