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अग्नि सुरक्षा को लेकर सरकार को फटकार …नियमों को लागू करने में नहीं चलेगा बहाना : हाई कोर्ट

सामना संवाददाता / मुंबई
मुबई उच्च न्यायालय ने गत शुक्रवार को अग्नि सुरक्षा नियमों को लागू करने के लिए चुनाव का बहाना बनाने को लेकर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है। राज्य सरकार ने एकीकृत विकास नियंत्रण संवर्धन विनियम (डीसीपीआर) को २० मई के बाद अंतिम अधिसूचना लागू करने की अनुमति देने की मांग की थी। राज्य सरकार की इस मांग की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता इस अधिसूचना को जारी करने में आड़े नहीं आ सकती। कोर्ट ने सरकार को चेतावनी भी दी कि वह बहाने बनाकर समय न मांगे।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय की नेतृत्व वाली खंडपीठ ने इस बयान पर तब संज्ञान लिया जब अतिरिक्त सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने कहा कि लोकसभा चुनाव के कारण २० मई तक अधिसूचना जारी करना मुश्किल होगा और इसमें समय लग सकता है। साथ ही चुनाव के कारण अदालत के आदेशों पर अमल करना मुश्किल बताया। इस पर खंडपीठ ने फटकार लगाते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश पर अमल के लिए चुनाव का कारण नहीं दिया जा सकता है।
मुंबई में २६ नवंबर, २००८ को हुए हमले के मद्देनजर राज्य सरकार ने शहरों में इमारतों की अग्नि सुरक्षा और ऐसी घटना की स्थिति में जानमाल के नुकसान और वित्तीय नुकसान को रोकने के संबंध में २००९ में एक मसौदा अधिसूचना जारी की थी। लेकिन इस संबंध में अंतिम अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इसके लिए आदेश देने की मांग को लेकर एड. आभा सिंह ने वकील आदित्य प्रताप की ओर से जनहित याचिका दायर की है। मामले पर सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ताओं ने मांग की कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एकीकृत विकास प्रोत्साहन नियमावली में अग्नि सुरक्षा नियमों को शामिल करने वाली अंतिम अधिसूचना २० मई के बाद जारी करने की अनुमति दी जाए। राज्य सरकार की इस मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया और सरकार को २० मई तक अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया।
अप्रैल तक मंगाई जाएंगी आपत्तियां-सुझाव
मार्च और अप्रैल के बीच नगर नियोजन अधिकारियों द्वारा इस संदर्भ में सुझाव और आपत्तियां मंगाई जाएंगी। इसके बाद डीसीपीआर में शामिल करने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा जाएगा।

मनपा ने दाखिल किया हलफनामा
इस बीच शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया। इसमें आवासीय और अन्य इमारतों में अचानक आग लगने से उत्पन्न आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए उपलब्ध उपायों का विवरण दिया गया। तदनुसार, मुंबई के ६०३.४ वर्ग किमी क्षेत्र में ३५ फायर स्टेशन और १७ संलग्न फायर स्टेशन हैं। इसके अलावा हलफनामे में ६२ दमकल गाड़ियां, ३३ जंबो टैंकर, अग्निशमन रोबोट, दोपहिया वाहन सहित विशेष उपकरण होने का भी दावा किया गया है। इसी तरह क्यूआरवी, हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म, टर्न टेबल सीढ़ी, हवाई सीढ़ी प्लेटफॉर्म, बचाव वाहन आदि जैसे वाहन हैं। इसके अलावा फायर ब्रिगेड के पास हाइड्रोलिक बचाव उपकरण, थर्मल इमेजिंग वैâमरे जैसे विशेष उपकरण हैं, ऐसा मनपा ने अपने हलफनामे में कहा है।

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