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राष्ट्रीय रामायण मेले में कुशनगरी गौरवांवित, 6 साहित्यकारों के व्याख्यान ने स्थापित किया नया कीर्तमान

विक्रम सिंह / सुल्तानपुर

डॉ. राम मनोहर लोहिया द्वारा स्थापित राष्ट्रीय रामायण मेला चित्रकूट के पांच दिवसीय समारोह में जनपद सुल्तानपुर के 6 साहित्यकारों ने व्याख्यान देकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
सभी साहित्यकार चर्चित साहित्यिक संस्था `अवधी मंच’ से जुड़े हैं। प्रतिवर्ष होने वाले इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से ‘राम साहित्य’ के मर्मज्ञ विद्वान शामिल होते हैं, जिसमें इस बार एकसाथ जनपद के महत्वपूर्ण साहित्यकारों का वक्तव्य हुआ। मंच के सचिव ज्ञानेंद्र विक्रम के अनुसार, वरिष्ठ साहित्यकार ‘लोकभूषण’ डॉ. आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप ने लोक साहित्य में सीता , ‘साहित्य भूषण’ डॉ. सुशील कुमार पांडेय ‘साहित्येन्दु’ ने संस्कृत ग्रंथों में रामकथा, संत तुलसीदास पीजी कॉलेज में हिंदी के विभागाध्यक्ष रह चुके डॉ. ओंकारनाथ द्विवेदी ने श्रीरामचरित मानस में वर्णित रामकथा की विशिष्टता, ‘साहित्य भूषण’ विजय शंकर मिश्र ‘भास्कर’ ने ‘भक्ति साहित्य में राम’ , युवा साहित्यकार पवन कुमार सिंह ने ‘महात्मा बनादास का राम साहित्य’ और कृष्णमणि चतुर्वेदी ‘मैत्रेय’ ने ‘तुलसी साहित्य’ की ऐतिहासिकता व प्रामाणिकता विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
आशुकवि मथुरा प्रसाद सिंह ‘जटायु’ ने कहा कि एक साथ एक ही जनपद के 6 साहित्यकारों का व्याख्यान कार्यक्रम के दौरान चर्चा का विषय बना रहा। यह जनपद के लिए गौरव का विषय है।

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