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देश में कानून व्यवस्था को गृहमंत्री से ही खतरा… राजनीतिक लाभ पर करते हैं विचार

-संजय राऊत ने अमित शाह पर किया जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई

जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिनों में तीन आतंकी हमले हुए हैं। ये हमले गृहमंत्री अमित शाह की असफलता है। उन्हें फिर से गृहमंत्री पद दिए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं और मणिपुर में फिर से हिंसा भड़क गई है। मणिपुर में पूर्व मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला हुआ। अमित शाह गृहमंत्री पद का इस्तेमाल कानून व्यवस्था, शांति बनाए रखने के लिए नहीं कर रहे, बल्कि अपने राजनीतिक विरोधी कांटों को निकालने के लिए करते हैं। देश के सीने पर इस तरह का गृहमंत्री बैठाने से एक तरह से शहीदों का अपमान हुआ है। देश में कानून व्यवस्था को सबसे अधिक खतरा गृहमंत्री से ही है, क्योंकि वे कानून व्यवस्था का विचार करने की बजाय राजनीतिक लाभ पर सोचते हैं। इस तरह का जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया।
मीडिया से बात करते हुए सांसद संजय राऊत ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि अमित शाह गृहमंत्री पद का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधी कांटों को निकालने के लिए कर रहे हैं। वे विरोधियों को खत्म करते हैं, लेकिन आतंकियों को नहीं खत्म कर सकते। वे भ्रष्टाचारियों को अपने घरों और पार्टी में लेते हैं, लेकिन कश्मीरी पंडितों को उनके घरों में नहीं भेज सकते हैं। उनके कार्यकाल में आतंकी खत्म ही नहीं हुए। जम्मू-कश्मीर अथवा मणिपुर जलता रहा, दहशतवाद चलता रहा। सत्ताधारियों ने केवल इस बात का खास ख्याल रखा कि वहां की बातें बाहर न आने पाएं। शाह के कार्यकाल में सबसे अधिक जवान शहीद हुए, लोगों की हत्याएं हुईं। दिल्ली में शपथ समारोह शुरू रहने के दौरान दस लोगों की हत्याएं हुईं। आज भी जवानों पर हमले हुए। ये बड़ी चुनौती है। संजय राऊत ने जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि विरोधियों को खत्म करने में इस्तेमाल करनेवाली ताकत को दहशत गर्दों को समाप्त करने के लिए करेंगे तो देश का भला होगा। चंद्राबाबू नायडू और नीतिश कुमार को गृह मंत्री का इस्तीफा मांगना चाहिए। जवानों की हत्या और निर्दोषों के खून के लिए नीतिश कुमार और चंद्राबाबू नायडू को भी जिम्मेदार ठहराया गया है, क्योंकि ये सरकार उन्हीं के समर्थन पर खड़ी है। सांसद राऊत ने कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी भी है।
भागवत ने जो कहा, उस पर अमल नहीं कर रही भाजपा!
इस बीच संघ के मुखपत्र से भाजपा पर तंज कसा गया है। इस पर भी राऊत ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने कल इस बारे में बात की थी, लेकिन इस पर अमल नहीं किया। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष ने कहा था कि हमें संघ की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि अब हम आत्मनिर्भर हैं और नरेंद्र मोदी भगवान का अवतार हैं। क्या भगवान को किसी की जरूरत है? राऊत ने कहा कि देश संकट में है। मोदी के नेतृत्व में बेहद अस्थिर सरकार आई है। यह कब तक चलेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। सरकार चलाने के लिए क्या-क्या समझौते करने पड़ेंगे, कौन-से भ्रष्ट रास्ते अपनाने पड़ेंगे, इसे लेकर हमारे मन में कोई संदेह नहीं है। लेकिन यह सरकार कितने दिनों तक चलेगी, यह कहना संभव नहीं है।
महाविकास आघाड़ी के सभी दल एकजुट!
इस बीच संजय राऊत ने कहा कि कोकण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना के उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया जाएगा और नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस अपना उम्मीदवार वापस ले लेगी। उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि महाविकास आघाड़ी मिलकर लड़ेगी और चारों सीटों पर जीत हासिल करेगी।
लोकसभा चुनाव में हमारे सामने धनुष बाण के तेरह उम्मीदवार उतारे गए थे। इससे ग्रामीण इलाकों में अफरा-तफरी मच गई। इससे इसका असर पड़ा है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा संघर्ष शिवसेना को करना पड़ा, लेकिन हमने कांग्रेस और राकांपा के प्रचार में खुद को समर्पित कर दिया। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार ने कड़ी मेहनत की। अब विधानसभा में १८५ सीटें जीतने का लक्ष्य है।
संजय राऊत, शिवसेना नेता व सांसद

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