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भाजपा के मतिभ्रष्ट शासन का करना होगा होलिका दहन! … मिरज में गरजे उद्धव ठाकरे

भाजपा की स्थिति कचरागाड़ी जैसी तरह हो गई है, इसलिए बाहरी लोगों को लेने की नौबत आ रही है’

सामना संवाददाता / मुंबई
होली पर दूसरे के घरों से सामान चुराकर उन्हीं के नाम से चिल्लाना यह भाजपा का होलिका दहन है। भाजपा के इन दस सालों के मतिभ्रष्ट शासन का होलिका दहन हमें ही करना होगा। इन शब्दों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा की जोड़तोड़ की राजनीति पर जोरदार फटकार लगाई।
मिरज में हुई जनसंवाद सभा में उन्होंने भाजपा की औरंगजेबी प्रवृत्ति पर ‘ठाकरे शैली’ में प्रहार किया। उन्होंने कहा कि शिवसेनाप्रमुख को फबनेवाली विशाल सभा कई सालों के बाद मिरज में हो रही है। शिवसेनाप्रमुख के बोए हुए बीज आज विशालकाय वृक्ष हो गए हैं, क्योंकि शिवसेनाप्रमुख ने शिवसेना का जो बीज महाराष्ट्र में बोया वह भाजपा की तरह सड़ा हुआ बीज नहीं है। कारण भाजपा, संघ को इतने साल हो गए, फिर भी उनका बीज अंकुरित ही नहीं हो सका है। सभी बाहरी लोगों को लेना पड़ रहा है। थोड़े में कहें तो भाजपा की परिस्थिति कचरा इकट्ठा करनेवाली गाड़ी जैसी हो गई है। उन्होंने कहा कि अब होली का त्योहार है। इस मौके पर हमें जो सामान घरों में नहीं रखना होता है, उसे घर के बाहर रख देते हैं। फिर होलिका दहन करनेवाले उसे चुरा ले जाते हैं, वैसी ही स्थिति आज भाजपा की हो गई है। इन्हें हमारा सामान ले जाना है, उस पर होलिका जलानी है और चिल्लाना भी हमारे नाम से ही है।

औरंगजेब की धरती पर पैदा हुए लोग हमें हिंदुत्व न सिखाएं -उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे ने कहा कि यदि आपने होलिका दहन का निश्चय किया है, तो सबसे पहले आपको भाजपा के दस सालों के मतिभ्रष्ट शासन की होलिका को जलानी पड़ेगी। इसलिए मैं सांगली में आया हुआ हूं। घातियों के पत्रकार परिषद पर भी उन्होंने चाबुक चलाया। उन्होंने कहा कि यहां आने से पहले मुझे पता चला कि असंवैधानिक मुख्यमंत्री द्वारा पत्रकार परिषद लेकर दम दिया गया है। वे अपने विधायकों को बोले हैं कि याद रखो, तुम्हारी कुंडली हमारे पास है। मैं कहता हूं कि आप कुछ भी कर लो, इसके बावजूद पराजित होंगे मतलब होंगे ही। सभी की कुंडलियां ले लिए हो, ४० तोते साथ में हैं। फिर किसी पेड़ के नीचे बैठकर और एक ज्योतिषी के रूप में धंधा शुरू करो, क्योंकि यही करना पड़ेगा।
शिवसेनाप्रमुख के कमरे यानी जिसे हम मंदिर मानते हैं, उस कमरे में मुझे दिया गया वादा अमित शाह ने तोड़ दिया और ऊपर से मुझे झूठा ठहराने के लिए निकले हैं। इसलिए मुझे गुस्सा आया और मैं मैदान में उतर आया। क्योंकि ये हमारा हिंदुत्व नहीं है। औरंगजेब की धरती पर पैदा हुए लोग हमें हिंदुत्व न सिखाएं, हम शिव छत्रपति के महाराष्ट्र में पैदा हुए हैं। यह भूमि वीरों को जन्म देती है और गद्दारों को मिट्टी में मिला देनेवाली है। छत्रपति के महाराष्ट्र के साथ आपने ये गद्दारी की है। आप भाई-भतीजावाद के लिए मेरी आलोचना करते हैं। मुझे गर्व है कि मैं हिंदूहृदयसम्राट और अपनी मां का पुत्र हूं। मोदी और अमित शाह को अपनी सात पीढ़ियों का इतिहास बताना चाहिए। मैं अपनी पीढ़ियों का इतिहास बताता हूं। मैंने कल औरंगजेब के रवैये के बारे में बात की तो मोदी ने तुरंत कहा कि मुझे औरंगजेब कहा, मेरा अपमान करने के लिए कहा… मोदीजी मैं इतने नीचे स्तर का नहीं हूं। मैंने कभी नहीं कहा कि आप अपना सिर काट डालो, क्योंकि ये मेरे संस्कार नहीं हैं। उद्धव ठाकरे ने यह भी फटकार लगाई कि अगर आप मेरे महाराष्ट्र को लूटने की कोशिश करेंगे तो मैं दोहराता हूं कि हम उस औरंगजेबी रवैए को महाराष्ट्र की ही मिट्टी में मिलाए बिना नहीं रहेंगे। यह सभी वीरों, शूरों और मर्दों का इलाका है। यहां पराक्रम सिखाने की जरूरत नहीं पड़ती है। यहां घास के तिनके भी भाले बन जाते हैं। उस औरंगजेब को पता था। बांटो और राज करो औरंगजेब की प्रवृत्ति थी। ये हमारा हिंदुत्व नहीं है। हिंदुत्व के नाम पर देश को बर्बाद करनेवाली यह भाड़े की जनता पार्टी है। हम उनके हिंदुत्व को स्वीकार नहीं करते। आप तय करें कि आपको कौन-सा हिंदू धर्म चाहिए। इस तरह का रोखठोक सवाल उद्धव ठाकरे ने उपस्थितों से पूछा।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं व्यक्ति देखकर जिम्मेदारी देता हूं। मुझे यकीन है कि जो आदमी मिट्टी पर कुश्ती लड़कर जीतेगा, वह मिट्टी के प्रति ईमानदार होगा और कभी भी मिट्टी के प्रति बेईमानी नहीं करेगा। आज मैं चंद्रहार पाटील की उम्मीदवारी की घोषणा कर रहा हूं। चंद्रहार पाटील यहां शिवसेना की मशाल पर निर्वाचित होंगे। यह मर्द आपके लिए उतरा है, लेकिन आपको जिताने का साहस दिखाना होगा। सांगलीकरों को भी कहना होगा हम भी मर्द हैं। आप ही इस चंद्रहार पाटील की गदा हो।

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