मुख्यपृष्ठनए समाचारईडी सरकार है कि सुनती ही नहीं मीरा-भायंदरवासियों को टोल पर टंटा!

ईडी सरकार है कि सुनती ही नहीं मीरा-भायंदरवासियों को टोल पर टंटा!

फिर बढ़ गया टोल टैक्स
नागरिकों में भारी आक्रोश
चंद्रकांत दुबे / मीरा रोड
मीरा-भायंदर शहर के नागरिकों को मुंबई में प्रवेश करने के लिए दहिसर टोल से गुजरना पड़ता है। हालांकि, यह मुंबई की सीमा पर है और मुंबई आते-जाते समय हर दिन कई बार घंटों ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है। स्थानीय नेता इसे चुनाव जीतने का मुद्दा तो बनाते हैं, लेकिन चुनाव बाद ही भूल जाते हैं। ऐसा नागरिकों का कहना है। यही नहीं, सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे भी देखे जा सकते हैं। टोल प्लाजा पर कोई सुविधा नहीं दी जाती, लेकिन टोल देना ही पड़ता है। टोल टैक्स में हुई वृद्धि को लेकर मीरा-भायंदर के नागरिकों ने राज्य सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है।
बता दें कि मीरा-भायंदर शहर मुंबई से सटा हुआ इलाका है। मीरा-भायंदर, वसई-विरार के लोगों को दहिसर होते हुए मुंबई जाने के लिए केवल एक ही रास्ता है इसलिए इस सड़क से प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं। दहिसर टोल बूथ पर मुंबई जाने के लिए गाड़ियों की लंबी कतारें लगी रहती हैं इसलिए उस स्थान पर टोल के झोल से नियमित जाम लगा रहता है। मीरा-भायंदर से चंद मिनटों की दूरी पर स्थित मुंबई जाने के लिए घंटों ट्रैफिक में फंसना पड़ता है। इससे नागरिकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। दहिसर टोल बूथ को हटाने की मांग कई सालों से की जा रही है और समय-समय पर इसका राजनीतिक फायदा भी उठाया जाता रहा है, लेकिन यहां के लोगों को स्थानीय नेताओं से सिर्फ लॉलीपॉप मिलता आया है।
टोल बंद करना होगा
मीरा-भायंदरवासी हमेशा की तरह इस बार भी मूर्ख बनाए गए हैं। दहिसर टोल टैक्स में १५ से १८ प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। ये मीरा-भायंदर की जनता के गाल महाराष्ट्र सरकार का जोरदार तमाचा है। इसके खिलाफ आम जनता को टोल प्लाजा पर बिना कोई राजनीतिक पार्टी को लेकर खुद ही टोल बंद करना होगा, जैसे कोल्हापूर में किया गया था। सरकार ने जनता के साथ धोखा किया है, इस बात को जनता को समझना चाहिए।
-जंगम प्रदीप दिलीप, जिद्दी मराठा प्रतिष्ठान

टोल का बोझ क्यों उठाएं?
राजनीतिक नेता व जनप्रतिनिधि इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। चूंकि नागरिक टोल की समस्या से पहले ही परेशान थे और इस पर महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) ने १ अक्टूबर से मुंबई के प्रवेश द्वारों पर टोल दरें बढ़ा दी हैं, जो सरासर गलत है। टैक्स बढ़ोतरी का बोझ मीरा-भायंदरवासी क्यों उठाएं!
-रोहित सुवर्णा, पूर्व नगरसेवक व
सामाजिक कार्यकर्ता

जनता को धोखा दिया है
वर्तमान दोनों स्थानीय विधायक जो सत्ता के साथ हैं, चुनाव के समय टोल समाप्त करने अथवा यहां से हटाने का वादा किए थे, लेकिन उन्होंने सिर्फ जनता को धोखा दिया है। अगर टोल बूथ नहीं हटाया गया तो मीरा-भायंदर के लोगों का टोल माफ होना चाहिए क्योंकि ऐसा कई टोल प्लाजा पर किया जा चुका है। विरार से अमदाबाद जाने वाले टोल प्लाजा पर वसई- विरार के लोग टोल नहीं देते हैं।
-शफीक अहमद सुल्तानपुरी, सामाजिक कार्यकर्ता, मीरा-भायंदर

जाम में फंसने से बीपी बढ़ जाता है
इस मुद्दे को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया जा चुका है, लेकिन पिछले कई सालों से इस पर कोई विकल्प या निर्णय नहीं लिया गया। इस टोल बूथ पर आने-जाने वाले नागरिकों को कोई सुविधा नहीं दी जाती है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, उसके लिए कोई खर्च नहीं किया जा रहा है लेकिन नागरिकों से टोल वसूला जा रहा है। काम के सिलसिले में यहां से प्रति दिन गुजरना पड़ता है तो जान पर आती है। कभी-कभी तो जाम में फंसने से बीपी बढ़ जाता है।
-ललित अग्रवाल, मीरा रोड

सरकार को कई बार पत्र लिखा गया
इस संबंध में सरकार को कई बार पत्र लिखा गया। यातायात के दौरान समय की कैसे बचत हो, इसके लिए केंद्र सरकार बुलेट ट्रेन चलाने तक की घोषणा कर चुकी है, जिसमें मुंबई से अमदाबाद दो घंटे में पहुंचा जा सके। मीरा-भायंदर के लोगों को मुंबई जाने में कभी-कभी दो से तीन घंटा और वापस घर आने के लिए घंटों ट्रैफिक जाम से गुजरना पड़ता है। इससे लोगों के समय की बर्बादी तो होती ही है, साथ ही आर्थिक नुकसान भी होता है।
-गजेंद्र भंडारी, अध्यक्ष- राजस्थानी जनजागरण सेवा संस्था

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